माता-पिता बच्चे के प्रथम गुरु हैं, जैन दर्शन महान दर्शन है ,समाधि का नाम मोक्ष पुरुषार्थ है -मुनि निरंजन सागर महाराज
आष्टा। धर्म दया से विशुद्ध होता है ,हमारे मन में करुणा भाव नहीं तो हमें विशुद्धि कि कभी भी प्राप्ति नहीं होगी। जैन दर्शन को देखोगे तो यह महान दर्शन…