सीहोर/आष्टा । दिल्ली में दिल्ली सरकार एवं दिल्ली एमसीडी की लापरवाही के कारण बेसमेंट में चल रहे आईएएस की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के कोचिंग सेंटर में जो कि नियमो को तक मे रख बेसमेंट में चल रहा था,जिसमे बारिश का पानी घुस गया और तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई।
हुई घटना,मोतो के बाद जो जो सो रहे थे सब जाग गये है,अब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है लेकिन क्या ऐसा करने से जो चले गये वो वापस आ सकते है.? दिल्ली की इस हृदय विदारक घटना से पूरे देश की सभी राज्य सरकारों को एक संदेश दे दिया है कि वे अब तो अपने अपने राज्यो में जागे ओर उनके राज्यो में ऐसी दर्दनाक घटना ना घटे इसको लेकर कार्यवाही,निरीक्षण,सुनिश्चित करे। उक्त घटना के बाद कल मप्र सरकार ने जागरूकता दिखाई है।
कल मुख्यमंत्री श्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रालय में एक बैठक की जिसमे सभी जिलों के कलेक्टर्स भी वीसी के माध्यम से जुड़े। बैठक में मुख्यमंत्री ने लगातार हो रही बारिश की समीक्षा कर निर्देश दिये कि
“बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें, बांधों के गेट खुलने से पहले ग्रामीणों को करें सूचित”
“प्रदेश के सभी जिलों में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित करें”
“पुल-पुलियों और रपटों पर बहाव तेज हो तो आवागमन न हो”
“अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति में सेना भी सहयोग करेगी, कलेक्टर्स समय पर सूचित करें”
मुख्यमंत्री द्वारा ली गई बैठक एवं बैठक में दिये निर्देशो के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री नीरज मंडलोई ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देशों के परिपालन में प्रदेश में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग के स्थानों में जल भराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था देखने और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि 16 नगर निगम कमिश्नर्स भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े हैं। उन्हें बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों, धर्मशालाओं और संस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा बरतने एवं कच्चे मकानो में बिजली के करंट फैलने से वर्षा काल में उत्पन्न होने वाली समस्या के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सीहोर जिले के सभी अनुविभगो मे कुकरमुत्तों की तरह खुले कोचिंग सेंटरों में शायद ही ऐसा कोई कोचिंग सेंटर होगा जो नियमो के तहत,उन सभी निर्देशो आदेशो,सुविधाओ से लैस संचालित हो रहा होगा जो पालन के तहत होना चाहिये। सीहोर जिले में सीहोर,आष्टा दो ऐसे बड़े शहर है जहां अनगिनत कोचिंग सेंटर बिना किसी सुविधाओ,नियमो के तहत चल रहे हो।
बस इन सेंटरों में दो बातों की ओर ध्यान दिया जाता है पहला ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों का प्रवेश हो भले ही बैठने,पढ़ाने सहित अन्य सुविधा हो या ना हो तथा इन विद्यार्थियों से अधिक से अधिक बिना गुणवत्ता युक्त कोचिंग के भी मोटी फीस बसूली जाये। वैसे यही हाल जिले के अन्य अनुविभगो में भी है।
दिल्ली की घटना के बाद मप्र के मुख्यमंत्री ने जागरूकता का परिचय देते हुए सभी कलेक्टर्स को निर्देश तो दे दिये है।
अब ये निर्देश धरातल पर कब,कैसे उतरते है, जो सेंटर मात्र कमाई के उद्देश्य से नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए चल रहे है उन पर क्या कार्यवाही की जाती है इसका इंतजार है। आष्टा में तो इतने कोचिंग चल रहे है जिसकी संख्या शायद शिक्षा विभाग,प्रशासन को भी नही मालूम होगी।
कोचिंग सेंटरों में बैठने,पढ़ाने,हवा,प्रकाश,फायर सिस्टम,शौचालयों,सीसीटीवी कैमरे,कभी कोई घटना दुर्घटना हो जाये तो उसके बचाव के क्या क्या इंतजाम है,कितने साधन होना चाहिये कितने है आदि की गहराई से जांच होना चाहिए जो कोचिंग सेंटर नियमो के तहत नही चल रहे हो ऐसे सेंटरों पर कार्यवाही सुनिश्चित होना चाहिये । ऐसी ही जांच सभी प्राइवेट स्कूलों की भी होना चाहिये जो दो दो,चार चार कमरों में नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए किसी ना किसी की मेहरबानी,आशीर्वाद की छाया में चल रहे है। (सभी चित्र फाइल)