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आष्टा। पोस्ट ऑफिस में अपनी सेवाएं देकर कुछ सालों पहले सेवानिवृत्त हुए शांति नगर निवासी 69 वर्षीय अशोक कुमार सुराणा सुपुत्र माणकचंद सुराणा के आकस्मिक निधन पर उनके पुत्र कवि अतुल सुराणा सहित परिवार ने उनकी आंखों को उनकी भावना के अनुरूप नेत्रदान कर नगर में एक इतिहास रचा।नगर में नेत्रदान करने वाले वह पहले व्यक्ति है। दूसरी तरफ नेत्र चिकित्सक डॉ अतुल उपाध्याय ने कहा कि अशोक कुमार सुराणा के नेत्रदान करने से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी। डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि एमके इंटरनेशनल आई बैंक से इस संबंध में पहले पंजीयन कर लिया गया था और उन्होंने 11 मार्च को बीएमओ डॉक्टर जीडी सोनी को आई कलेक्शन सेंटर की स्वीकृति हेतु सहमति पत्र भेजा था ।

जिसमें उल्लेखित किया था कि आपका सहमति पत्र 6 मार्च का प्राप्त हुआ ।नेत्रदान के लिए देवकरण तमोलिया तकनीक कार्य संपादन करेंगे एवं डॉ अतुल उपाध्याय समन्वयक होंगे। कार्यकारी निदेशक एम के इंटरनेशनल आई बैंक इंदौर के डॉक्टर उमा झंवर ने पत्र में अभी उल्लेखित किया है कि हम नेत्रदान के लिए आवश्यक सामग्री देवकरण तमोलिया के माध्यम से भेज रहे हैं। जिसका विवरण भी उन्होंने भेजा है। अंधत्व निवारण और नेत्रदान के प्रोत्साहन हेतु अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है। डॉ अतुल उपाध्याय ने बताया कि डॉ उमा झंवर एवं डॉ शरद पंडित अध्यक्ष मध्य प्रदेश नेत्र सुरक्षा संस्थान की अनुशंसा पर आष्टा में आई बैंक कलेक्शन सेंटर स्वीकृत किया गया है।

शुक्रवार 21 मार्च को डॉ उमेश श्रीवास्तव नेत्र रोग विशेषज्ञ सीहोर एवं डॉक्टर जीडी सोनी बीएमओ आष्टा के मार्गदर्शन में पहला नेत्रदान संपन्न हुआ है। डॉ अध्याय ने बताया कि नेत्रदान में सिर्फ कार्निया ही निकाला जाता है,पूरी आंखें नहीं। निकल गए कन्या को तुरंत ही एमके इंटरनेशनल आई बैंक इंदौर भेजा गया ।जहां पर इसे फिनिशिंग कर सुरक्षित रखा जाएगा एवं जरूरतमंद को निशुल्क प्रत्योरोपित किया जाएगा ।

विदित रहे कि शांति नगर निवासी श्वेताम्बर जैन समाज के वरिष्ठ माणकचंद सुराणा के ज्येष्ठ सुपुत्र नरेंद्र सुराणा के बड़े भ्राता अतुल, अश्विन के पूज्य पिताजी, नितेश, निलेश के बड़े पापा, अरहम,आदित्य,अरनव, शाश्वत के दादा अशोक कुमार सुराणा का संथारा पूर्वक अरिहंत शरण हुआ। शवयात्रा उनके निवास स्थान से निकाली गई, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने शामिल होकर अंतिम बिदाई दी।

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