आष्टा। कई बार बच्चियों पर कुदृष्टि रखने वाले,मारीच की तरह भेष बदल कर आते है,ऐसे कुदृष्टि रखने वालों को पहचानने के साथ सावधान रहने की भी आज बड़ी जरूरत है । माताओं में आपसे एक अपील करती हूं की बेटियों को स्वतंत्रता तो दो,लेकिन उनेह स्वछंदता मत दो,आपकी थोड़ी सी गलती का कुदृष्टि रखने वाले ये आज के मारीच आपकी बेटियों को सोने के हिरण जैसे सपने दिखायेंगे ओर उसे हर कर ले जायेंगे ।

आज के इन मारीचों से जो अपना नाम बदल कर,अपना रूप बदल कर आते है,जाल फैलाते है,ओर जाल में पंछी को फंसा कर उड़ जाते है । उक्त कटु सत्य अपने श्रीमुख से नगर के मानस भवन में चल रहे 6 दिवसीय संगीतमय वैदिक सत्संग के दौरान सुश्री अंजली आर्या ने रात्रि में खचाखच भरे प्रवचन प्रांगण में उपस्तिथ माता,बहनों,भाईयों, युवाओं,युवतियों को संबोधित करते हुए कहे । आज दोपहर में कोठरी नगर के हायर सेकेंड्री स्कूल में ग्राम के वरिष्ठ श्री जगदीश जी पटेल के प्रयासों से विद्यालय में संवाद कार्यक्रम में भी अंजली आर्या पहुची ओर बच्चों से संवाद कर कई समसामयिक विषयो को लेकर प्रेरणा दी ।

रात्रि में मानस भवन में सत्संग में अंजली आर्या ने कहा की आज देश मे जो माहौल है,जो बेटियों के साथ घटनाएं घट रही है उसमें सबसे बड़ी गलती हमारी है । आज बच्चों को घर परिवार में हम उनेह
उत्तम शिक्षा,संस्कार नही दे पा रहे है,वे मोबाईल में क्या देख रहे है,किस्से चैट कर रहे है,कहा,किसके साथ जा रहे है,घर कब आते है किसी तरह की चिंता नही करना ही आज बिगड़े माहौल का कारण है। आज बच्चों के साथ घर मे बैठना,उनसे चर्चा करना,सनातन ओर धर्म की बाते करना जरूरी है,धर्म से,सत्संग से उनेह जोड़ो,रोज 30 मिनिट बच्चों को धर्म कराओ, सत्यार्थ प्रकाश में क्या कहा है बताओ ।

आज आपको
संख्या बढ़ाना नही है, धार्मिक बनना नही है,अपनो को गले लगाना नही है ,ओर फिर जब भेष बदल कर आया मारीच बेटियों को हर कर ले जायेंगे तब आंसू बहाने के सिवा कुछ नही रहेगा । राम के राज्य में सबरी राम की सबसे बड़ी भक्त थी,रामजी वन में रहे लेकिन सबरी उनके पास नही गई,सबरी की भक्ति ही इतनी समर्पण की थी की रामजी ही सबरी की कुटिया में पहुचे ये बड़प्पन श्रीराम का था ।

आज मनुष्य भगवान को ठगने की बात करता है,किसी का कोई काम होता है तो भगवान से मानता करता है मेरा ये काम हो जायेगा तो छत्र चढ़ाऊंगा । अरे भाई तू जिसकी छत्र छाया में बैठा है,उसे क्या छत्र चढ़ाएगा । आज जो झोपड़ी में रहते है वो दिल के अमीर होते है ।
श्री मानस भवन आष्टा में चल रहे संगीतमय वैदिक सत्संग में दिन प्रतिदिन बडी संख्या में जन समूह शामिल हो रहा है। सुश्री अंजली दीदी आर्या के प्रवचन उपदेश व भजन सुनने आसपास के ग्रामीणजन भी बड़ी संख्या में पहुच रहे हैं।

सुश्री अंजली दीदी ने तृतीय दिवस अपने ओजस्वी उदबोधन में बताया कि आज देश को स्वामी श्रद्धानंद जी, स्वामी लेखाराम जी, गुरू गोविन्दसिंह जैसे बलिदानियों की आवश्यकता है,तभी हिन्दुओ का पलायन रूकेगा। आज बांसुरी की नही बल्कि सुदर्शन चक्र की जरूरत है ।
वही उधमसिंह जी के बलिदान को याद करते हुए आज के युवओं को सीख दी। दीदी ने आगे बताया कि हमे चित्र पूजा नही चरित्र पूजा करनी चाहिए । आज का समय विधर्मीयो को मुह तोड जबाव देने का है । तभी आप,हम,हमारा राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।

दीदी ने शीतला माता मंदिर समिति की तारिफ करते हुए उसे हिन्दु समाज के लिए एक आर्दश उदहारण प्रस्तुत करने वाली समिति बताया एवं मंदिर जाकर माँ शीतला माता के दर्शन भी किये एवं समिति के सदस्यो के कार्य की सराहना कर कई मजदुरकर्मी जो बिना अपनी मजदुरी लिए अपनी सेवा दे रहे उन सभी मजदुरो का दीदी ने स्वागत किया।

इस अवसर पर शीलता माता मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश सोनी एवं सभी सदस्य उपस्थित रहे । दीदी ने संपूर्ण मंदिर का अवलोकन किया तथा भुरी भुरी प्रशंसा की।
दीदी जगदीश पटेल कोठरी एवं बाबुलाल आर्य के निवास पर भी पहुची जहां उनका स्वागत सम्मान किया गया । कोठरी में जगदीश पटेल के निवेदन पर

विद्यालय में एक प्रेरणा दायक मेडिटेशन क्लास संवाद कार्यक्रम में आज के युवाओं मे बढ रहे मानसीक तनाव, परिक्षा का तनाव एवं मोबाईल के दुषपरिणामो के बारे में समझाया कि मोबाइल का अत्याधिक उपयोग ना केवल मानसिक एकाग्रता को प्रभावित करता है बल्कि पारिवारिक संबंधो व शारिरिक स्वास्थय पर प्रतिकुल प्रभाव डालता है।
वैदिक सत्संग आयोजन कर्ता आर्य समाज, शीतला माता मंदिर समिति ओर मानस भवन समिति के सामूहिक सामजस्य से सफलता की अग्रसर हो रहा है।
सत्संग एवं यज्ञ में रोजाना बड़ी संख्या में सत्संग प्रेमी उपस्तिथ हो रहे है ।
























