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समाधि दिवस पर भूतबली सागर जी “महामुनिराज की डॉक्युमेट्री फिल्म ”महासाधक का भव्य प्रसारण
दिव्योदय तीर्थ किला जिनालय में हुआ, अनुराग जैन ने किया निर्देशन”समाज ने किया सम्मान
भूतबली सागर महाराज की फिल्म काफी प्रेरणादायक — मुनि निष्कंप सागर महाराज”

श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला जिनालय आष्टा में भूतबली सागर जी महामुनिराज के प्रथम समाधि दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनके जीवन पर आधारित डॉक्युमेट्री फिल्म का भव्य प्रसारण हुआ। यह फिल्म वर्धमान डिजिटल की प्रस्तुति थी और अनुराग जैन ने इसका लेखन -निर्देशन किया है । उक्त फिल्म को मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज ने प्रेरणादायक बताया। इस फिल्म में समाधि सम्राट मुनिश्री भूतबली सागर जी महामुनिराज के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है। जिसमें उनका बचपन, उनकी शिक्षा, उनकी धार्मिक यात्रा और उनके उपदेश शामिल हैं।


फिल्म के प्रसारण के दौरान, दिव्योदय तीर्थ किला जिनालय में बड़ी संख्या में श्रावक – श्राविकाएं उपस्थित थे। सभी ने फिल्म को बहुत सराहा और भूतबली सागर जी महामुनिराज के जीवन और उपदेशों से प्रेरित हुए। उनके समाधि के दृश्यों पर उपस्थित समाजजन भावुक नजर आए।इस अवसर पर निर्देशक अनुराग जैन ने कहा कि महासाधक मुनिश्री भूतबली सागर जी के जीवन के बारे में बहुत से लोगो को कई बातें पता नहीं थी, इसलिए यह फिल्म उनके जीवन और उपदेशों को समझने के लिए एक अद्भुत अवसर है। हमारा लक्ष्य था महासाधक की कहानी जन – जन तक पहुंचाने का। हमें उम्मीद है कि यह फिल्म लोगों को प्रेरित करेगी और इस फिल्म से हमे उनके जीवन के बारे में ,उनकी साधना के बारे में जानने में मदद मिलेगी ।

वर्धमान डिजिटल और द महावीर मार्ग की योजना है कि यह फिल्म अन्य शहरों में भी प्रसारित होगी। जहाँ उनसे जुड़े भक्त इसको देख सके, इस फिल्म का प्रसारण मीरा रोड मुंबई में भी है ‌।अनुराग जैन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह फिल्म लोगों को प्रेरित करेगी और उन्हें जैन धर्म के मूल्यों और सिद्धांतों को समझने में मदद करेगी।”

“मुस्जिद बाहर वाली में रमजान में कुरान पूरा होने पर नज़राने में दी गयी इलेक्ट्रिक स्कूटी”

रमजान के पवित्र माह में पूरे नगर में चारो ओर रौनक छाई हुई है, मुस्लिम समुदाय द्वारा इस माह में पाबंदी के साथ नमाज पढ़कर ओर रोजे रखकर इबादत की जा रही है, साथ ही इस माह में मस्जिदों में तरावीह भी हो रही है, जिसमें हाफिज ए कुरान द्वारा तरावीह में कुरान सुनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी बाहर वाली मस्जिद में तरावीह पढ़ाई जा रही है,

जिसमें रविवार रात्रि में मुस्जिद बाहर वाली नज़र गंज आष्टा में तरावीह में कुरान की तिलावत पूरी हुई, जिसमें हाफिज़ शौएब खान ने पंद्राहवे रोज़े को कुरान को मुकम्मल पढ़ा, इस मुबारक अवसर पर मस्जिद बाहर वाली नौजवान कमेटी द्वारा एक अनोखी पहल करते हुए हाफिज़ शोएब खान को नज़राने में एक इलेक्ट्रिक स्कूटी ओर 20 हजार रूपये नज़राने के तौर पर दिया। उक्त अवसर पर नौजवानो में हर्ष एवं उत्साह जैसा माहौल देखा गया।

“जिस साधक की जहां समाधि होती है वह तीर्थ हो जाता है,भूतबली सागर महाराज ने आष्टा किला मंदिर को महातीर्थ बना दिया — मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज
भूतबली सागर महाराज का प्रथम समाधि दिवस गुरु स्मरण दिवस के रूप में संपन्न”

जीवन महत्वपूर्ण नहीं,जीवन का मूल्य महत्वपूर्ण है।साधन से सुविधा मिलेगी, लेकिन सुख की प्राप्ति नहीं होती है।संसार में कोई सुखी नहीं है, बड़े से बड़ा व्यक्ति भी दुखी हैं।मनुष्य पर्याय में एक व्यक्ति सुखी है,वह है दिगंबर मुनि।साधना से हम सुखी है, इसे अर्जित किया जाता है, जबकि साधन जुटाया जाता है। इस संसार में शादी नहीं होने पर दुखी ,तो शादी करने वाले भी सुखी नहीं। सुविधाएं ही दुविधा का कारण।एक सुविधा मिलती हैं तो दूसरी दुविधा उत्पन्न हो जाती है।सुविधा की तरफ नहीं साधना की तरफ दृष्टि दौड़ाएं। यह शरीर नाशवान है।

भूतबली सागर महाराज ने इसे समझा और आत्म मस्त होकर अपना कल्याण किया,वह पर्याय को जानते थे। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज कितनी ही बार अस्वस्थ होने के बाद स्वस्थ हुए, लेकिन डोंगरगढ़ में उन्होंने अंतिम सांस ली।अंत समय में आचार्य विद्यासागर महाराज को चेतना थी। आचार्य भगवंत अनयत बिहारी थे। आचार्य विद्यासागर महाराज कहते थे मेरे पीछे-पीछे आ जाना। भूतबली सागर महाराज की उत्कृष्ट समाधि उन्हीं के बाद हुई।पूरी चेतना के साथ नजर आए। हम स्वतंत्र है ,स्वच्छंद नहीं।जिस साधक की जहां समाधि होती है वह तीर्थ हो जाता है और भूतबली सागर महाराज ने इस आष्टा के किला मंदिर को महातीर्थ कर दिया। किला मंदिर तो पहले ही तीर्थ था। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर समाधि सम्राट वात्सल्य दिवाकर मुनिश्री भूतबली सागर महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर आयोजित गुरु संस्मरण संगोष्ठी में आशीष वचन देते हुए मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने कहीं।

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य पूज्य मुनि श्री भूतबली सागर जी महाराज का तीन दिवसीय प्रथम समाधि दिवस गुरु स्मरण महामहोत्सव का समापन गुरु के गुणानुवाद गुरु संस्मरण के साथ भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। उक्त आयोजित महामहोत्सव में देश भर के गुरु भक्तों में मुम्बई, इंदौर, उज्जैन, देवास ,पिड़ावा, सुसनेर ,नलखेड़ा, भोपाल, खातेगांव ,पानीगांव आदि शहरों से गुरु भक्तों ने भाग लिया।आयोजन में संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज व भूतबली सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन नगर के जनप्रतिनिधिगणों व सकल हिन्दू समाज के सुरेश सुराणा के नेतृत्व में पधारे अध्यक्ष गणो व बाहर से पधारे गुरु भक्तों ने किया।मंगलाचरण श्रीमती मनीषा जादूगर व श्रीमती पारुल जैन व मंगल भावना का वाचन संतोष जैन जादूगर द्वारा किया गया। पूज्य मुनि श्री भूतबली सागर के समाधि का मूल समय दोपहर 2 बजकर 35 मिनिट पर मुनि श्री की महामांगलिक संगीतमय पूजन आध्यात्मिक जैन भजन गायक शरद जैन द्वारा भजनों के साथ कराई गई ।

महामहोत्सव में बाहर से पधारे समस्त गुरु भक्तों को भूतबली सागर भक्त मंडल द्वारा चांदी से निर्मित मुनि श्री की प्रतिकृति भेंट की गई ,समस्त गुरु भक्तों ने गुरु जी के सम्बंध में संस्मरण सुनाए।इन्दौर से आई नन्ही बालिका अरहा जैन जादूगर ने मुनि श्री भूतबली सागर महाराज की हाथों से बनाए हुबहू चित्र का अनावरण जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सोनू गुणवान, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ,मीना सिंगी ,व्यापार महासंघ अध्यक्ष रूपेश राठौर आदि ने कर कार्यक्रम को संबोधित भी किया।

मुनिश्री निष्काम सागर महाराज ने कहा संसारी प्राणी जब तक देव, शास्त्र और गुरु के सानिध्य में रहते हैं जब तक धर्म -ध्यान करते हैं।हम मुनिगण आत्मा के उत्थान के साथ समय मिलने पर जग का कल्याण करते हैं।अपनी आत्मा के उत्थान के लिए साल में कम से कम एक बार गुरु की समाधि स्थल पर जाना चाहिए। साधु की समाधि का स्थान पूज्यनीय और वंदनीय हो जाता है।जो स्थान बनाएं है वहां पर आराधना करें। हम भी अपने गुरु को मानते हैं और उनकी बातों पर अनुशरण करते हैं। भूतबली सागर महाराज तो अपने गुरु के पास पहुंच गए,आप भी गुरु के बताए मार्ग पर चलें। रायसिंह मेवाड़ा ने कहा आचार्य विद्यासागर महाराज के नाम कीर्ति स्तंभ अलीपुर हेतु कलेक्टर को प्रस्ताव अस्पताल के समीप का बुधवारा मार्ग को आचार्य विद्यासागर महाराज का नाम हेतु प्रस्ताव रखा है। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र जैन ने किया।

“सीहोर में कल भव्य होली मिलन समारोह”

मंगलवार को सुबह 11 बजे सीहोर नगर के क्रिसेंट वाटर पार्क में होली मिलन समारोह होने जा रहा है, भव्य होली मिलन समारोह। इस मौके पर सीहोर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राकेश राय मुख्य रूप से शामिल होंगे एवं उपस्थित महिलाओं को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में ब्यूटीशियंस एवं मेकअपार्टिस्ट की एंट्री फ्री रहेगी। कार्यक्रम में जीबीए की डायरेक्टर एवं समाजसेविका मोनिका शर्मा एवं सीहोर के सुनील सेन भी शामिल रहेंगे।

क्या आपको मालूम है…..

मध्यप्रदेश में लगभग 1.86 करोड़ लोग करते हैं धूम्रपान और धूम्ररहित तंबाकू का सेवन….

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