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नगर के मोबाइल व्यापारीयो ने एक बैठक कर एसोसिएशन का का गठन किया । जिसमें सर्वसम्मति से दीपक तुतलानी को अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान नवनियुक्त अध्यक्ष दीपक तुतलानी का सभी व्यापारियों ने फूल माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया ।

नगर के सभी मोबाइल व्यापारीयो ने एक बैठक का आयोजन किया जिसमें सभी व्यापारियों की सहमति से दीपक तुतलानी को अध्यक्ष चुना गया ।
नवनियुक्त अध्यक्ष दीपक तुतलानी ने आयोजित कार्यक्रम में मोबाइल एसोसिएशन की कार्यकारणी का गठन किया।

उपाध्यक्ष लक्क़ी गुप्ता,
कोषाध्यक्ष ऋतिक, महामंत्री भरत नाकोड़ा,सचिव अभिषेक आर्य ,पंकज रवि को सह सचिव विशाल जैन,रोहीत ताम्रकर, स्वप्निल,गौरव को,प्रवक्ता अर्जून ठाकूर को मीडिया प्रभारी पुनीत वर्मा,श्रेयांश जैन, प्रचार मंत्री राहुल धनगर गोलू पांचाल को बनाया गया।

कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राय सिंह मेवाडा,भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रतिनिधि विशाल चौरसिया, पार्षद रवि शर्मा,व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष रूपेश राठौर,पत्रकार कमल पांचाल अतिथि के रूप में उपस्तिथ थे ।

मोबाइल एसोसिएशन के नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों का अतिथियों ने स्वागत कर शुभकामनाएं दी । इस अवसर पर सभी व्यापारीगण उपस्तिथ रहे ।

“जैसे कर्म का उदय होता है वैसा ज्ञान होता है,एकत्व भावना का चिंतन करने से आत्मा में तल्लीनता आती है – मुनिश्री प्रवर सागर मुनिराज”

जो जीव आत्मज्ञ है वह एकत्व भावना का चिंतन करके आत्मा में लवलीन हो सकते हैं।अभी जो जीव का पुरुषार्थ चल रहा है वह आत्मज्ञ बनने का है, एकत्व भावना को सामान्य नहीं समझना क्योंकि जितने भी अरिहंत और सिद्ध हुए वह एकत्व भावना के चिंतन से ही हुए हैं, एकत्व भावना को अर्थ बताते हुए कहा कि जीव अकेला ही संसार में आता है और अकेले ही संसार से जाता है,

श्रावक यदि इस भावना का चिंतन करके वैराग्य को अपने हृदय में धारण कर सकता है। हम मनुष्य बने हुए हैं अथवा मकड़ी अर्थात व्यक्ति राग और द्वेष के तार में फंस कर उसी में आनंद की अनुभूति कर रहा है। मैं एक हूं , मैं शुद्ध हूं , मैं बुद्ध हूं, मैं निरंजन हूं, एकत्व भावना के चिंतन से श्रावक अपने आत्मा के स्वरूप को समझ सकता है।जैसे कर्म का उदय होता है वैसा ज्ञान होता है,एकत्व भावना का चिंतन करने से आत्मा में तल्लीनता आती है।


उक्त बातें नगर के श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर अरिहंत पुरम अलीपुर में चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य विनिश्चय सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री प्रवर सागर मुनिराज ने आशीष वचन देते हुए कही।

आपने कहां जन्मे- मरे अकेला चेतन सुख- दुख का भोगी और किसी का क्या इक दिन यह देह जुदी होगी,बारह भावना की एकत्व भावना का सार बताते हुए कहा कि जीव सुख और दुख का अनुभव करके अकेला ही जन्मता और अकेला ही मरता है

और राग – द्वेष से परिपूर्ण होकर अपनी इस नश्वर देह को छोड़ देता है जो कि क्षणभंगुर है।मुनिश्री प्रवर सागर जी मुनिराज ने कहा कि जो अनुप्रेक्षाओं का चिंतन और चारित्र को धारण करके जो अनादि से ज्योति बुझी या झिलमिला रही है,जिसका ज्ञान दीपक प्रकाशित हो रहा है वह चारित्र रूपी घी से उस ज्योति को सींचकर केवलज्ञान को प्रकट कर सकते हैं ।

बारह भावनाओं और अनुप्रेक्षाओं का चिंतन चल रहा है, वह ज्ञान ज्योति को ,वैराग्य को बढ़ाने का चल रहा है।किसी कवि ने लिखा है यदि संसार में सुख होता तो विशेष पुण्यशाली जीव जिसका तीव्र पुण्य का उदय है जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है तो गर्भ में आने से पूर्व सौधर्म इंद्र अष्टकुमारियों को गर्भ शोधन की आज्ञा देता है जिससे जब बालक का जन्म होता है तो वह बालक मां के मल से स्पर्शित नहीं होता है,

जिनधर्म को समझाते हुए कहा कि जहां ईर्ष्या समाप्त होती है वहां से धर्म प्रारंभ होता है । धर्म करत संसार सुख, धर्म करत निर्वाण, धर्म पंथ सादे बिना नर तिर्यंच समान ।अर्थात जो श्रावक धर्म के मर्म को समझता है उसे सच्चे सुख के साथ निर्वाण की प्राप्ति होती है , और जो श्रावक इस धर्म के पंथ को नहीं समझता उस श्रावक को तिर्यंचों के समान कहा गया है।

“भारतीय ज्ञान परंपरा में वेद व्यास का अवदान विषय पर हुई गोष्ठी”

आज शहीद भगत सिंह शासकीय महाविद्यालय, आष्टा में ’’भारतीय ज्ञान परंपरा में वेद व्यास का अवदान’’ शीर्षक आघृत गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाॅ. रोहिताश्व कुमार शर्मा, प्राचार्य, प्रधानमंत्री काॅलेज आॅफ एक्सीलेंस, चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर (अग्रणी) महाविद्यालय, सीहोर का स्वागत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रोहिताश्व कुमार शर्मा ने वेद व्यास का भारतीय ज्ञान परंपरा में किस तरह से योगदान है तथा उन्होंने किस तरह से आम जन तक वेदों का ज्ञान पंहुचे के बारे में बताया तथा यह भी बताया कि जीवन में आनंद ही सभी दर्शनों का मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने बताय कि रामचरित्र मानस में भी वेदों कों समाहित किया गया है। इस कार्यक्रम का संचालन डाॅ. दीपेश पाठक ने किया और वेद व्यास का अवदान भारतीय ज्ञान परंपरा में आचार्य गोविन्द (संस्कृत) ने भी अपना मत रखते हुए नौ ग्रहों जो वैज्ञानिकता से जोड़कर बताया।

कार्यक्रम के अंत में आभार प्रभारी प्राचार्य धर्मेंन्द्र सिंह के द्वारा दिया गया। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाॅफ के साथ-साथ विद्यार्थी भी उपस्थित रहें।

“एक पेड़ माँ के नाम पर जादूगर ग्रुप की पारिवारिक कपल पार्टी आयोजित”

नगर के सामाजिक संगठन जादूगर ग्रुप की पारिवारिक कपल पार्टी का आयोजन उमराव गार्डन में किया गया । जादूगर ग्रुप के संयोजक पंकज राठी एवं सह संयोजक राहुल चतरमुथा ने अपने उद्बोधन के साथ कार्यक्रम एक पेड़ माँ के नाम के तहत पार्टी का शुभारंभ किया।

ग्रुप के संयोजक पंकज राठी ने बताया कि जादूगर ग्रुप को बनाने का एक मात्र उद्देश्य ग्रुप के सदस्यों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रखना एवं सामाजिक क्षेत्र में बड़ चढ़ कर सहयोग करना है। वर्तमान में शासन द्वारा प्रसारित एक पेड़ माँ के नाम के तहत जादुगर ग्रुप के सदस्यों द्वारा वृक्षा रोपण भी किया गया। ग्रुप के द्वारा रक्तदान जैसे विशेष शिविर के आयोजन भी समय समय पर आयोजित किए जाते है।


सभी सदस्यों द्वारा सपत्निक इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कर एक आकर्षक ’’ सेल्फी पॉइंट से सभी ने यादगार तस्वीरें खिंचवाई। पार्टी में विशेष रूप से रोमांचक गेम्स, रिंग गेम और ’क्रीम गेम्स’ ने सभी का मन मोह लिया। विशेष रूप से आयोजित कपल गेम्स और सिंगल गेम्स’ ने पार्टी में जोश और हंसी-ठिठोली का माहौल बनाया। पार्टी में डांस और चुटकुले तथा ’हास्य-व्यंग्य का दौर भी चला जिसने सभी को लोटपोट कर दिया।


बच्चों की दुनिया रंगीन पार्टी का विशेष आकर्षण थे बच्चें। उनके मनोरंजन के लिए ’मिकी माउस, घुड़सवारी का विशेष प्रबंध किया गया था, जिसका बच्चों ने खूब आनंद उठाया। इसके अलावा,

उनके लिए कई रोमांचक ’गेम्स’ भी आयोजित किए गए, जिससे उनका उत्साह देखते ही बनता था।
जादूगर ग्रुप की यह पारिवारिक पार्टी सचमुच एक ’बेहतरीन और सफल आयोजन’ साबित हुई। बच्चों की किलकारियों से लेकर बड़ों की हंसी-खुशी तक, पूरा उमराव गार्डन खुशियों से गूंजता रहा।

ग्रुप के सदस्यों ने आपसी रिश्तों को मजबूत करने और सामूहिक मस्ती का भरपूर आनंद लिया। यह पार्टी निश्चित ही ग्रुप के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगी। कार्यक्रम को ऊंचाइयों पर पहुंचने में कार्यक्रम की एंकर शिखा मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
अंत में आभार ग्रुप के सदस्य सुमित मेहता ने व्यक्त किया।
पार्टी में पवन वर्मा, शैलेन्द्र साहू, अक्ष्य जैन, अवनीश पिपलोदिया, राजेश राठौर, रोहित राठौर,

आलोक वोहरा, प्रदीप मोटवानी, बसंत जैन, बंटी जायसवाल, संतोष जायसवाल, विजय खंडेलवाल, आनंद खंडेलवाल, दुर्गेश ठाकुर, संजय रांका, केशव राठौर, विजेन्द्र सिंह ठाकुर, सूरज सिंह ठाकुर, त्रिलोक श्रीश्रीमाल, बसंत पाठक, नवनीत जैन, आशीष सोनी, महेश सोनी, सुशील पांचाल, राहुल नायक, प्रदीप राठौर, पुष्पेन्द्र मालू, लखन राठौर, विजय टेलर, हरीश सोनी, मनीष जैन, कमल ठाकुर आदि उपस्थित थे।

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