आष्टा । सीहोर जिले के कोठरी स्थित वीआईटी कॉलेज में हाल ही में विद्यार्थियों द्वारा गुणवत्ता युक्त भोजन, पेयजल एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर उठाई गई शिकायतों और उत्पन्न स्थिति को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए पिछड़ा वर्ग मंत्री एवं जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर आज वीआईटी कॉलेज परिसर पहुंचीं।


प्रभारी मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने कॉलेज प्रबंधन,जनप्रतिनिधियों,जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना के बारे में विस्तार से चर्चा की। मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने कॉलेज प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कॉलेज में

एक स्थायी शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया जाए, जिसमें विद्यार्थियों की भागीदारी भी हो, ताकि किसी भी समस्या की सूचना सीधे प्रशासन तक पहुंचे और उसका समय पर समाधान हो सके।

उन्होंने कहा कि वीआईटी प्रबंधन इस घटना को गंभीर चेतावनी के रूप में लेते हुए भविष्य में ऐसी किसी भी परिस्थिति की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करना सभी संबंधितों की सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कॉलेज में संचालित मेस, रसोईघर, पेयजल स्त्रोत, स्टोरेज टैंक, शौचालय एवं छात्रावास परिसर की सफाई व्यवस्था पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य से किसी भी स्तर पर खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और स्वास्थ्य विभाग

को निर्देश दिए कि कॉलेज से लिए गए भोजन एवं पानी के सैंपलों की जांच प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूरा किया जाए और रिपोर्ट आते ही दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि व्यवस्थाओं में लापरवाही यदि दोहराई गई तो शासन स्तर पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।


प्रभारी मंत्री ने निर्देशित किया कि कॉलेज में तत्काल प्रभाव से मेस और जल आपूर्ति व्यवस्था की दैनिक मॉनिटरिंग शुरू की जाए, जिसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों को सौंपी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि रसोईघर, भोजन भंडारण स्थल और जल टंकियों की नियमित सफाई एवं सैनिटाइजेशन का प्रोटोकॉल तैयार कर उसका कड़ाई से पालन कराया जाए।

उन्होंने छात्रावासों की व्यवस्था में सुधार के लिए अलग से एक निरीक्षण दल गठित करने, सीसीटीवी कैमरों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने तथा सुरक्षा गार्डों की उपस्थिति अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने बीएमओ एवं मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिए कि सभी विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की जाए और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में कॉलेज परिसर में शांति एवं सामान्य स्थिति बनी हुई है।


बैठक के पश्चात मंत्री श्रीमती गौर ने वीआईटी कॉलेज के विद्यार्थियों से भेंटकर कॉलेज की व्यवस्थाओं और घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली और छात्रों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी हर समस्या के निराकरण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी हर समस्या का निराकरण किया जाएगा।

बैठक में सीहोर विधायक सुदेश राय, आष्टा विधायक गोपाल सिंह इंजिनियर, भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, कलेक्टर बालागुरू के., एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कॉलेज प्रबंधन को कॉलेज की व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के लिए

आवश्यक सुझाव दिए। बैठक में आष्टा एसडीएम नितिन टाले, एसडीओपी आकाश अमलकर, वीआईटी कॉलेज के, केके नायर, देवाशीष अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी एवं कॉलेज प्रबंधन के अधिकारी उपस्थित थे।


“अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वीआईटी में घटी घटना को लेकर वीआईटी पर सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर प्रभारी मंत्री को सौपा ज्ञापन”

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) सीहोर के प्रांत कार्य समिति सदस्य हर्षित मेवाड़ा के नेतृत्व में गुरुवार को प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया गया कि वीआईटी भोपाल (वास्तविक स्थान सीहोर) में पिछले दिनों सामने आए गंभीर स्वास्थ्य संकट, भोजन-पेयजल की अव्यवस्था, छात्रों को अवैध रूप से कमरों में रोके जाने, सुरक्षा गार्ड्स द्वारा छात्रों पर किए गए हमलों, विश्वविद्यालय प्रबंधन की निरंतर लापरवाही, पारदर्शिता के अभाव और भ्रामक संस्थागत नाम जैसी गंभीर अनियमित्ताऐं हैं।


ज्ञापन में बताया कि वीआईटी परिसर में सतराह हजार से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन स्वास्थ्य, सुरक्षा, प्राथमिक उपचार, स्वच्छ भोजन-पानी और प्रशासनिक जवाबदेही जैसी बुनियादी आवश्यकताएँ तक उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों को उनकी इच्छा के विरुद्ध कमरों में बंद करना, आवाज़ उठाने पर दबाव बनाना और प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा कर्मियों द्वारा बल प्रयोग करना अत्यंत गंभीर मामले हैं,


जिन्हें अब तक किसी भी स्तर पर उचित रूप से नहीं लिया गया है।
इस मौके पर प्रांत कार्यसमिति सदस्य हर्षित मेवाड़ा ने बताया कि अभाविप ने इन समस्याओं को विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन, निजी विश्वविद्यालय आयोग और तकनीकी शिक्षा विभाग तक पूर्व में भी ज्ञापन सौंपे, लेकिन आज तक एक भी ठोस और निर्णायक कार्यवाही नहीं सकी है। प्रबंधन की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है।


अभाविप ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए, घटना में संलज्न सुरक्षा कर्मियों और उनकी एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष व उच्च-स्तरीय जाँच कर छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यदि तत्काल कार्यवाही नही होती है तो परिषद प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने के लिये बाध्य होगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में परिषद के कार्यकर्ता उपस्तिथ रहे ।
























