
आष्टा । यू तो केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना,मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सड़क योजना से सड़कों का जाल फैला हुआ है,अधिकांश ग्राम मुख्य मार्गो से जुड़ चुके है । लेकिन आज भी दुरस्त अंचलों में कई ग्राम ऐसे भी है जिनको ग्राम को सड़कों की दरकार है,जब ऐसे सड़क विहीन ग्रामो के पहुच रास्ते बारिश में कीचड़ युक्त हो जाते है

जब लगता है की इन सड़क विहीन ग्रामो के ग्रामीणों को बारिश में किस प्रकार समस्याओं का सामना करना पड़ता है,उक्त पंचायत आष्टा जनपद की आदिवासी पंचायत है,आखिर जनपद के सीईओ क्या कर रहे है,जनपद अध्यक्ष को भी इस ओर ध्यान देना चाहिये,क्या अब कलेक्टर बालागुरु के, जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन इस मामले को संज्ञान में लेंगे,क्या उक्त पंचायत के तीन ग्राम सड़क से जोड़े जायेंगे.? ऐसे ही अन्य ग्रामो की ओर भी ध्यान दिया जायेगा.!


खास कर उस समय जब किसी परिवार में कोई गम्भीर बीमार हो या किसी परिवार में डिलेवरी के वक्त बहन बेटियों बहुओं को ग्राम से ले कर शहर जाना तो तब जो परेशानी होती है उसका अंदाजा नही लगाया जा सकता है । कल ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसे देख कर,सुन कर लगा की विकास की कड़ी में सबसे पहले ऐसे ग्रामो को ही शामिल किया जाना चाहिये ।


मामला है आष्टा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सामरी बोंदा के गांव महुआखेड़ा का । यहां पर रविवार को जगदीश बंजारा की 14 वर्षीय बालिका मधू कृषि कार्य करते समय खेत पर खुदे हुए कुएं पर पानी भरने गई थी


इस दौरान मधु का पैर फिसल गया और वह कुएं में जा गिरी। जब तक परिजन कुछ समझ पाते वह पानी में डूब चुकी थी ओर डूबने से उसकी मौत हो गई । काफी मशक्कत के बाद करीब 4 घंटे में शव को कुए से बाहर निकाला जा सका । इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए आष्टा अस्पताल लाया गया ।


पोस्टमार्टम के बाद शव को आष्टा से एक निजी वाहन से ले जाया गया लेकिन गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण शव को निमावरा रोड पर ही उतारा गया । इसके बाद ग्रामीण शव को चारपाई पर रख कर गांव महुआखेड़ा तक ले गए ।

शव को ग्राम ले जाने में ग्रामीणो को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा ।
इस मामले में महुआखेड़ा निवासी श्याम लाल, प्रभु लाल, गिरधारी, ऊंकार सिंह, जगदीश, सोबाल सिंह, राजेंद्र सिंह,

धूल सिंह,दिनेश, हरिप्रसाद, तूफान सिंह, जितेंद्र सिंह, राहुल सिंह आदि ग्रामीण ने बताया कि हम ग्राम वासी उक्त सड़क नही होने के कारण बारिश में कई परेशानियों से युक्त जीवन जीने पर मजबूर है ।


अभी तक हमारे गांव तक आने के लिए किसी प्रकार की सड़क नहीं बनी है । इसके चलते हम ग्रामवासी काफी परेशान है । हम ग्राम वासियों द्वारा कई बार मांग की गई, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है ।

इस गांव के बच्चे 4 महीने सड़क नही होने से बारिश के मौसम में स्कूल नहीं जा पाते हैं । इसके चलते उन बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है ।

ग्रामीणों ने बताया कि जब चुनाव आते हैं तो सभी लोग वोट मांगने के लिए हमारे गांव तक आ जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता हमारे गांव की तरफ नहीं देखता है । हमारे द्वारा आष्टा विधायक को भी कई बार अवगत कराया गया है ।


इस मामले में ग्राम पंचायत सामरी बोंदा के सरपंच राकेश सिंह सिसोदिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरी ग्राम पंचायत में ऐसे ही तीन गांव है जिनमें जाने के लिए कोई सड़क नहीं है । ग्रामीण इसी तरह कीचड़ में से गांव तक आना जाना करते हैं ।

कई बार बीमार व्यक्ति को भी चारपाई पर पटक कर लाना पड़ता है तथा डिलीवरी के समय महिलाओं को भी चारपाई पर ही पाटक कर लाना पड़ता है ।

मेरे द्वारा विधायक जी को प्रस्ताव दिए गए हैं और उन्होंने आश्वासन भी दिया है की जल्द ही इन सड़क विहीन ग्रामो को रोड से जोड़ा जायेगा ।

मुख्यमंत्री जी ऐसे छोटी छोटी दूरी के कच्ची सड़क वाले ग्रामो को लेकर प्रदेश स्तर पर कोई योजना बनाये ओर ऐसे सभी ग्रामो को जो मुख्य मार्ग से दो से तीन किलो मीटर के कच्चे मार्ग है,उन ग्रामो को पक्की सड़क बना कर समस्या का स्थाई हल किया जाये ।


इनका कहना है..
मेरी ग्राम पंचायत सामरीबोंदा में ऐसे तीन ग्राम है,जहाँ मुख्यमार्ग से ग्राम तक जाने को सड़क नही है,बारिश में ग्रामीणों को काफी परेशान होना पड़ता है,मेने इन तीनो ग्रामो को सड़क से जोड़ने की मांग के प्रस्ताव विधायक जी को दिये है,उन्होंने जल्द ही समस्या के निदान का भरोसा दिया है-राकेश सिसोदिया सरपंच सामरीबोंदा
