आष्टा। आष्टा नगर के शांति नगर निवासी बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत हुए ज्ञानचंद विनायका की सांसारिक धर्म पत्नी एवं विकास, विश्वास, विलास की पूज्य माताजी पुष्पा जैन विनायका को गुरुवार सुबह साढ़े छः बजे क्षुल्लिका दीक्षा देकर आपका नाम 105 क्षुल्लिका सुमार्ग मति जी देकर सभी प्रकार का त्याग कराया गया और एक घंटे पश्चात समाधि मरण इंदौर के समीप धरमपुरी में हुआ। दीक्षा दिलाने वाले मुनिश्री संघ व धरमपुरी की समाज ने वहीं पर डोला निकालने का निर्णय लिया।

डोला में आष्टा से श्री विनायका के स्नेहीजनों ने शामिल होकर अंतिम बिदाई दी।
आष्टा के शांति नगर निवासी ज्ञानचंद जैन विनायका की सांसारिक धर्म पत्नी एवं विकास, विश्वास, विलास की पूज्य माताजी पुष्पा जैन विनायका ने 22 मई को प्रातः अपने मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करते हुए मुनि संघ के परम सानिध्य में त्याग- तपस्या सहित धार्मिक भावनाओं के साथ आचार्य दीक्षा के पश्चात का नाम वात्सल्य मूर्ति आचार्य 108 श्री सुंदर सागर ज़ी महाराज ससंघ के द्वारा क्षुल्लिका दीक्षा को प्राप्त कर

105 श्री सुमार्ग मति जी नाम पाया। क्षुल्लिका दीक्षा पश्चात माताजी का शुभकामनायें भावो के साथ आज प्रातः सात बजकर ग्यारह मिनट पर आचार्य संघ के विहार के समय स्वयं आचार्य सुंदर सागर ज़ी महाराज के साथ एक मुनिराज और तीन माताजी ने संबोधन देकर उनका डोला इंदौर के समीप श्वेताम्बर जैन मंदिर धरमपुरी से निकाला गया।
























