साधु और श्रावक से धर्म का रथ चलता है –मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराजदुनिया में सब-कुछ प्राप्त करना सरल है, जिनेंद्र मुद्रा प्राप्त करना कठिन है,कर्जदार नोट, नेता वोट और दिगंबर साधु खोट लेकर संयम का उपकरण देते है– मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज
आष्टा।जब हम लोगो की दीक्षा हुई तो पांचों पापों का हम लोगों पर आरोहण हुआ ,हमने पांच महाव्रत धारण कर लिए। साधु के मूलगुणों में अट्ठाइस मूलगुणों का एक पिंड…