
खेतो में खड़ी सोयाबीन की फसल पर पीला मोजक रोग लगने से खराब हुई फसल का सर्वे कराने, मुआवजा देने एवं वर्ष 2023-2024 की फसल बीमा की राशि दिलाने की मांग को लेकर आज ग्राम हीरापुर एवं लोरास कलॉ के किसानों ने हाथों में खराब हुई फसलों के साथ जिला पंचायत के उपाध्यक्ष जीवनसिंह मंडलोई एवं सरपंच प्रतिनिधि शिवनारायण मेवाडा के नेतृत्व में दोनों ग्राम पंचायतों के किसानों ने तहसील पहुच कर प्रदर्शन किया एवं एसडीएम नितिन टाले के नाम संबोधित ज्ञापन नायाब तहसीलदार मुकेश सांवले को सौपा ।

पीड़ित किसानों ने प्रशासन से मांग की की उनके क्षेत्र में करीब 80 से 90% सोयाबीन की फसल पीला मोजक व अन्य प्राकृतिक कारणों से खराब हो गई है । खराब हुई फसलों का सर्वे कराया जाये एवं मुआवजा व फसल बीमा दिलाया जाये । किसानों ने मांग की की वर्ष 2023-24 में भी जब फसल खराब हुई थी,जिसका सर्वे हुआ था लेकिन अभी तक बीमा राशि नही मिली,वो राशि भी दिलाई जाये
“डॉयल 112 हेतु प्राप्त गाड़ियों का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम सम्पन्न
जिले को प्राप्त हुई डायल 112 की 24 गाडियॉ”

दिनांक 04 सितम्बर-2025 को पुलिस लाईन सीहोर में डॉयल 112 हेतु प्राप्त गाड़ियों का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
डॉयल 112 हेतु प्राप्त गाड़ियों को पुलिस महानिरीक्षक देहात जोन भोपाल अभय सिंह, उप पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण रेंज भोपाल ओमप्रकाश त्रिपाठी एवं सीहोर विधायक सुदेश राय द्वारा हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया ।
त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए डायल 112 के वाहनों का शहर के प्रमुख मार्गों पर फ्लैग मार्च कराया गया ।
उक्त कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर,भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा तथा पुलिस अधीक्षक सीहोर दीपक कुमार शुक्ला,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर श्रीमति सुनीता रावत, नगर पुलिस अधीक्षक सीहोर डॉ. अभिनंदना शर्मा, एसडीओपी सीहोर सुश्री पूजा शर्मा, डीएसपी हेमंत पांडे, रक्षित निरीक्षक उपेन्द्र यादव, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक रविन्द्र यादव, थाना प्रभारी मण्डी निरीक्षक सुनील मेहर, थाना प्रभारी महिला निरीक्षक माया सिंह एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण तथा डायल 112 से विशाल गहलोत जिला सुपरवाइजर सीहोर एवं डायल 112 की टीम उपस्थित रही ।

“जिले को आबंटित डॉयल 112 गाड़ियॉ”
पूर्व में जिले में 20 गाडियॉ डॉयल 100 के रूप में संचालित की जा रही थी,जिन्हें परिवर्तन कर डायल 112 अन्तर्गत 24 गाड़ियॉ आज से संचालित की जा रही हैं ।
जिले को कुल 24 डॉयल 112 गाड़ियॉ प्राप्त हुई, जिसमें 5 स्कार्पियों एन एवं 19 बुलेरो नियो मॉडल की गाड़ियां शामिल हैं । जिसमें से थाना कोतवाली-03, मण्डी-02, अहमदपुर-01, दोराहा-01, श्यामपुर-01,बिलकिसगंज-01, आष्टा-02, पार्वती-02, सिद्धिकगंज-01, जावर-01, बुदनी-02, रेहटी-01, शाहगंज-02, भैरूंदा-02, गोपालपुर-01 तथा थाना इछावर को 01 डॉयल 112 वाहन आंबटित किये गये ।
“डॉयल 112 गाड़ियों की विशेषताये”

नये 112 वाहनों में 02 डेश कैमरा स्थापित हैं, जिसमें 01 कैमरा गाड़ी के सामने एवं 01 कैमरा गाड़ी के अन्दर की रिकार्डिग करेगा । पुलिस स्टाफ को बाड़ी वार्न कैमरा दिया गया हैं, जो घटना को रिकार्ड करेगा । गाड़ी में स्थापित नवीन एमडीटी में उच्च स्तरीय मेपिंग की गई, जिससे समय पर घटना स्थल पर पहुंचा जा सकेगा, गाड़ी में 05 जीपीएस लोकेटर है। जिससे 5 तरीके से गाड़ी को लोकेट किया जा सकता हैं।
इसके अतिरिक्त वाहन में विभिन्न प्रकार के 45 प्रकार के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं जो आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन स्थिति में उपयोग किये जा सकते हैं।
डायल 112 योजना एक इंटीगेटेड सेवा हैं, जिसके माध्यम से एक ही नम्बर 112 से कई प्रकार की सेवाये प्राप्त की जा सकेगी ।
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा नागरिकों की सुरक्षा एवं त्वरित सहायता को ओर सशक्त बनाने के उद्देश्य से डायल 112 एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहा हैं । इस पहल के अन्तर्गत कोई भी नागरिक मोबाइल एवं लेंडलाईन से 112 नम्बर डायल कर पुलिस (100), स्वास्थ/एम्बुलेंस (108), फायर बिग्रेड(101), महिला हेल्पलाईन (1090), सायबर क्राइम (1930), रेल मदद(139), हाईवे एक्सीडेन्ट रिस्पॉस (1099), प्राकृतिक आपदा(1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन(181, 1098) जैसी सभी सेवाए एक ही नम्बर पर उपलब्ध होगी ।
जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को डायल 112 का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया हैं ।
यह व्यवस्था जिले में सुरक्षा प्रबंधन, आपात सहायता एवं कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेगी ।
“जी एस टी में बदलाव सरकार का देर से उठाया सही कदम है। पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार”
केंद्र सरकार ने अदूरदर्शी तरीके से दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भारी जी एस टी लगा कर व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं की कमर ही तोड़ दी थी। भारत के नवनिर्माण के नाम पर अनुभव विहीन तरीके से कर आरोपित कर वसूली की। देश के प्रमुख विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस कार्यवाही को गब्बर सिंह टैक्स की संज्ञा दी थी और जरूरी उपभोक्ता वस्तुओ पर भारी भरकम दरों का विरोध किया था। वर्तमान की राजनीतिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जी एस टी काउंसिल ने दरों को कम कर दो स्लैब 5% और 18%, 22 सितम्बर से लागू करने की सहमति बनाई है जबकि पहले चार स्लैब थे और अधिकतम दर 28% थी।

जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने जी एस टी की दरों में कमी को उचित बताया हैं। कैलाश परमार ने आरोप लगाया हैं कि केंद्र सरकार की ढुलमुल विदेश नीति और जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते लगातार स्थिति बिगड़ रही है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह अपनी यथास्थिति वादी पिछड़ी और पूर्वाग्रह से ग्रसित मानसिकता से निकल कर वैश्विक आर्थिक नीति का अनुपालन करे और देश वासियों के हित मे भारत के सामाजिक ढांचे और ताने बाने के अनुरूप ही वित्त नीतियां लागू करें।
“संसार का सबसे बड़ा शत्रु मिथ्यात्व है, मिथ्यात्व को त्यागने से ही त्याग धर्म जीवन में आएगा – मुनिश्री प्रवर सागर मुनिराज”

आज दशलक्षण महापर्व के अष्टम दिवस उत्तम त्याग धर्म पर मुनिश्री प्रवर सागर जी मुनिराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्होंने अंतरंग और बहिरंग परिग्रहों का त्याग कर दिया है वह जीव अनंत सुख का अनुभव करते हैं और जिनका अंतरंग और बहिरंग परिग्रहों का बिल्कुल भी त्याग नहीं हुआ है वह इंद्रिय सुख का अनुभव करते हैं। मिथ्यात्व, कषाय, नौ कषाय जो अंतरंग परिग्रह हैं ये बहुत खराब परिग्रह होते हैं जब तक ये परिग्रह समाप्त नहीं होते तब तक श्रावक धर्म-ध्यान नहीं कर सकता।मिथ्यात्व को संसार का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए कहा कि यदि व्यक्ति मिथ्यात्व की पुष्टि करता है तो त्याग धर्म समझ में नहीं आ सकता। मुनिश्री ने कहा मनुष्य पर्याय में जैन धर्म का मिलना बहुत ही पुण्य का योग है और इसमें यदि श्रावक मिथ्यात्व की शरण को नहीं छोड़ता तो जीवन में वह त्याग धर्म को हृदय में धारण नहीं कर सकता।

आज त्याग धर्म दिवस पर यही प्रतिज्ञा लेनी है कि चाहे हमें अपने प्राणों की बाजी ही क्यों ना लगाना पड़े लेकिन हम कुदेव और कुशास्त्र की शरण में कभी नहीं जाएंगे और आपका आज के त्याग धर्म पर आपका पूजन और विधान करना सार्थक हो जाएगा। शिखर जी में विराजमान स्थिविराचार्य संभव सागर जी जो कि जाति से जैन नहीं थे लेकिन उन्होंने जैन धर्म को स्वीकार करके आज वह ऐसे आचार्य हैं, जिनके 6 रस का आजीवन त्याग है और वह आहार भी सिर्फ प्रतिमाधारी, व्रती श्रावकों के द्वारा ही ग्रहण करते हैं।

क्षुल्लक ध्यान सागर जी वह भी जाति से ठाकुर थे लेकिन उन्होंने भी अणुव्रतों को धारण करके जैन धर्म की प्रभावना की। क्षुल्लक गणेश प्रसाद वर्णी जी वह भी जाति से असाटी थे ,लेकिन उन्होंने भी आगम और शास्त्रों एवं रामचरित मानस को सुनकर उन्हें जैनत्व समझ में आया और उन्होंने जगह -जगह पाठशाला खुलवाकर जैन धर्म को अंगीकार करके जैनत्व की प्रभावना की। श्रावक के जीवन में कोई ना कोई नियम या त्याग जरूर होना चाहिए ।क्योंकि कहा भी जाता है कि घुटनों के बल चलते -चलते पैर खड़े हो जाते हैं और छोटे -छोटे नियम एक दिन बहुत बड़े हो जाते हैं। अतः हमें छोटे-छोटे नियम और त्याग करके हमें जैन धर्म के अंतर्गत त्याग धर्म को हृदय में धारण करना चाहिए।
























