सीहोर। सावन मास के शुभ अवसर पर आज 6 अगस्त को सीहोर में सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के नेतृत्व में ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा निकाली गई । जो सीहोर के सीवन घाट से प्रारंभ होकर प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम पहुची यहा जलाभिषेक के साथ कावड़ यात्रा संपन्न हुई।


यात्रा में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ लाखों की संख्या में भक्त शामिल हुए। शहर में जगह-जगह स्वागत और भंडारे का आयोजन किया गया।

शिव-पार्वती, नंदी, हनुमान की झांकियाँ, डीजे, बैंड-बाजे और ढोल-ताशे और आतिशबाज़ी ने यात्रा को भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान दिया। इसके अलावा कांवडियों पर आज हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए।


वहीं देश भर के प्रसिद्ध डीजे युवाओं और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहे। बुधवार की रात्रि को भी सीवन घाट से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक कांवड यात्रियों की कतारे लगी रही । कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती रही।

बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से श्रद्धालुओं का आना निरंतर आज दिनभर जारी रहा। वहीं निजी वाहनों से श्रद्धालुओं के आने-जाने का भी क्रम जारी रहा। कावड़ यात्रा के कारण कल दोपहर से ही इंदौर भोपाल हाईवे पर जाम की स्तिथि आज रात्रि तक बनी रही ।


पुलिस ने जिस तरफ मार्ग डायवर्ड किया था उधर भी जाम ही जाम लगा नजर आया । पूरे समय अन्य यात्री,वाहन चालक,ग्रामीण इसके कारण परेशान रहे वही कांवड यात्रा क्षेत्रवासियों के लिए,व्यापारियों के लिये संजीवनी बनी,

होटल, दुकान, केले के ठेल, पानी की बोतल,खानपान की दुकानें, ढाबे,भोजनालय,लॉज, धर्मशाला सहित अन्य सभी ने करोड़ों रुपए का कारोबार किया। कई दुकानों पर तो खाने पीने का सामान तक खत्म हो गया था ।


स्थानीय लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की मदद से सेवा पंडाल लगाए गए ,जहां कांवड़ियों को नाश्ता, चाय, जल और विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई गई ।

पिछले कई दिनों से सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक हर मोड़ पर भोजन, जल और विश्राम की व्यवस्था की गई थी । वहीं कुबेरेश्वरधाम पर बुधवार को करीब पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भोजन-प्रसादी का वितरण किया।


इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा आदि शामिल थे। कुबेरेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा

भव्य कांवड़ यात्रा में शामिल होने देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे । चारों तरफ भीड़ का सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा था । बुधवार को सुबह से ही भारी भीड़ के कारण इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर ट्रैफिक जाम हो गया था ।


अमलाहा से लेकर आष्टा तक हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लगी रही । इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए थे। अमलाह से ट्राफिक परिवर्तन किया था। कल शाम से आज रात तक जाम के कारण आज प्रातः

भोपाल से आने वाले समाचार पत्र की गाड़ियां सुबाह बड़ी मुश्किल से आष्टा पहुची,देरी होने के कारण आज आष्टा में समाचार पत्रों का वितरण ही नही हो पाया । कावड़ यात्रा के कारण आज पूरा सीहोर शहर हर तरफ भगवामय नजर आ रहा था । हर तरफ महाकुंभ सा नजरा नजर आ रहा था


आज प्रातः से ही कुबरेश्वर धाम परिसर और उसके आस-पास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा था,सीहोर शहर की सड़कों पर बोल बम एवं डीजे के साथ नारो के जयकारों की गूंज ही गूंज सुनाई दे रही था ,हर ओर केवल भगवा वस्त्रधारी भक्तों की कतारें ही कतारें दूर-दूर तक फैली नजर आ रहीं थी ।


“जिला प्रशासन-पुलिस महकमा पूरी तरह रहा सतर्क,किया ट्रैफिक डायवर्ट”

ऐसे विशाल आयोजन को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। भीड़ की व्यवस्था और यातायात को नियंत्रित करने के लिए कई प्रमुख मार्गों को डायवर्ट किया गया। सड़कों पर हजारों वाहन रेंगती गति से चलते नजर आए, वहीं कुछ मार्गों पर जाम की स्थिति भी बनी रही, जिसे पुलिस ने तत्परता से नियंत्रित किया।


हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा । जैसे ही जिस जिस मार्ग से कावड़ यात्रा गुजरी, श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और उल्लास का माहौल नजर आया ।

पुलिस विभाग ने कियेसुरक्षा के पुख्ता इंतजाम,यातायात व्यवस्था को रखा चाकचौबंद”
कावड़ यात्रा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए जिले का पूरा पुलिस बल, होमगार्ड के जवान,ट्रैफिक पुलिस के जवान और वालंटियर की तैनाती की गई थी। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी।


स्वास्थ्य सहायता हेतु मोबाइल एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्र भी स्थापित किए गए थे। इस बार की कावड़ यात्रा की विशेष बात यह रही कि इसमें न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया,ओर सभी ने भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।


कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यात्रा प्रारंभ से पूर्व उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा, कावड़ यात्रा केवल जल चढ़ाने की प्रक्रिया नहीं, यह आत्मशुद्धि और सेवा का प्रतीक है। जब भक्त एकता के साथ चल पड़ते हैं, तो खुद शिव भी प्रसन्न होते हैं।

इस ऐतिहासिक आयोजन में सीहोरवासियों ने श्रद्धालुओं का दिल खोलकर स्वागत किया। जगह-जगह पानी,शरबत,भोजन और विश्राम की व्यवस्था स्थानीय नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा की गई।


यह नजारा दर्शाता है कि आस्था केवल धर्म का नहीं, सामाजिक समरसता का भी सेतु है। कुबरेश्वर धाम से निकली यह कावड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा,अनुशासन और जनसहभागिता की अनुपम मिसाल बनकर उभरी। लाखों भक्तों की भागीदारी, प्रशासन की सजगता और नागरिकों की सेवा भावना ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया।


“देश भर के डीजे बने आकर्षण का केन्द्र,वही डीजे की कानफोड़ू आवाज दिन भर सोशल मीडिया पर बनी आलोचना का कारण”

कांवड़ यात्रा में देशभर से डीजे शामिल किए गए हैं। इनमें सीहोर, झारखंड, यूपी के मेरठ,दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, इंदौर और भिलाई के डीजे शामिल रहे,आश्चर्य प्रशासन और पुलिस को पूरी कावड़ यात्रा में एक भी डीजे नजर नही आया..?

“मानव अधिकार आयोग ने हुई मोतो को लिया संज्ञान,कलेक्टर-एसपी से मांगा जवाब”
कावड़ यात्रा के एक दिन पूर्व रुद्राक्ष वितरण के दौरान हुई भगड़न में दो महिलाओं की मृत्यु के मामले को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया और आयोग ने कलेक्टर-एसपी को नोटिश जारी कर कुछ बिंदुओं की जांच कराकर,जांच प्रतिवेटन मांगा है ।


सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मानव अधिकार आयोग ने जवाब मांगा है की कुबेरेश्वर में घटना दिवस को
भीड़ प्रबंधन की क्या व्यवस्था थी, घायलों के इलाज में क्या कार्यवाही की गई, मृतकों को क्या आर्थिक सहायता दी गई आदि की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिनों में मांगा है।
























