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आष्टा । न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत सम्पन्न हुई।
सर्वप्रथम मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष विधिक सेवा समिति, आष्टा की अध्यक्ष माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सरिता वाधवानी तथा अन्य न्यायाधीशगण प्रदीप राठौर, मनोज भाटी, सारिका भाटी, कु. आयुषी गुप्ता एवं बॉबी सोनकर म.प्र.वि.वितरण कंपनी के अभियंता राजीव रंजन, भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक बलदेवराज खत्री एवम् कर्मचारीगण अनिल श्रीवास्तव, मुकेश राजपूत, के.के.सोनी, सुरेश पाराशर, अनिल वर्मा, संतोष काछी, बी.एस.मेवाड़ा, यू.एन.तिवारी एवं राजेश पठानी ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का प्रारंभ किया गया।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष सुश्री वाधवानी ने कहा कि कोरोना कार्यकाल मे सभी लोगो को सोशल डिस्टेंस का विषेश ध्यान रखना चाहिये एवं सार्वजनिक स्थानो पर मास्क अवश्य रूप से पहनना चाहिये ताकि सभी लोग कोरोना जैसी महामारी से बच सके।
उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत संपूर्ण भारत वर्ष में आज के दिन आफलाईन-ऑनलाईन लगाई गई है ।
यदि पक्षकारगण लोक अदालत में अपने प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण करवाते है तो इससे उनके बीच में आपसी प्रेम और सोहार्द की बढोत्तरी होती है।
जिससे आपसी मनमुटाव ओर दुश्मनी कम होती है और लोग बगैर किसी लडाई-झगडे के प्रेम से रह सकते है।


नेशनल लोक अदालत में आष्टा तहसील के भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब नेशनल बैंक, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, एच.डी.एफ.सी बैंक सहित नगर पालिका परिषद आष्टा, जावर एवं कोठरी तथा मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी के न्यायालय परिसर में वे ही पक्षकारगण आये जिन्होंने अपने प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करवाने की स्वीकृति दी और तत पश्चात न्यायालय मे प्रकरण राजीनामा कर निराकृत करवाये, इस दौरान पक्षकारगण द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया ।


पक्षकारगणों ने नेशनल लोक अदालत द्वारा प्रदत्त सुविधा एवं राहत का लाभ लिया।
न्यायालय में भी काफी प्रकरणो का निपटारा पक्षकारगण को समझाईश देकर किया गया, उन्हें खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यो, अधिवक्तागणों, विद्युत विभाग के अभियंता एवम् विभिन्न बैंको के अधिकारिगण द्वारा नेशनल लोक अदालत मे विभिन्न प्रकरणों मे दी जानी वाली छूट एवम् लोक अदालत के महत्व व लाभ बताते हुये समझौते कराये गये।
उनके द्वारा समझाये जाने के प्रभाव से सिविल न्यायालय आष्टा मे नगर पलिका के शिविरो एवम् विद्युत विभाग के शिविरो मे पक्षकारो द्वारा राहत एवं छुट का लाभ लेते हुये राशि जमा करायी गयी।
पक्षकारों द्वारा बैंक के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों मे कुल 1,16,8000 रूपये की राशि, विद्युत के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों मे कुल 1,10,1046 रूपये की राशि, नगर पलिका के शिविर मे जलकर एवम् सम्पत्ति कर की कुल 2,84,266 रूपये की राशि जमा की ।


सिविल न्यायालय आष्टा के विभिन्न न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों में से कुल 101 प्रकरणों का नेशनल लोक अदालत में समझौता के माध्यम से निराकरण किया गया, जिसमें 210 व्यक्ति लाभान्वित हुये तथा 18,62,221/-रूपये राशि के समझौते हुए।
एमपीईबी के प्रीलिटीकेशन के कुल 131 प्रकरणों में कुल 11,01,046/-रूपये की राशि की वसूली की गई एवं नगर पालिका के सम्पत्ति कर की 2,84,266/-रूपये की राशि वसूल की गई।
इसमें प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सरिता वाधवानी के न्यायालय मे कुल 67 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमे विद्युत के 63 प्रकरणों का निराकरण करते हुये 4,75,524/-रूपये की राशि जमा करायी गयी, तथा मोटरयान अधिनियम के 3 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जिसमे कुल 08 पक्षकारो को 3,40,000/-समझौता राशि दिये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा किये गये एवं सिविल के 1 प्रकरण का निराकरण किया गया।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप राठौर के न्यायालय मे कुल 06 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमे मोटरयान अधिनियम के 1 प्रकरण में राशि 1,53,000/-रूपये एवं वैवाहिक प्रकरणों में 05 प्रकरणों का निराकरण हुआ। न्यायिक मजि. मनोज कुमार भाटी द्वारा 01 एन.आई.एक्ट के प्रकरण, समझौता राशि 1,24,897 एवम् 01 सिविल प्रकरण, राशि 800/- का निराकरण किया गया, न्यायिक मजि. सारिका भाटी के न्यायालय द्वारा 3 प्रकरण एम.जे.सी. का निराकरण किया गया, न्यायिक मजि. आयुषी गुप्ता के न्यायालय द्वारा 02 एन.आई.एक्ट राशि 2,00,000/- के प्रकरणों एवम् 08 समझौता योग्य क्रिमिनल प्रकरण एवं 1 सिविल सूट प्रकरण का निराकरण किया गया एवं न्यायिक मजि. बॉबी सोनकर के न्यायालय द्वारा 05 एन.आई.एक्ट मे राशि 5,53,000/-, प्रकरणों, 06 समझौता योग्य क्रिमिनल प्रकरण एवम् 01 सिविल प्रकरण. का निराकरण किया गया।

न्यायालय परिसर मे पक्षकारो को समझाईश देने हेतु अधिवक्ता अध्यक्ष ताज मोहम्मद ताज, अधिवक्तागण मोहम्मद शमीम जाहिरी, आर.एम. धारंवा, निर्भयसिंह ठाकुर, रूपसिंह ठाकुर, सुधीर पाठक, एम.एस. मेवाड़ा, दिलीप सिंह ठाकुर, दिनेश कुमार भूतिया, मसूद अंसारी, भैरोसिंह ठाकुर, नगीनचंद जैन, मशकूर अली, ए.के.कुरैशी, विक्रम वर्मा, धीरज धारवा, सुरेन्द्र परमार, विजेन्द्र सिंह ठाकुर, सीताराम परमार, जे.पी.शर्मा , कुलदीप शर्मा, कुलदीप िंसह ठाकुर, नरेन्द्र शर्मा, सौभाग्य सिंह ठाकुर, अनीता यादव, नरेन्द्र क्रुमार जोषी, रामेष्वर धनगर, जितेन्द्र सिंह ठाकुर, चन्द्र कुमार जैन, भूपेष जामलिया, निलेष शर्मा, आदि उपस्थित थे।

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