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आष्टा । लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में राज्य शासन द्वारा संचालित शासकीय संस्था में रोगी अथवा दुर्घटना पीड़ित के उपचार के दौरान मृत्यु उपरांत मृतक को निवास स्थल अथवा श्मशान घाट तक निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से शववाहन सेवा का संचालन प्रारंभ किया गया है। इसके तहत सीहोर जिले को दो शव वाहन प्राप्त हुए हैं।

इसमें एक वाहन जिला अस्पताल में सेवा के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में रोगी अथवा दुर्घटना पीड़ितों की इलाज के दौरान मृत्यु होने पर मृतक को सम्मानपूर्वक अपने परिजनों को सुपुर्द कर निशुल्क उनके निवास स्थल तक पहुंचाया जायेगा। शव वाहन शासकीय अस्पताल से मृतक को उसके निवास स्थल या शमशान घाट तक निःशुल्क पहुंचाने के लिए जिले की सीमा के अन्दर संचालित किया जायेगा। विभाग द्वारा शव वाहन राज्य शासन द्वारा संचालित शासकीय चिकित्सा संस्थानों में हुई मृत्यु के प्रकरणों में उपयोग किया जायेगा।

कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने बताया की शव वाहनों की अनुपलब्धता पर जिला कलेक्टर निविदा में स्वीकृत दर अनुसार स्थानीय स्तर पर अन्य वाहन द्वारा सेवा प्रदान की जा सकेगी। रोगी कल्याण समिति को इस संबंध में राज्य शासन द्वारा पृथक से आवंटन प्रदाय किया जायेगा। निजी चिकित्सालयों निवास स्थल एवं अन्यत्र किसी भी स्थान में हुई मृत्यु के प्रकरण में शव वाहन उपलब्ध कराये जाने की पात्रता नहीं होगी। सीहोर जिले को दो शव वाहन सहित प्रदेश के समस्त 19 चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में 04 तथा शेष 37 जिलों के जिला चिकित्सालयों हेतु 02 के मान से कुल 148 शव वाहन प्रदान किये गये हैं ।

“सीएमएचओ के नियंत्रण में संचालित होंगे शव वाहन”

समस्त शव वाहन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा जिला अस्पताल में तैनात होंगे तथा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की निगरानी एवं नियंत्रण में कार्य करेंगे। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा जिला अस्पताल के अतिरिक्त अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्था सीएचसी, तथा पीएचसी में हुई संस्थागत मृत्यु के प्रकरण में मृतक के परिवहन के लिए सम्बंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आवश्यकता अनुसार जिला चिकित्सालय या चिकित्सा महाविद्यालय से संपर्क कर शव वाहन उपलब्ध कराया जा सकेगा।
जिला चिकित्सालय या चिकित्सा महाविद्यालय में उपचार के दौरान मृत्यु के प्रकरण में मृतक को शव वाहन से परिवहन के लिए संबंधित स्वास्थ्य संस्था के नोडल द्वारा उक्त संस्था में तैनात शव वाहन को मृतक को ले जाने के लिये उपलब्ध कराया जा सकेगा। प्रत्येक प्रकरण में शव वाहन के चालक द्वारा मृतक के शव को ले जाने संबंधित शासकीय स्वास्थ्य संस्था से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह जिम्मेदारी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन अथवा चिकित्सा महाविद्यालय के नोडल की होगी।

“चौबीस घंटे सातों दिन संचालित होंगे शव वाहन”

शव वाहन चौबीस घंटे सातों दिन संचालित होंगे। जिसमें प्रत्येक समय एक वाहन चालक की उपस्थिति सेवा प्रदाता संस्था द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। मृतक संबंधी समस्त विवरण सेवा प्रदाता संस्था द्वारा संधारित किया जाएगा, जिसकी ऑनलाइन एंट्री की जायेगी। शव वाहनों की निर्धारित चिकित्सालयों पर उपलब्धता की सतत् निगरानी की जाएगी। शव वाहन चालक द्वारा शव वाहन से दी गई सेवाओं का विवरण लॉग-बुक में संधारित किया जाएगा, जिसका सत्यापन सम्बंधित शासकीय स्वास्थ्य संस्था के प्रभारी द्वारा प्रतिदिन किया जायेगा।

“जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामांकित”

शव वाहन सेवा के जिला स्तर पर आवश्यक समन्वय स्थापित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी को नामांकित किया गया है। अनुबंध में निर्धारित मानक अनुसार शव वाहन में स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। शव वाहन में स्वच्छता एवं संक्रमण नियंत्रण के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। शव वाहन की जीपीएस ट्रैकिंग के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड उपलब्ध कराया जायेगा। शव वाहनों द्वारा प्रदाय सेवाओं का डाटा एवं निर्धारित प्रपत्र अनुसार रिपोर्टिंग की व्यवस्था की जायेगी।

“एक शव वाहन आष्टा सिविल अस्पताल को मिले,हाईवे होने के कारण आष्टा में आते है सर्वाधित दुर्घटना घटना के प्रकरण”

सीहोर जिले की सबसे बड़ी तहसील आष्टा है,आष्टा सिविल अस्पताल में घटना दुर्घटनाओं के सबसे अधिक प्रकरण आते है,वही यहा सरकारी अस्पताल में अगर पूरे जिले के सभी सिविल अस्पतालों में घटना दुर्घटनाओं या अन्य कारणों से मृतकों की संख्या का औसत निकाला जाये तो संभवतः आष्टा के सरकारी अस्पताल में मृतकों की संख्या में आष्टा आगे रहेगा,जो अच्छा तो नही है,पर होनी को कौन टाल सकता है । इसे देखते हुए एक शव वाहन सिविल अस्पताल आष्टा को उपलब्ध कराया जाना चाहिये । क्षेत्र के विधायक गोपालसिंह इंजीनियर को इसको लेकर विशेष प्रयास करना चाहिये । ताकि उक्त सुविधा से वे परिवार जिसके यह किसी कारण से ऐसी दुखद घटना घटे तो जो भी मृतक हो उसे उसके घर तक निशुल्क सेवा के रूप में घर तक शव को पहुचाया जा सके।

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