मुनि श्री 108 निष्कंप सागर महाराज ने तीन उपवास की तपस्या कर 44 घंटे एक ही मुद्रा में ध्यान में लीन रहेसंस्कार, संस्कृति का ज्ञान नहीं तो कलेक्टर, डॉक्टर, इंजीनियर आदि की डिग्री किस काम की– मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज
आष्टा। लौकिक शिक्षा बहुत ले ली, लेकिन मूल संस्कार ग्रहण नहीं किए, रटन विद्या सीखी।आज के विद्यालय कितने भारतीय संस्कार दे रहे हैं,यह किसी से छुपा नहीं है।आने वाला भविष्य,…