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“व्यवहार और संस्कार में तालमेल बना कर आगे बढ़े- मुनि निष्कम्प सागरजी
पूर्व नपाध्यक्ष ने अपने कार्यालय में की चरण वन्दना”

कार्य स्थल व्यवहार और कर्म की प्रयोगशाला है । कार्यालय की अपनी संस्कृति होती है । धर्म का जितना सम्वन्ध आपके आत्म कल्याण से होता है उतना ही परोपकार और सेवा से भी होता है । आप जनप्रतिनिधि हों ,समाज सेवक हों या सेवा विशेषज्ञ हो अगर जरूरतमंद लोग आपके पास निर्भीक हो कर मदद के लिए आते हों तो ही आप सफल जनसेवक बन सकते हो । आफिस कल्चर का अपना महत्व है । कार्य संस्कृति अनुभव और सद्भावना से विकसित की जाती है इसे अनुशासन और सेवाभाव से दूसरों के लिए आदर्श बनाएं यह आशीर्वचन आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि निष्कम्प सागर जी महाराज ने पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार के कार्यालय में उपस्थित जन को मांगलिक सुनाते हुए व्यक्त किये । मुनि श्री ने कहा कि लोक व्यवहार और निजी संस्कार का तालमेल बना कर निरन्तर कर्मशील रह कर प्रगति पथ पर अग्रसर रहें ।


मुनि श्री निष्कम्प सागरजी महाराज संचौरा कालोनी में शिखरचंद संदीप जैन बावड़ीखेड़ा के यहां आहारचर्या के पश्चात पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार के आग्रह पर उनके कन्नौद रोड स्थित अधिवक्ता कार्यालय में पधारे थे। जहां दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष यतेंद्र श्रीमोड़ , एडवोकेट वीरेंद्र परमार , चन्द्र कुमार जैन , आचार्य विद्यासागर गौशाला के महासचिव प्रशाल जैन श्रीमती सुरभि प्रशाल सहित श्रावक जन ने मुनि श्री का पाद प्रक्षालन किया । पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने मुनिश्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित जन की भक्ति का अनुमोदन किया

“पाठशाला में धार्मिक शिक्षा के साथ- साथ लौकिक शिक्षा भी देवें,ज्ञान दान सबसे बड़ा दान है –मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज”

पाठशाला तो पहले भी थी और बीच में पाठशाला के प्रति जागरूकता करने में गणेश प्रसाद वर्णी का विशेष योगदान रहा है ।आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज ने भी पाठशाला के प्रति बहुत रुचि लेकर पाठशालाएं संचालित करवाई है।हर समाज में पाठशाला बहुत जरूरी होती है।पाठशाला में बच्चों को संभालना बहुत कठिन है।हमने भी पाठशाला चलाई है। बोर्ड पेटर्न पर कालेज में धार्मिक परीक्षा होती थी। कलेक्टर आदि भी परीक्षा के संचालन को देखने आते थे।

आज जो संस्कार पाठशाला में आप महिलाएं देगी उससे आपका स्त्री पर्याय का छेदन हो जाएगा।ज्ञान दान सबसे बड़ा दान है।हमारे थोड़े से दान से बच्चे पाठशाला में ज्ञानार्जन कर धर्म का झंडा उठाएंगे ।आज आपके सामने चार -चार मुनिराज जो बैठे है ,यह भी पाठशाला की ही देन है ।पाठशाला में पड़ने वाले बच्चे मुनि बने न बने लेकिन मुनि के मुनीम जरूर बन जाएंगे ।वे जीवन भर उनकी सेवा में ही लगे रहेंगे, यही पाठशाला का प्रभाव है।सिर्फ लौकिक शिक्षा से बच्चे का कल्याण नही होने वाला है, उसे धार्मिक शिक्षा भी जरूरी है, हमें परमार्थ की कमाई करना है।पाठशाला में धार्मिक शिक्षा के साथ- साथ लौकिक शिक्षा भी देवें।

अब संंभलने की आवश्यकता है नींव हमारी मजबूत होगी तो मकान सही टिका रहेगा , बच्चों के संस्कार की नींव मजबूत होना चाहिए। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर आचार्य विद्यासागर पाठशाला के लकी ड्रा के अवसर पर मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। आपने कहा लौकिक शिक्षा से कल्याण नहीं, लेकिन धार्मिक शिक्षा से आपका बुढ़ापा और परिवार सुधर जाएगा। धार्मिक संस्कार से परमार्थ प्राप्त होगा। शुरुआत में पाठशालाएं हमारी नींव है, संस्कार हमारे लिए नींव के समान है।पहले गुरुकुल पद्धति में धार्मिक, लौकिक एवं नैतिक शिक्षा दी जाती थी।आज कान्वेंट स्कूलों ने संस्कार भूलाकर पाश्चात्य संस्कृति से जोड़ दिया है। आपने कहा कि हमारे यहां मोम्म ओर डेड की शिक्षा नही है, हमारे यहां माँ और पिता जी की शिक्षा दी जाती है।पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी के आशिर्वाद से आज देश भर में प्रतिभा स्थली के माध्यम से हजारों बच्चियां ज्ञानार्जन कर रही है। पाठशाला एक मंदिर है, वर्तमान समय को देखते हुए पाठशाला अपडेट होना चाहिए ,सर्वसुविधा युक्त होना चाहिए।पाठशाला के संस्कार से सभी सुखी रहेंगे। बेटी दो कुलों मायका और ससुराल दोनों को संवारती है। पाठशाला का संकल्प साधु संतों के समक्ष लेते हैं, फिर बंद हो जाती है। मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने कहा पाठशाला में पढ़ाने वाली को बहुत पुण्य मिलता है।आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज के कारण इतने सारे मुनिराज देश में नजर आ रहे हैं।जो साधु संतों से जुड़ता है वह कभी भी परिवार व कुल को कलंकित नहीं करेंगे।पाप और बुराइयां कभी भी समाप्त नहीं होगी लेकिन हम पुण्य बढ़ाएं।हम बुराइयों को समाप्त नहीं कर सकते लेकिन अच्छाईयों को बड़ा सकते हैं।आजादी के बाद बूचड़खाने देश में बड़े हैं। आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज से कुछ लोगों ने निवेदन किया कि बूचड़खाने बंद करवा देवें, उन्होंने मना किया,वह संभव नहीं था।

लेकिन उन्होंने धर्म सभा में वह बात कही और गौशालाओं को संचालित करने की बात कही, इसलिए पूरे देश में बहुत सारी गौशाला संचालित हो रही है।संस्कार भवन पाठशाला शास्त्री कॉलोनी के भूमि प्रदाता मनीष कुमार बाबूलाल जी सेठिया परिवार का पंचायत समिति द्वारा बहुमान किया गया एवं एक वर्ष हेतु पाठशाला के विशेष सहयोगी संयोजकगणों का भी समिति द्वारा बहुमान किया गया। धर्म एवं आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रति रुचि विद्योदयीं प्रश्न पत्र की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया गया । मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने अंत में कहा कि आचार्य श्री ने एक सूत्र में कहा है खानपान हो संस्कारी शिक्षा से।एक साल तक इस ड्रा की राशि से पाठशाला संचालित होगी।सभी ने संस्कारों के प्रति सहयोग दिया है। 17 नवंबर को आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज का पदारोहण समारोह किला मंदिर पर धूमधाम से मनाया जाएगा।

“कन्या विद्यालय में मनाया गया वाल दिवस,न्यायाधीश हुए शामिल”

आज नगर में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जन्मजयंती बाल दिवस के रूप में धूमधाम से मनाई गई। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्म जयंती को हर वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है । बाल दिवस मनाने के पीछे बच्चों की खुशियां उनके अधिकारों और उनके उज्जवल भविष्य के लिए जागरुकता फैलाना प्रमुख उद्देश्य होता है । बाल दिवस पर आज न्यायाधीश श्री रिजवी जी ने बच्चों द्वारा व्यंजन प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता ,चम्मच दौड़, डांस प्रतियोगिता इत्यादि प्रतियोगिता में भाग लिया । जिसमें न्यायाधीश श्री रिजबी जी ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय आये प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किये। आज शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम आयोजित किए ।

इस अवसर पर प्राचार्य अजब सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह मालवीय बाबूजी, जनशिक्षक राकेश कुमार सूर्यवंशी, रजनीकर माहेश्वरी,जय प्रकाश नागलिया,श्रीमती रीना लाल, हबीब खान, धरमपाल महेश्वरी, जितेंद्र कुमार गुठानिया,संगीता ढोके, संदीप चौहान एवं सभी शिक्षक/शिक्षिका उपस्थित थे। हबीब खान द्वारा बच्चों एवं सभी शिक्षकों का कार्यक्रम के लिए आभार प्रदर्शित किया गया ।

“बिना चेतावनी के सिगरेट तंबाकू बेचने वाली दुकानों पर चालानी कार्रवाई”

कोटपा एक्ट के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में नोडल अधिकारियों की टीम ने सिगरेट एवं तंबाकू की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान बस स्टैण्ड स्थित दुकानों पर बिना चेतावनी के बिकने वाले सिगरेट, तंबाकू की दुकान को सीज किया एवं चालान काटा गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि अशोका भोजनालय एवं शिव शंकर भोजनालय पर अनाधिकृत रूप से ग्राहकों को सिगरेट बेची जा रही थी।

नोडल अधिकारियों की टीम ने सिगरेट जब्त कर विक्रेताओं के चालान काटे एवं सिगरेट संग्रहण न करने की समझाइश दी। यह कार्रवाई डॉ नेहा मंसोरिया, डॉ अनिशा आईजक एवं पुलिस आरक्षक सुश्री अभिलाषा राजपूत द्वारा की गई।

“कृषि छात्रों का अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान इकारडा का भ्रमण”

आरएके कृषि महाविद्यालय सीहोर में अधिष्ठाता डॉ एम यासीन की अध्यक्षता में नव प्रवेशित कृषि छात्रों के 15 दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम के अंतर्गत आज नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को इकारडा अमलाहा में भ्रमण कराया गया यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी डॉ जितेंद्र पाटीदार वैज्ञानिक, डॉ सुरेंद्र बरपेटे वैज्ञानिक एवं रोहित नामदेव फार्मा मैनेजर इकारडा के द्वारा प्रदान की गई भ्रमण में छात्र-छात्राओं के साथ डॉ बी आर बरैया शैक्षणिक प्रभारी डॉ सचिन बालपांडे डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा, डॉ नितेश कुमार पवार डॉ जे हिमांशु राव भी उपस्थित रहे।


दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के अंतर्गत आज मुख्य वक्ता के रूप में करियर काउंसलर ,कंटेंट क्रिएटर एवं जनरलिस्ट मिस श्वेता के द्वारा लाइफ स्किल्स से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारियां विद्यार्थियों को प्रदान की गई इसके पश्चात श्री रघु पांडे एआई विशेषज्ञ के द्वारा विद्यार्थियों को बताया गया कि किस तरह वर्तमान में एवं फ्यूचर में ए आई की अत्यधिक आवश्यकता होगी और हमारे लिए रोजगार के अवसर ए आई कैसे उपलब्ध कराएगी इस बारे में भी विस्तृत जानकारी उनके द्वारा दी गई इसके पश्चात डॉ आशफा मैडम के द्वारा वोकेशनल शिक्षा से संबंधित जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की गई आज का सत्र अत्यंत विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा जिसमें प्रथम वर्ष की विद्यार्थियों के साथ-साथ अन्य विद्यार्थियों ने भी उत्साह पूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ एम यासीन अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय के द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ अभिलाषा शर्मा दीक्षारंभ समन्वयक एवं आभार डॉ जे हिमांशु राव दीक्षारंभ सह समन्वयक के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉआरसी जैन, डॉ अशोक कुमार चौधरी, डॉ वर्षा धुर्वे ,डॉ नितेश कुमार पवार, डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा, डॉ धीरेंद्र माहोर डॉक्टर सचिन बालपांडे,डॉ अश्विनी कुमार, डॉ सूरज कश्यप, डॉ बबीता बघेल, डॉ प्रियंका गुर्जर उपस्थित रहे।

“कांग्रेस ने मनाई पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती”

कांग्रेस द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वागीय श्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती मनाई गई । सर्व प्रथम चाचा नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण किया जवाहर लाल नेहरू जी को कांग्रेस जन ने याद करते हुए कहा कि नेहरू जी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधान मंत्री थे।

आजादी से पहले और आजादी के बाद भी उन्हें भारतीय राजनीति में वे एक अद्भुत राजनेता, प्रखर वक्ता और राष्ट्रवादी थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और वे एक दृढ़ नेता थे जो समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा पर अडिग थे। नेहरू ने शिक्षा, विज्ञान, और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी बहुत प्रोत्साहन किया। उनके प्रेरणादायी भाषण और लेखन का महत्व आज भी देश के लोगों के दिलों में बसा है।

उनके नेतृत्व में भारत को एक आधुनिक और विश्वस्तरीय राष्ट्र के रूप में पहचान मिली।उनकी नेतृत्व और सेवा-भावना का उदाहरण आज भी लोगों को प्रेरित करता है। वे एक सच्चे राष्ट्रनिर्माता थे जिन्होंने देश के समृद्धि और समृद्धि के लिए प्रयास किए। उनके साथी रहने का अनुभव भारत के लोगों के लिए अद्भुत और यादगार रहा है। नेहरू एक ऐसे लीडर थे जिनका संघर्ष, समर्पण, और समर्थन भारत को स्वतंत्रता की ऊँचाइयों तक ले गया तथा उनके द्वारा स्थापित आईंआईंटी,एम्स,इसरो,भेल,भाखड़ा नंगल डेम जैसी महत्वपूर्ण परियोजना आज भी भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हे ।

उनकी स्मृति को सदैव नमन करते हुए हम उन्हें एक महान योद्धा और देशभक्त के रूप में याद करते हैं। उपरोक्त कार्यक्रम मे हरपाल ठाकुर, जितेंद्र शोभाखेड़ी, जाहिद खान गुड्डू, गुलाब बाई ठाकुर, कमल सिंह चौहान, घनश्याम जांगड़ा, राजकुमार मालवीय, डॉ एजाज खान, रामचरण दवारिया,डॉ हरी मेवाड़ा,हेमलता चौहान, शंकर सक्सेना, कृपाल तोमर, दिलिप मालीखेड़ी,हरेंद्र नौगांव, राजकुमार ठाकुर आदि कांग्रेस जन उपस्थित रहे

और अंत मे….

15 नवम्बर शुक्रवार को पूज्य सिंधी पंचायत के तत्वाधान में सिंधी समाज गुरुनानक देव जी की जयंती धूमधाम से मनायेगा। कल प्रातः गुरुद्वारे से चल समारोह निकलेगा। समापन पर गुरुद्वारे में प्रसादी का कार्यक्रम रखा गया है। रात्रि में विशेष महाआरती भजन आदि के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे……

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