
आष्टा। नगर के छात्रावास कॉलोनी के पीछे बने बड़े नाले के इलाके का पूरा बारिश का पानी वर्षा ऋतु में जाम होने के कारण कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर, सिविल लाईन के घरो, रोड़ पर पानी भर जाता है। छात्राओं,अधिकारियों को इस पानी में से निकलकर जाना पड़ता है।


यह परेशानी स्थायी बन चुकी थी । इस कारण छात्रावास के पीछे नागरिकों को शासन की योजना में जितने भाग का पट्टा दिया गया था,उससे अधिक लोगों ने मिलीभगत से शासकीय नाले के समीप खाली जगह देखकर अवैध रूप से अतिक्रमण कर अपने घर का निर्माण कर नाले को घर के अंदर ले लिया था ।


जिसके कारण नाले की सफाई समुचित नही हो पाती थी। अतिक्रमण हो जाने के कारण बारिश का पानी अपने गंतव्य तक नही पहुंच पाता था । जिसके कारण नाला अवरूद्ध होकर रोड़ पर आ जाता था जिससे गंदगी उत्पन्न होती थी। मुख्य नगरपालिका अधिकारी विनोदकुमार प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त समस्या का स्थायी निराकरण करने के लिए नाले की सफाई तथा नाले के समीप अवैध रूप से अतिक्रमण कर बने मकानों की दीवारों को हटाना आवश्यक हो गया था।


ज्ञात रहे कि नगरपालिका द्वारा विगत 4-5 वर्षो से निरंतर प्रयास किया जा रहा था, किंतु जब प्रशासन द्वारा सख्त रूख अपनाने अपनाते हुए अनुविभागीय अधिकारी नितीन टाले के मार्गदर्शन में मजिस्ट्रेट तहसीलदार रामलाल को नियुक्त कर मुख्य नगरपालिका अधिकारी विनोदकुमार प्रजापति को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।

प्रशासन द्वारा नाले पर छात्रावास की ओर 10 फिट लाल निशान से मार्किंग कर पट्टेदारों को उतना मकान खाली करने की मुनादी के माध्यम से सूचना दी और 21 अतिक्रमणकर्ताओ को सूचना पत्र प्रेषित कर सूचित भी किया,किंतु मुनादी के पश्चात भी नागरिकों द्वारा अवैध निर्माण कर किए गए अतिक्रमण को स्वयं नही हटाया तो प्रशासन एवं नगरपालिका अमले द्वारा आज मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही की गई। अतिक्रमण प्रभारी अजय द्विवेदी ने बताया कि पिछले तीन साल से अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए जा रहे थे, किंतु नागरिकों द्वारा किया गया अतिक्रमण यथावत रहा, तदुपरांत कार्यवाही की गई।

जब तक पूर्ण रूप से शासकीय भूमि से अतिक्रमण नही हट जाता तब तक यह कार्यवाही जारी रहेगी। इस अवसर पर पटवारी वीरेन्द्रसिंह ठाकुर, अतिक्रमण सहायक कैलाश घेंघट, गोलू घेंघट सहित अतिक्रमण टीम की सराहनीय भूमिका रही। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आज जैसे ही नपा एवं प्रशासन की संयुक्त उक्त कार्यवाही पुलिस बल की उपस्तिथि में शुरू हुई तब खबर है नपा के कुछ जनप्रतिनिधि उक्त कार्य मे अड़ंगा डालने जा पहुचे लेकिन आज उनेह मुह की खाना पड़ी,खबर है एक पार्षद पति को तो माफी भी मांगना पड़ी,अगर वे आज माफी नही मांगते तो शायद शासकीय कार्य मे बाधा पहुचाने की धाराओं में नप जाते.!

“वीआईटी में घटी घटना की जांच समिति की आई रिपोर्ट…..
उच्च शिक्षा विभाग का वीआईटी विश्वविद्यालय मामले में कड़ा रुख,
वीआईटी की अव्यवस्थाओं पर जांच समिति की रिपोर्ट,7 दिन में मांगा जवाब,अधिकांश जांच के बिंदुओं में मिली खामियां
क्या सरकार को अब कार्यवाही करने में कोई देर करना चाहिये..?”

राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने, सीहोर जिले में आष्टा अनुविभाग के कोठरी में स्थित निजी वीआईटी विश्वविद्यालय में मेस व्यवस्था, छात्रावास प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाओं और अनुशासन तंत्र से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाया है। जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विभाग ने विश्वविद्यालय प्रशासन से 7 दिनों में बिंदुवार जवाब मांगा है। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि छात्रों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

“मेस भोजन से 35 छात्र-छात्राएँ बीमार, पेयजल की भी समस्या”
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने समिति के समक्ष यह स्वीकार किया है कि 14 से 24 नवंबर के बीच 23 छात्र और 12 छात्राएँ यानी कुल 35 विद्यार्थी पीलिया से पीड़ित हुए। जांच समिति ने पुष्टि की है कि भोजन और पेयजल की गुणवत्ता पर नियंत्रण कमजोर था तथा कई दिनों तक शिकायतें आने के बावजूद उचित सुधार नहीं किया गया। समिति ने यह भी उल्लेख किया कि छात्र-छात्राओं ने प्रबंधन से पेयजल में दुर्गंध आने की शिकायत की थी, परंतु प्रबंधन द्वारा इस पर समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

“विश्वविद्यालय परिसर में तानाशाही जैसी व्यवस्था”
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि परिसर में प्रबंधन एकतरफा और तानाशाही रवैया अपनाता है। रिपोर्ट में उल्लेख है कि कर्मचारियों से प्रतिरोध या शिकायतें सुनने की अनुमति नहीं होती और छात्रों पर अनुशासन के नाम पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है। समिति ने उल्लेख किया है कि सीहोर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO )और स्वास्थ्य अधिकारियों को विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर दो घंटे तक रोककर रखा गया, जबकि वे स्थितियों का निरीक्षण करने आए थे।


“छात्रों में असुरक्षा और अविश्वास का भाव व्याप्त”
समिति के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर का वातावरण ऐसा है जहाँ छात्र स्वयं को सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस नहीं करते हैं। अनुशासन तंत्र भय आधारित है, जिसके कारण छात्र अपनी समस्याएँ खुलकर नहीं बता पाते हैं। रिपोर्ट बताती है कि शिकायतें बढ़ती रहीं, परंतु प्रशासन ने छात्रों को शांत करवाने या माहौल सुधारने की दिशा में कोई रचनात्मक कदम नहीं उठाया। जब स्थिति बिगड़ गई और छात्र आंदोलन की ओर बढ़े, तब भी प्रबंधन द्वारा प्रभावी नियंत्रण या संवाद स्थापित नहीं किया गया।

“अव्यवस्थित स्वास्थ्य केंद्र और बीमारी नियंत्रण में लापरवाही”
समिति ने पाया कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में बीमारी फैलने की जानकारी होने के बावजूद समय पर उपचार, परीक्षण और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया सक्रिय नहीं की गई। स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ केवल औपचारिक स्तर पर दवाएँ दे रहा था। बीमारी नियंत्रण के लिए न तो प्रबंधन ने कोई विशेष अभियान चलाया गया और न ही प्रभावित छात्रों की नियमित मॉनिटरिंग की गई।रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमारी फैलने की वास्तविक स्थिति विश्वविद्यालय प्रशासन की जानकारी में थी, फिर भी आवश्यक कदम समय पर नहीं उठाए गए।

“विभाग ने मांगा वीआईटी से बिंदुवार जवाब”
उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय से मेस के भोजन की गुणवत्ता, पेयजल की शुद्धता और 35 छात्रों के बीमार होने संबंधी पूरी रिपोर्ट, परीक्षण और उपचार विवरण, हॉस्टल प्रबंधन, जलापूर्ति, स्वच्छता और रखरखाव में कमी के कारण तथा अब तक उठाए गए सुधारात्मक कदम, छात्रों की बार-बार की शिकायतों पर समय पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, अनुशासन के नाम पर छात्रों व कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव डालने और शिकायतों को दबाने के आरोपों पर


स्पष्टीकरण, CMHO और स्वास्थ्य अधिकारियों को गेट पर रोके जाने की पूरी जानकारी और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान, बीमारी फैलने के बाद स्वास्थ्य केंद्र और प्रबंधन द्वारा अपनाए गए नियंत्रण उपायों का विवरण आदि समस्त विद्यार्थी हितों से जुड़े विषयों पर 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। उच्च शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर संतोषजनक नहीं रहा तो निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

“बीआरसी में मनाया गया विश्व दिव्यांग दिवस”
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जनपद शिक्षण केंद्र आष्टा में विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जीवनसिंह मंडलोई उपाध्यक्ष जिला पंचायत सीहोर एवं विशेष अतिथि के रूप में गजराजसिंह पटेल उपाध्यक्ष जनपद पंचायत आष्टा, तेज सिंह राठौर पार्षद उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अजबसिंह राजपूत विकासखंड स्त्रोत समन्वयक द्वारा की गई । कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती प्रतिभा भावक ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा क्षमता को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से खेलकूद प्रतियोगिताएं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की गई जिसमें जिसमें सभी बच्चों ने उत्साह के साथ सहभागिता कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया । रंगोली प्रतियोगिता चित्रकला कुर्सी दौड़ दौड़ कविता गायन चम्मच दौड़ वाद विवाद प्रतियोगिता भाषण इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए गए बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पठन-पाठन सामग्री व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।


इसके अलावा कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले सभी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार वितरित किए गए । कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम में अनिल श्रीवास्तव समन्वयक साक्षरता, बी ए सी देवजी मेवाड़ा, फूलचंद सांकले, मनोज कुमार विश्वकर्मा, मनोहर लाल विश्वकर्मा, नारायण सिंह मेवाडा, श्रीमती शालिनी सरसिया, हरेंद्र सिंह ठाकुर लेखापाल, जन शिक्षक गजराज सिंह राजपूत,

जगदीश मालवीय, धर्मेंद्र सिंह ठाकुर अके सिंह ठाकुर ,ज्ञान सिंह मेवाडा, केदार सिंह परमार राकेश परमार, शेषपाल सिंह ठाकुर ,मांगीलाल सिसोदिया, शिवनारायण वर्मा लखन सिंह ठाकुर, गजराज सिंह बागवान ,शिक्षिका श्रीमती निर्मला राठौर श्रीमती नीलिमा श्रीवास्तव,राजेश कुमार मालवीय डाटा एंट्री ऑपरेटर मिथुन भावसार एम आई एस रवि मेवाड़ा एवं पालक गण उपस्थित रहे ।
