Spread the love

एक कहावत है,जब तक ….जिंदा है,तब तक अक्लमंद भूखा नही मर सकता है..! सही भी है। कई दिमागदार युवकों की एक बड़ी गैंग ने अनगिनत लोगो को जिनके पास पैसा तो था बस अक्ल नही थी। इस लिये इन अक्ल के दुश्मनों को दिमागदार युवकों ने रातों रात लखपति ही नही करोड़पति बनाने का सपना दिखा कर ऐसा चुना लगाया है जिसकी कोई दवा किसी के पास (पुलिस को छोड़) नही है।

ऐसे लोगो के लिये एक ओर कहावत फिट बैठती है कि, अपनी … कौन कहे.? लेकिन जिनको रातोंरात लखपति बनने की मीठी मीठी खुजली चली थी जब वे ना ही लखपति बने और ना ही उनकी खुजली मिटी तब किसी ने कुछ हलचल मचाई। इस मची हलचल के बाद पिछले दिनों कुछ युवक दमचा गये । दमचाते ही इनसे जुड़े अन्य लोग बिलबिलाने लगे क्योकि उनको यह लग गया था की अब हम भी नप सकते है इसलिए सरगना,उसके अर्दली भूमिगत हो गये।

वही आपुष्ट यह खबर भी है की कुछ लोग इन दमचाये युवकों को मासूम होने की बारिश में तिरपाल ओढ़ा कर बचा ले, के प्रयासों में जुट गये। खबर है, अब ये मामला ऐसे हाथों में पहुच गया है, जिनसे सभी दुखी,पीड़ितों,रातोंरात लखपति बनने के चक्कर मे रोडपति हुए लोगो को एक उम्मीद की किरण जागी है.! इस शातिर शेयर मार्केट गैंग ने देश के कई प्रान्तों के लोगो को भी जम कर चुना लगाया है ऐसी खबर है ? क्योकि घुंघरू तो घुंघरू होते है नही बजने के बाद भी उनकी खनक तो सुनाई देती ही है ।

ये घुंघरू जो बजते नही,पर सुनाई जरूर देते है….

अब पढ़िये की आखिर ये नया फ्राड है क्या ? अभी तक हमे जो जानकारी मिली उसके अनुसार इस मामले का जो सरगना है लगता है उसने कही ना कही इस चुना लगाने की प्रक्रिया की पूरी कही से ट्रेंनिग ली ही होगी। पारंगत होने पर उसने एक फर्जी बेबसाइट बनाई उसके माध्यम से शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर खरीदने ,उन कम्पनियों के शेयरों की तेजी से ग्रोथ होना बताना

कम समय मे शेयर मार्केट में बड़ी राशि इन्वेस्ट कराना बाकायदा बैंक अकाउंट में पैसे डलवाना,मोबाईल नम्बर से लगातार राशि लगाने के दौरान उसके बाद मोबाईल से बातचीत करना,संपर्क में बने रहकर विश्वास अर्जित करना फिर उसके बाद जब पूरी खिचड़ी पक जाये तब गधे के सिर से सिंग की तरह गायब हो जाना। मतलब सब कुछ खत्म पैसा हजम। फिर बेचारा रातोंरात लखपति बनने वाला दे मोबाईल पे मोबाईल लगा लगा कर थक हार कर चुपचाप लूट पीट कर बैठ जाता है और अपनी किस्मत को रोता रहता है।

मेरी आवाज सुनो….

लुटा पीटा पीड़ित अपनी …..किसी से कहता भी नही है। सूत्रों ने बताया की ये गैंग जिसके नाम अकाउंट खोलती है,उसके नाम से ही सिम खरीदी जाती थी,एक ही नाम से कई सिम ली जाती थी। ये गैंग मोबाईल कीपैड का उपयोग करती है,बताते है कीपैड मोबाईल से लोकेशन ट्रेस नही होती है ? जिसे चुना लगाया जाता है उससे जिस नम्बर से ये लोग बात करते है चुना लगाने के बाद उक्त सिम नेस्तनाबूत कर दी जाती है।


खबर है इस गैंग ने अभी तक शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करा कर अनगिनत लोगो को लाखो का नही करोड़ो का चूना लगा दिया है। चर्चा यह भी है की जो लोग इसके हीरो है कुछ ही समय मे बिना किसी कार्य के,कोई व्यापार व्यवसाय किये बिना इनकी चल अचल संपत्ति जिस तेजी से अमरबेल की तरह बढ़ी बस उसकी ही जांच हो जाये तो बेचारे पीड़ितों को राहत मिल सकती है.?
क्या शेयर मार्केट के फर्जी छुपे ब्रोकरों के मुकाम तक कानून के हाथ पहुचेंगे..?

You missed

error: Content is protected !!