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आष्टा। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 16 दिसंबर को मिली विजय को “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” (आरएसएस) प्रहार दिवस के रूप में मनाता है।
आज 16 दिसम्बर को प्रातः 7 बजे से नगर के मानस भवन में प्रहार दिवस का शुभारम्भ हुआ। 17 दिसम्बर को प्रातः 7 बजे इसका समापन होगा।
इस दिन पूरे देश में संघ की सभी शाखाओं पर स्वयंसेवक दंड का प्रहार करते हैं।
अपनी शाखाओं पर इसकी तैयारी स्वयंसेवक पहले से करते है।


आज प्रातः से रात तक संघ के स्वयं सेवक मानस भवन पहुचे ओर प्रहार कर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अपने प्राण न्योछावर किए थे।
स्मरण रहे 16 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शत्रु पक्ष के 93 हजार सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने सशस्त्र आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया था।


इस दौरान कई भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे। उन्हीं शहीद सैनिकों के सम्मान में संघ विजय दिवस के रूप में प्रहार कर महायज्ञ का आयोजन करता है।

“1000 तक प्रहार लगाते हैं स्वयंसेवक”
इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को संगठित, दृढ़ निश्चयी, शक्ति संपन्न एवं पुरुषार्थी बनाना है। संघ के बाल, तरुण, शिशु एवं प्रौढ़ स्वयंसेवक इस महायज्ञ में प्रहार लगाकर अपनी आहूति देते है
आज दिन भर स्वयंसेवक मानस भवन पहुचे ओर प्रहार लगाये।

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