
आष्टा । कही शमशान नही है,कही है तो अतिक्रमण हो गया,कही सरकारी जमीन है तो पंचायत की रुचि नही है । कही सबकुछ है पर दृढ़ इच्छाशक्ति नही है,शायद इन ग्रामो के लोगो को ऐसा लगता है कि वे मृत्यु को प्राप्त नही होंगे.? ओर इस कारण इस अंतिम सत्य की ओर ना ही ध्यान दिया जाता है और ना ही गम्भीरता ।

ऐसे में आज एक ऐसी अच्छी खबर आई जिसको स्थान देना जरूरी है । खबर है की ग्राम पंचायत लोरास खुर्द के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोदी में शांतिधाम(श्मशान) नही होने के कारण इस ग्राम में जब भी किसी परिवार में किसी की मृत्यु हुई तब मृतक का अंतिम संस्कार उक्त परिवार के खेत पर किया जाता था या एक टूटा जर्जर बिना छत के ओटले पर करना पड़ता था,जहाँ बारिश में सबसे अधिक परेशानी आती थी ।

ग्राम के दो जागरूक किसान भाईयों ने इस समस्या को समझा, ग्राम पंचायत के सरपंच भगवानसिंह पटेल की भी एक स्तर तक बड़ी भूमिका के बाद ग्राम गोदी के दो जागरूक कृषक भाई प्रेम सिंह एवं उनके भाई अर्जुन सिंह परमार

निवासी ग्राम गोदी ग्राम पंचायत लोरासखुर्द ने ग्राम गोदी में अंतिम कार्यक्रम हेतु शान्तिधाम निर्माण हेतु 36 डेसिमल भूमि शमशान निर्माण हेतु दान में मध्यप्रदेश शासन के नाम दी । जिसकी आज वर्तमान में कीमत लगभग 7 लाख रुपये मानी जा रही है ।

श्मशान हेतु जमीन दान में मिलने के बाद ग्राम पंचायत लोरास खुर्द के युवा सरपंच भगवानसिंह पटेल ने सक्रियता दिखाई और उक्त भूमि पर शमशान शेड,चबूतरा निर्माण का पंचायत से प्रस्ताव बना कर उसे स्वीकृत कराया । सरपंच भगवानसिंह पटेल ने बताया की पांचवे वित्त की राशि करीब 2.50 से 3 लाख की राशि से शान्तिधाम में चबूतरा एवं टीन शेड का निर्माण कार्य कराया गया है । अब जल्द ही इसकी बाउंड्री एवं पहुच मार्ग निर्माण की योजना है ।

जैसा इस ग्राम के इन दोनों दानदाता किसान भाईयों ने सोचा,किया,जैसी सक्रियता इस पंचायत के सरपंच ने दिखाई और कार्य कराया, क्या ऐसा आष्टा जनपद की हर पंचायत के ग्रामो में नही हो सकता है, ये सभी को विचार करना चाहिये
इस अच्छे कार्य के लिये भूमि दान करने वाले दोनों दानदाताओं को हमारी ओर से बधाई धन्यवाद । इन दोनों का शासन-प्रशासन की ओर से भी सम्मान होना चाहिए…