आष्टा । प्रदेश ही नही अन्य प्रदेशों तक आष्टा से आशीर्वाद के तले या मिली भगत से सोयाबीन का बीज का बड़ा कारोबार संचालित होता है,ये सब कुछ आज से नही वर्षो से चल रहा है । ऐसा कोई अधिकारी आज तक नही आया जो आष्टा में दो नम्बर का होने वाला बीज का ये बड़ा कारोबार खत्म कर सके । जो भी आता है,घुल मिल जाता है और फिर वो ही सब कुछ होता है,जो होता आ रहा है ।


3 दिसम्बर को आष्टा से अवैध रूप से सोयाबीन का कितना बड़ा कारोबार होता है,चाहे वो यही से हो या बहार से ला कर होता है पर कुल मिला कर होता है । इससे शासन को टैक्स का कितना बड़ा चुना लगाया जाता है,अंदाजा नही लगा सकते है । कल इसकी एक बानगी नजर आही गई ।


खातेगांव मंडी से आई जानकारी अनुसार कल प्रातः मंडी के उड़न दस्ते ने
खातेगांव में अवैध सोयाबीन परिवहन करते एक ट्रक कर MH 28 BB 81111 को पकड़ा । ट्रक चालक से वैध दस्ताबेज दस्ते ने मांगे । लेकिन चालक के पास ट्रक में भरे सोयाबीन का ना ही कोई बिल था,ना ही कोई अन्य दस्ताबेज उसके पास केवल एक तोल कांटे की पर्ची थी । उड़ान दस्ते ने जब पूछा की उक्त सोयाबीन कहा से कहा ले जा रहा है तब उसने बताया ये आष्टा (सीहोर) से महाराष्ट्र ले जा रहा हु ।


खातेगांव मंडी के उड़नदस्ता दल ने बिना अनुमति पत्र सोयाबीन का अवैध परिवहन करते हुए उक्त ट्रक को पकड़ा और मंडी ले गये । खातेगांव मंडी में मंडी बोर्ड भोपाल के प्रबंध संचालक और आंचलिक कार्यालय उज्जैन के संयुक्त संचालक मानसिंह मुनिया के निर्देशन और मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया के मार्गदर्शन में कार्यवाही करते हुए मंडी समिति ने इस ट्रक पर कुल 94 हजार 420 रुपए का जुर्माना किया

मिली जानकारी अनुसार खातेगांव मंडी के सहायक उप निरीक्षक मनोज मुवेल के नेतृत्व में हुकुम सिंह यादव और श्रवण कुमार पवार सहित स्थानीय निरीक्षण दल ने वाहन क्रमांक MH-28-BB-8111 को रोका।

इसमें 343 कुंटल 63 किलो सोयाबीन भरा था । ट्रक चालक ने पूछताछ में बताया कि उक्त सोयाबीन आष्टा (सीहोर) से महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था। यह परिवहन बिना अनुज्ञा पत्र के किया जा रहा था,जो कर अपवंचन का मामला था।

रघुनाथसिंह लोहिया,मंडी सचिव खातेंगांव
मौके पर पंचनामा तैयार कर वाहन को मंडी प्रांगण खातेगांव ले गये। जांच के बाद मंडी अधिनियम 1972 की धारा 19 (4), 53 और 50 (1) के तहत कार्रवाई की गई। इसमें 5 गुना मंडी शुल्क के रूप में 72,850 रुपए, 5 गुना निराश्रित शुल्क के 14,570 रुपए, प्रशमन शुल्क के 5,000 रुपए और 2,000 रुपए की अधिरोपित शामिल थी।

मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने प्रेस को यह भी स्पष्ट किया है कि कृषि उपज के अवैध परिवहन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। जैसे ही यह खबर आष्टा आई तब आष्टा में हलचल मच गई ।

खास कर आष्टा मंडी में हड़कम्प मच गया । जब ये खबर आष्टा प्रेस को लगी तो प्रेस सक्रिय हुई आज जब हमने उक्त ट्रक को लेकर मंडी के आवक ओर जावक नाके पर मंडी में आने और जाने की जानकारी ली तब दोनों ही नाकों पर उक्त ट्रक के आने जाने का कई इंट्री नही मिली ।


जब हमने मंडी के सामने स्तिथ एक बड़े धर्म कांटे पर खोज की तब सफलता ये मिली की उक्त ट्रक में सोयाबीन भराने के बाद तोल मंडी के बहार धर्म कांटे पर 2 दिसम्बर को 21.29 बजे खाली तुला उसके बाद 23.31 बजे भरा हुआ तुला । मतलब ट्रक आष्टा में से ही कही बहार गोदाम से भराया गया था ।

सोयाबीन का जांच में कोई बिल,अनुज्ञापत्र नही मिलना यह बताता है की पूरा माल दो नम्बर का ही होगा.? आखिर आष्टा में इस तरह दो नम्बर का वो कौन है जो इतना बड़ा काम कर रहा है.? ओर मंडी का प्रशासन क्या कर रहा है.? क्या उसे मालूम नही है या वो केवल अनजान बनने का नाटक कर रहा है,जिस ट्रक को पकड़ा उसकी सूचना जीएसटी विभाग को दी गई है या नही ये भी जांच का एक बड़ा बिंदु है..


नितिन टाले, भारसाधक अधिकारी,(SDM) मंडी आष्टा
इनका कहना है..
मुझे उक्त पूरा मामला संज्ञान में आया है,मेने मंडी सचिव आष्टा को इसकी पूरी जांच कर जानकारी देने को कहा है,सीसीटीवी फुटेज भी देख रहे है,क्या उक्त ट्रक मंडी से भराया या कही और से हम इसकी तह में जाने के पूरे प्रयास कर रहे है-नितिन टाले, भारसाधक अधिकारी(एसडीएम) मंडी आष्टा
























