वाणी के माध्यम से व्यक्ति दूसरों को अपना भी बना सकता है और अपनों से दूर भी हो सकता है–मुनि विनत सागर महाराजसभ्यता से बोलना हमारी संस्कृति है
आष्टा। वाणी के माध्यम से व्यक्ति दूसरों को अपना बना सकता है और अपनों से दूर भी कर देता है। सभ्यता से बोलना हमारी संस्कृति है।भगवान महावीर स्वामी की दिव्य…