आज सत्य धर्म है,प्रभु और गुरु किसी के नहीं,सभी के होते हैं — मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज,सत्य कड़वा होता है, उसे स्वीकार करना चाहिए –निष्काम सागर महाराज,हम बंटे हुए हैं इसीलिए तीर्थ छीन रहे हैं — मुनिश्री विनंद सागर महाराज
आष्टा। आज सत्य धर्म है। प्रभु और गुरु किसी के नहीं, सभी के होते हैं।सत्य कड़वा होता है, उसे स्वीकार करना चाहिए।हम बंटे हुए हैं इसीलिए तीर्थ छीन रहे हैं…