
आष्टा । मप्र सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा भावांतर योजना लागू की गई है। भावांतर योजना के अंतर्गत ई-उपार्जन पोर्टल पर 03 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक सोयाबीन का पंजीयन किया जाएगा। इसके साथ ही फसल विक्रय के लिए भावांतर अवधि 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। आष्टा मंडी सचिव नरेन्द्र मेश्राम ने जानकारी देते हुए बताया की
शासन द्वारा सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है।

भावन्तर योजना की सम्पूर्ण जानकारी देने हेतु मंडी प्रशासन ने
एसडीएम नितिन टाले(भारसाधक अधिकारी) की अध्यक्षता में मंडी आष्टा में दो सत्रों में व्यापारियों एवं कृषकों की बैठकें आयोजित की गई। दोप. 1:00 बजे किसान संघ के पदाधिकारी की बैठक आयोजित की। इस संबंध में किसान संघ के पदाधिकारी सहित काफी संख्या में अनेक किसान भी उपस्थित थे ।

जिन्हें बैठक में आशीष उपाध्याय के द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया गया और योजना के पंजीयन की अवधि, पंजीयन, विक्रय अवधि, मंडी प्रांगण की प्रक्रिया, मॉडल रेट के निर्धारण, विक्रय की अधिकतम पात्रता का निर्धारण, भावांतर राशि की गणना और भुगतान तथा अन्य विषयों पर काफी विस्तृत चर्चा की एवं जानकारी दी गई। जहां जहां कृषकों द्वारा प्रश्न किए गए एसडीएम नितिन टाले ने किसानो के प्रश्नो का जवाब दिया गया।

दूसरे सत्र में अपरांह 4:00 बजे व्यापारी संघ और उनके पदाधिकारी की बैठक आयोजित की गई । जिसमें भावांतर भुगतान योजना और व्यापारियों के संयुक्त विषयों पर व्यापारियों से चर्चा की गई। इस संबंध में व्यापारियों को अवगत कराया गया कि उपार्जन पोर्टल एवं ई मंडी पोर्टल का इंटीग्रेशन किया जाएगा। जिससे कृषक पंजीयन की जानकारी ई मंडी पोर्टल पर भी प्राप्त हो सकेगी। साथ ही मंडी प्रवेश पर्ची, अनुबंध पत्रक, तौल पर्ची, भुगतान पत्रक पर कृषक पंजीयन क्रमांक भी अंकित किया जाएगा। व्यापारियों को सोयाबीन के भुगतान की राशि ई पेमेंट के माध्यम से किए जाने पर चर्चा की गई। दोनों सत्रों में आयोजित बैठक में भावांतर भुगतान योजना के क्रियान्वयन और इसकी विस्तृत चर्चा होने के पश्चात किसान संघ और व्यापारी संघ से जुड़े हुए मंडी के विभिन्न विषयों पर भी सार्थक चर्चा की गई। जैसे उपज की तौल बड़े कांटे पर ऐच्छिक रूप से की जाए ताकि किसान जल्द मंडी प्रांगण से गंतव्य की ओर रवाना हो सके।

साथ ही नवीन मंडी प्रांगण में विस्थापन के संबंध में व्यापारियों द्वारा भूखंड विभिन्न तीन साइजों में मांग पत्र दिया जाए ताकि इसका निर्धारण और लेआउट की संपूर्ण अभिलेखीय कार्यवाही करके ऑफसेट मूल्य के आधार पर भूखंड आवंटन की कार्रवाई की जा सके। इस बैठक में बड़ी संख्या में कृषक, किसान संघ के सदस्य,मंडी व्यापारी संघ के सदस्य,मंडी के अधिकारी सहित बड़ी संख्या में किसान एवं व्यापारी भी उपस्थित थे।
मंडी सचिव नरेन्द्र मेश्राम ने सभी का स्वागत किया ।
