
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5वें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत अधोसंरचना विकास अनुदान मद की राशि से प्रदेश में सुव्यवस्थित श्मशान घाटों का विकास किया जायेगा।

श्मशान घाटों के विकास कार्यों के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गये हैं।


पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन आमजन के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं प्रत्येक आश्रित ग्राम में वित्तीय वर्ष 2025-26 तक न्यूनतम एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं सहज तथा बारहमासी निर्बाध पहुँच वाले श्मशान घाट

की उपलब्धता के लिये प्रतिबद्ध है। ग्रामों में श्मशान घाटों के विकास के लिये त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रशासन से न्यूनतम आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराये जाने की अपेक्षा की गई है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक ग्राम में “श्मशान मद” के लिये आवश्यक भूमि आरक्षित हो।

आरक्षित भूमि की संपूर्ण रूप से फेंसिंग की गई हो। स्थल पर पहुँचने के लिये साल के बारहों महीने निर्बाध एवं सहज पहुँच मार्ग उपलब्ध हो। श्मशान मद में आरक्षित भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो। इन मापदण्डों की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रत्येक ग्राम पंचायत को

राजस्व अभिलेखों से यह ज्ञात करना होगा कि ग्राम पंचायत के किस ग्राम में पहले से श्मशान घाट के लिये भूमि आरक्षित होकर श्मशान घाट है और किस ग्राम में नहीं है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रत्येक ग्राम में, जिसमें श्मशान के लिये भूमि उपलब्ध नहीं है, आवश्यक उपयुक्त भूमि आरक्षित कराने के लिये मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत संबंधित जिला कलेक्टर को आवेदन कर भूमि आरक्षित करानी होगी।


जहां पहले से श्मशान घाट है और आरक्षित भूमि की यदि समुचित फेंसिंग नहीं है, तो उस भूमि की फेंसिंग प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा तैयार किये गये मानकों के आधार पर कराई जाये।

चेन लिंक के लिये प्राक्क्लन के अनुसार अथवा स्थानीय बोल्डरों, पत्थरों से निर्मित खखरी के द्वारा की जा सकेगी। श्मशान घाट तक निरापद रूप से पहुँचने के लिये समुचित मार्ग उपलब्ध नहीं हो अथवा मार्गों में पुलिया/रपटा नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में आवागमन दुष्कर होता है,

ऐसे स्थलों पर निर्बाध पहुँच के लिये आवश्यकतानुसार समीपवर्ती मार्ग से श्मशान स्थल तक 3.75 मीटर (लगभग) चौड़ाई की सी.सी. रोड और यथाआवश्यक पुलिया/रपटा भी बनाया जाये। आवश्यक भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में जिला कलेक्टर से निर्धारित प्रक्रिया से मार्ग निर्धारण कराये जाने की कार्यवाही की जाये।

श्मशान घाट के लिये पूर्व से आरक्षित भूमि पर यदि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण है तो संबंधित सीईओ जिला पंचायत द्वारा राजस्व एवं पंचायत अमले के सहयोग से तत्काल अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही करायी जाकर आरक्षित भूमि पर फेंसिंग की जाये।

ये समस्त कार्य ग्राम पंचायतों को 5वें राज्य वित्त आयोग अंतर्गत अधोसंरचना विकास अनुदान मद के तहत प्रदाय की जाने वाली राशि से किये जायेंगे। इसके बाद अवशेष राशि का व्यय किसी अन्य कार्य पर किया जा सकेगा।


आवश्यकता होने पर अन्य योजनाओं की राशि से नियमानुसार अभिसरण अनुमत्य होगा। इसके लिये आवश्यक जनभागीदारी एवं जनसहयोग भी प्राप्त किया जा सकता है। यदि ग्राम पंचायत के खाते में पूर्व से 5वें वित्त मद की राशि उपलब्ध है तो उस राशि से कार्य तत्काल प्रारंभ कराये जायेंगे।

ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पंचायत समन्वय अधिकारी तथा उपयंत्री उत्तरदायी रहेंगे। इसी प्रकार जनपद स्तर पर सहायक यंत्री, कार्यक्रम अधिकारी/सीईओ जनपद पंचायत, खण्ड पंचायत अधिकारी और जिला स्तर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत/परियोजना अधिकारी तथा पंचायत सेल उत्तरदायी होंगे।

“इनरव्हील क्लब ने मनाया शिक्षक दिवस, गुरुजनों का किया सम्मान,
शिक्षक ज्ञान ही नहीं देते वल्कि जीवन को सही दिशा ओर उद्देश्य प्रदान करते है – संगीता सोनी”

सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहने के साथ भारतीय परंपरा का भी निर्वहन करते हुए इनरव्हील क्लब ने कन्नौद रोड स्थित एक्सीलेंस पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस मनाया। सर्वप्रथम क्लब की सदस्यों एवं शिक्षकों द्वारा मां सरस्वती देवी के चित्र के समक्ष प्राचार्य संतोष जी, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोनी एवं सदस्यों ने दीप प्रज्वलित किया।

जिसके पश्चात आयोजन में उपस्थित शिक्षकगणों में श्री संतोष शर्मा, श्रीमती अंजलि शर्मा, श्री हिमांक नामदेव, श्रीमती आरती सोनी, श्रीमती सरोज साहू, श्रीमती देवश्री सोलंकी, श्रीमती मनीषा जैन, श्रीमती सरोज महेश्वरी, श्री भगवती प्रसाद शर्मा, श्रीमती प्रियंका सोनी, श्रीमती रुचिका महेश्वरी, कुमारी श्वेता गहलोत, कुमारी श्वेता विश्वकर्मा
कुमारी अनुराधा जैन का तिलक कर साल, माला पहना कर सम्मान किया गया। तत्पश्चात स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति कर गुरुजनों को समर्पित की।


इस अवसर पर इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोनी ने सबसे पहले शिक्षक दिवस की बधाई दी और आगे कहा कि आज शिक्षक दिवस का यह दिन हम सबको महान दार्शनिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की याद दिलाता है, जिन्होंने शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा साधन माना। शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं बाँटते, बल्कि वे हमारे जीवन को सही दिशा और उद्देश्य प्रदान करते हैं। वे हमें अनुशासन, संस्कार और मूल्य सिखाते हैं।

सचमुच, शिक्षक हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक, मित्र और प्रेरणास्त्रोत होते हैं। आज का दिन हमें यह अवसर देता है कि हम अपने शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके योगदान को सम्मान दें। इनरव्हील क्लब सदैव शिक्षा और समाज के विकास के लिए कार्य करता है, और हमें गर्व है कि हमें इस अवसर पर शिक्षकों का सम्मान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आप सभी शिक्षक हमारे लिए दीपक की तरह हैं, जो अपने परिश्रम और समर्पण से ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं और अज्ञानता का अंधकार दूर करते हैं।


इस पावन दिन पर हम आपके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं और आपको शत-शत नमन करते हैं। आयोजन के समापन के बाद क्लब द्वारा शिक्षकों को स्वल्पाहार कराया गया और स्कूल में उपस्थित छात्र-छात्राओं को चॉकलेट का वितरण किया गया जिसे पाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छाई। इस कार्यक्रम में इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोनी, सचिव दीपिका सोनी, उपाध्यक्ष सुनीता सोनी, कोषाध्यक्ष श्रद्धा पालीवाल, सरोज पालीवाल, गीता सोलंकी उपस्थित रही।

“आज रात्रि में निकलेगा चल समारोह,गणेश
विसर्जन कुंड का निरीक्षण कर दिए सावधानी बरतने के निर्देश”
दस दिवसीय गणेश उत्सव के पश्चात अनंत चतुर्दशी के अवसर पर नगर में सैकड़ो स्थानो पर विराजित विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन कल सुबह से लेकर देर रात्रि तक चलेगा, जिसकी समुचित व्यवस्था एवं तैयारी नगर पालिका द्वारा पूर्ण की जा चुकी है. नगर की जीवन दाहिनी मां पार्वती नदी के दूसरे छोर पर नगर पालिका द्वारा विशाल विसर्जन कुंड तैयार किया गया है जिसका आज नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा द्वारा नगर पालिका अधिकारी विनोद कुमार प्रजापति सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं नपा कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया. इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायजिंग मेवाड़ा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देशवासियों से मिट्टी की श्री गणेश प्रतिमा स्थापित करने का आव्हान किया था, ताकि नदी तालाब जैसे प्राकृतिक जल स्रोत दूषित होने से बच सके. विसर्जन कुंड पर तैनात नगर पालिका के सभी कर्मचारी इस बात का विशेष ध्यान रखें की विसर्जन कुंड में मिट्टी की प्रतिमा ही विसर्जन हो

ताकि भंडारी जल दूषित होने से बच सके. मुख्य नगर पालिका अधिकारी विनोद कुमार प्रजापति ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विसर्जन के पूरे दिन नगर पालिका के कर्मचारी पूरी मुस्तादी से एवं सावधानी बरतते हुए भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं विसर्जित करवाए, तैराकों की व्यवस्था विसर्जन कुंड के समीप रहे ताकि कोई अप्रिय घटना घटित ना हो सके. निरीक्षण के दौरान पार्षद कमलेश जैन, रवि शर्मा, नपा में नेता प्रतिपक्ष डॉ राजकुमार मालवीय, स्वच्छता प्रभारी मनोहर सिंह जावरिया, कुशलपाल लाल, मोहम्मद इसरार, कैलाश बागवान, प्रहलाद वर्मा आदि मौजूद थे
“किंचित मात्र भी परिग्रह को नहीं रखना उत्तम आकिंचन्य धर्म है – मुनिश्री प्रवर सागर”

दशलक्षण महापर्व के नवम दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रवर सागर जी मुनिराज ने कहा कि यदि जब तक श्रावक के भावों की शुद्धि नहीं होती तब तक ये धर्म,जिनालय,जिनबिंब और आकिंचन्य धर्म समझ में आने वाला नहीं हैं।आचार्य विशुद्ध सागर जी मुनिराज ने सब कुछ छोड़ के पद विहार करके भारत के लोग ही नहीं अपितु विदेशों के लोग भी उनके चरणों में नत मस्तक हो झुक जाते हैं, चर्या शिरोमणि ने अभी तक कुल 1 लाख 5 हजार किलो मीटर पद बिहार करके चर्या पथ समिति का पालन करते हुए आकिंचन्य धर्म को अंगीकृत किया। जहां पर किसी चीज की कोई कामना नहीं होती वहां उन्होंने पदयात्रा करके यू.एस.वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड बनाया।जहां संयम और चारित्र की आराधना होती है, जिनेन्द्र भगवान की आज्ञा का जो पालन हो रहा है उसकी गूंज से ही उनकी देशों में ही नहीं विदेशों में भी ख्याति प्राप्त हो रही है।

मुनिश्री प्रवर सागर जी ने आगे कहा आष्टा वालों का भी पुण्य था जो चर्या शिरोमणि विशुद्ध सागर जी के पावन सानिध्य में अरिहंत पुरम जिनालय का भव्य पंचकल्याणक हुआ और शैलेंद्र जैन शिल्पा का विशेष पुण्य का उदय होने से आचार्य भगवंत की पिच्छी उनको मिली,जो पिच्छी श्रावक को दी जाती है वह इसलिए दी जाती है कि आपको भी संयम के मार्ग पर आगे बढ़ना है और आकिंचन्य धर्म को अपने हृदय में उतारना है।

मुनिश्री प्रवर सागर जी ने कहा जब आत्मा में धर्म हो तो जैसे मिट्टी कितनी भी कठोर हो उसमें पानी डलने पर वह नरम पड़ जाती है ।अर्थात जिस श्रावक के हृदय में जिनवाणी का रस पहुंच जाता है वह धर्मात्मा बन जाता है। आचार्य विमल सागर जी के गुरु आचार्य महावीर कीर्ति जी थे उन्होंने कहा आप अपने दो शिष्य एक तो आचार्य सन्मति सागर जी और दूसरी आर्यिका विजय मति माता जी को दे दो तो इन्हें मैं अध्ययन कराऊंगा और ये देश में धर्म की प्रभावना करेंगे।


ऐसा सुनकर उन्होंने अपने शिष्य का भी लोभ छोड़कर अपने शिष्यों को समर्पित कर दिया और उन दोनों ने अध्ययन करके जिन धर्म की प्रभावना बहुत की और गणिनी आर्यिका विजय मति माता जी का समाधि मरण गोमटेश्वर में हुआ। आचार्य विमल सागर जी का हृदय भी इतना वात्सल्य से भरा हुआ था कि नगर में यदि कोई क्षुल्लक या मुनि महाराज आ जाएं तो उन्हें लेने चले जाते थे और जिन मुद्रा का सम्मान करते थे। अतः आकिंचन्य धर्म को जीवन में उतारना है तो किंचित मात्र भी परिग्रह जो ना मेरा था, ना मेरा है, और ना ही मेरा रहेगा ,तभी इस धर्म को हम अपने जीवन में अंगीकार कर पाएंगे।
“कल रविवार को अरिहंत पुरम मंदिर की जलयात्रा और सामूहिक क्षमावाणी”
परम्परा अनुसार श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर अरिहंत पुरम की पर्यूषण पर्वाधिराज की समाप्ति के पश्चात जलयात्रा कल 7 सितंबर रविवार को दोपहर 2 बजे मंदिर परिसर से मुनिश्री प्रवर सागर मुनिराज एवं सजग सागर जी तथा सानंद सागर मुनिराज जी के

पावन सानिध्य में तथा ब्रह्माचारिणी पुष्पा दीदी और सुनिता दीदी की महती उपस्थिति में श्रीजी को रजत पालकी में विराजमान कर अलीपुर के प्रमुख मार्गों से निकाली जाएगी। पार्वती नदी के समीप स्थित पांडुक शिला पर भगवान के अभिषेक, पूजा – अर्चना कर सभी उपस्थित श्रावक – श्राविकाएं आपस में उत्तम क्षमा सबसे क्षमा सभी को क्षमा करेंगे। जलयात्रा वापस मंदिर परिसर में पहुंचेगी और मुनिराजों के आशीष वचन होंगे।
























