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आष्टा । जंगलों से अवैध रूप से बिना टीपी के सतकट लकड़ियों के आने का सिलसिला आखिर क्यों नही थम रहा है.? क्या इस मामले में कोई आशीर्वाददाता कम कर रहा है,या मिलीजुली सरकार चल रही है ।

ये जांच का विषय है । इसके पूर्व अज्ञात आशीर्वाददाता के आशीर्वाद से 15 सो मोतियों की माला पहना कर अवैध रूप से बिना टीपी के जंगल से सतकट ट्रेक्टर ट्रालिया आरा मशीनों पर पहुच रही थी ।

आज एक बार फिर अवैध सतकट से भरी पिकअप के पकड़ाने से यह तय हो गया है की कार्य अभी भी जारी है । आखिर ये कार्य क्या पूरे जंगल कटने के बाद ही बन्द होंगे ।

एक ओर सरकार पेड़ लगाने के अभियान में दिन रात जुटी है । वही जिस वन विभाग के जिम्मे इन पेड़ों को बचाने,सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी है वो मदमस्त है इसका ज्वलंत उदाहरण है सतकट से भरी पिकअप का पकड़ा जाना ।


वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार रेंजर नवनीत झा के मार्गदर्शन में परिक्षेत्र सहायक कुमेरसिंह चौहान, शेलेषसिंह, कपिल यादव,बहादुरसिंह द्वारा मानसून गश्ती के दौरान रोलागांव बड़लिया मार्ग पर एक पिकअप पकड़ी जांच की तो उसमे सतकट लकड़ियां एवं गुटके भरे थे,

जब वन अमले ने चालक से वैद्य दस्तावेज मांगे तब उसने उसके पास कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे । तब वन परिक्षेत्र अधिकारियों ने पिकअप वाहन को जप्त कर किया । पिकअप वाहन सहित उक्त सतकट लकड़ियों,गुटको की कुल कीमत 1 लाख 50 हजार आंकी गई है ।

वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर वाहन एवं लड़कियां जप्त कर आरोपी जिसका नाम शेख फिरोज पिता शेख शफीक निवासी डोराबाद है को गिरफ्तार किया है ।


दिन में पकड़ी उक्त पिकअप की जानकारी रात तक ना देना,जैसे ही इस प्रतिनिधि द्वारा जब जानकारी ली तब तत्काल जानकारी जारी करना कुछ तो कहता है..? क्या कहता है ये समझदार को इशारा ही काफी है..! क्या नवागत डीएफओ आष्टा में ये सब कैसे चल रहा है,को संज्ञान में लेंगे.?

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