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कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में आज आयोजित टीएल बैठक में विभिन्न विभागों के समय-सीमा प्रकरणों और सीएम हेल्पलाइन में लंबित मामलों की समीक्षा की गई। इस दौरान कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को लंबित प्रकरणों का शीघ्रता से अधिक से शीघ्रता से निराकरण करने के निर्देश दिए।

“भारतीय मजदूर संघ ने उठाई श्रमिकों के वेतन पुनरीक्षण की मांग,मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन”

भारतीय मजदूर संघ सीहोर द्वारा श्रमिकों के वेतन पुनरीक्षण किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री एवं श्रममंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन कलेक्टर को सौपा गया।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनीत दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा असाधारण राजपत्र क्रमांक 68 दिनांक 4 मार्च 2024 पर प्रकाशित श्रम विभागीय अधिसूचना की है।

इसी तरह श्रमायुक्त मध्यप्रदेश की अधिसूचना दिनांक 13 मार्च 2024 के अनुसार राज्य के विभिन्न अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की दरें पुनरीक्षित कर 01 अप्रैल 2024 से प्रभावशील की थी। किन्तु उक्त असाधारण पत्र पर आपत्ति के कारण इसे लागू करने में व्यवधान उत्पन्न हुआ है । जिससे प्रदेश के लाखों श्रमिकों के वेतन वृ़िद्ध बाधित हो गई है जबकि यह वेतन पुनरीक्षण प्रदेश में वर्ष 2019 से लंबित था।

गौरतलब है कि उक्त वेतन पुनरीक्षण न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मध्यप्रदेश न्यूूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड की अनुशंशा पर किया जाता है। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं श्रममंत्री से आग्रह किया गया है कि प्रदेश के श्रमिकों एवं उनके परिवारों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुनरीक्षित न्यूनतम वेतनमान अतिशीघ्र लागू किया जाए। इसके अलावा सीहोर शुगर मिल के लंबित प्रकरण में अतिशीघ्र निर्णय लेते हुए मिल श्रमिकों को राहत दिलाई जाए।

ज्ञापन सौंपते समय मजदूर संघ के पूर्व विभाग प्रमुख अनिल शर्मा, वीरसिंह गुर्जर, जिलाध्यक्ष रामस्वरूप परमार, जिला मंत्री विनीत दुबे, धर्मेन्द्र जावरिया, नपा कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष विनोद बोयत, नईम उद्दीन, महेश महेश्वरी, दीपक यादव, माखन मेवाड़ा, कृष्णकांत यादव, राकेश मांझी, राहुल राय, रितेश चंदेल, अनिल मेवाड़ा, जीवन विश्वकर्मा, चेतन सिंह, अनुराग राठौर, प्रकाश पवैया, अरविंद मेवाड़ा, भरत राजपूत सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

“पूर्व मंत्री श्री आरिफ अकील के निधन पर उनकी अंतिम यात्रा में आष्टा से बड़ी संख्या में कांग्रेसजन हुए शामिल,दी श्रद्धांजलि”

मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री भोपाल के पुर्व विधायक श्री आरिफ अकील का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया । श्री आरिफ अकील कांग्रेस के कद्दावर नेता थे उनकी एक सर्वधर्म सद्भाव वाली छवि थी । उनमें सबको साथ लेकर चलने की एक अटूट क्षमता थी ।

इसी का परिणाम भोपाल से वह कई बार लगातार विधायक बने और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे । उनके निधन से निश्चित ही कांग्रेस पार्टी एवं उनके क्षेत्र के लोगों को क्षति पहुंची है । आज भोपाल के बड़े बाग स्थित कब्रिस्तान में उनका अंतिम संस्कार किया गया । इस अवसर पर क्षेत्र के सभी कांग्रेस जनों द्वारा शोक व्यक्त किया गया शोक व्यक्त करने वालों में श्री कमल सिंह चौहान, कैलाश परमार,

भैया मियां, मीना सिंगी,इदरीश मंसूरी शांतिलाल मंडलोई, मेहरबान सिंह, कमल पहलवान, सोभाल सिंह बागेर, सोभाल सिंह मुगली, सुनील सेठी, ठाकुर प्रसाद वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, गोरे मियां,राजेश यादव, चंदर सिंग ठाकुर,भैया एमपी, नईमुद्दीन,रशीद भाई नेताजी, सलीम अंसारी, सोहेल मिर्जा, जहूर मंसूरी, कलीमुद्दीन, राजकुमार मालवीय,राहुल जाट, अनार सिंह मेवाडा, ओंकार सिंह ठाकुर, दिलीप शर्मा,महेंद्र सिंह ठाकुर, राजेन्द्र ठाकुर, रामचरण डावरिया,बंसीलाल बॉम्बे, इसराइल मंसूरीआदि लोगो ने शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

“रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना की जानकारी कॉलेज विद्यार्थियों को दी”

शहीद भगत सिंह शासकीय महाविद्यालय के विज्ञान भवन में स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ द्वारा बैंक ऑफ़ इंडिया के सहयोग से रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में पूजा एस देवांगन प्रबंधक आरबीआई लोकपाल कार्यालय भोपाल, अरुण कुमार शर्मा अग्रणीय जिला प्रबंधक बैंक ऑफ़ इंडिया, अनुजा पगरूत सहायक प्रबंधक आरबीआई, रितु कुर्रे सहायक प्रबंधक आरबीआई भोपाल अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डा पुष्पलता मिश्रा ने की ।

मुख्य वक्ता पूजा देवांगन लोकपाल ने कहा कि अगर बैंकों में वित्तीय लेन-देन में किसी भी प्रकार की शिकायत है तो पहले संबंधित बैंक के अधिकारियों को शिकायत करें । बैंक यदि आपकी नहीं सुन रहा है । शिकायत का 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं हो रहा हो या बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी से आप असंतुष्ट हैं, तब ग्राहक आरबीआई लोकपाल से शिकायत करें । निश्चित आपकी समस्या का समाधान होगा । उन्होंने जानकारी दी कि आम ग्राहकों के वित्त संबंधी समस्याओं के लिए निबटारे के लिए यह फोरम है ।

जिन्हें उनके बैंक में नहीं सुना जा रहा है, वैसे ग्राहक लोकपाल में शिकायत करें, यह सेवा बिल्कुल नि:शुल्क है।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि रितु कुर्रे ने बताया कि लालच में आकर भोले-भाले लोगों से साइबर फ्रॉड हो रहा है । ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है । बैंकों द्वारा भी इस समस्या से निदान के लिए पहल शुरू की गयी है । कई बैंकों द्वारा वित्तीय लेनदेन के तुरंत बाद बैंक द्वारा फोन कर सूचित किया जा रहा है ।

अगर खाताधारकों से अवैध लेनदेन हुआ है तो वो इसकी शिकायत उचित प्लेटफार्म पर तुरंत करें, जल्द ही बैंकों द्वारा अत्याधुनिक तकनीक अपना कर साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाया जा सकता है।

महाविद्यालय प्राचार्य डॉ पुष्पलता मिश्रा ने इस आयोजन की वर्तमान में आवश्यकता पर विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को मार्गदर्शित किया।
महाविद्यालय की तरफ से आभार स्वामी विवेकानंद रोजगार मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉक्टर दीपेश पाठक ने व्यक्त किया बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से आभार अरुण शर्मा द्वारा व्यक्त किया गया।

“कैसे करें शिकायत”

आरबीआई एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं के उपयोग करने वाले ग्राहकों को उनके विभिन्न अधिकारों के बारे में उनके बीच जागरुकता पैदा करना है । ग्राहकों के लिए उपलब्ध बैंकों के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जानकारी देना ।

स्थानीय स्तर से असंतुष्ट लोगों के लिए लोकपाल के कार्यालय में बड़ी आसानी से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है । इसके लिए पोटर्ल https://cms.rbi.org.in या टोल फ्री नंबर-14448 के द्वारा ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।


कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक लोकपाल कार्यालय भोपाल की सहायक प्रबंधक अनुजा पगरूत व अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थियों से लोकपाल योजना से संबंधित प्रश्न पूछे विद्यार्थियों ने बड़ी उत्सुकता से प्रश्नों के उत्तर दिए सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को लोकपाल कार्यालय द्वारा बैग देकर पुरुस्कृत किया गया ।

जागरूकता कार्यक्रम में डा. रचना श्रीवास्तव,डा.कृपाल विश्वकर्मा, डा.डॉ ललित राय श्रीवास्तव, डा बेला सुराणा, डॉ मेघा जैन, वैभव सुराणा, जगदीश नागले, जयपाल विश्वकर्मा, जितेन विश्वकर्मा व महाविद्यालय विधार्थी मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन पूजा देवांगन लोकपाल भोपाल ने किया।

“चैक अनादरण के मामले में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 9,27,000 परिवादी को दिये जाने के किये आदेश,विद्वान न्यायधीश ने फैसले में की आपसी लेनदेन को लेकर अहम टिप्पणी”

चैक अनादरण के एक मामले में न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रे्रणी आष्टा श्रीमति वंदना त्रिपाठी के न्यायालय ने आरोपी तेज सिंह ठाकुर पिता रूप सिंह ठाकुर निवासी देवनखेडी तहसील आष्टा जिला सीहोर को एक वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित कर मामले के परिवादी को 9,27,000 रूपये परिवादी को दिए जाने के आदेश दिए हैं। परिवादी राजेश जैन पिता प्रसन्न कुमार जैन निवासी नजरगंज आष्टा ने न्यायालय के समक्ष इस आशय का परिवाद पत्र धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत् प्रस्तुत किया कि वह एवं तेज सिंह ठाकुर की पूर्व से परिचित थे।

इसी परिचय के कारण अभियुक्त तेज सिंह ठाकुर ने उससे 6,00,000/-रूपये उधार पेटे लिए थे। उसनेे उक्त राशि 2 माह में परिवादी राजेश जैन को वापस लौटाने के लिये कहा था। जब परिवादी राजेश जैन ने तेज सिंह ठाकुर से उधार दी गई राशि की मांग की तो उसने परिवादी राजेश से कहा कि उसकेे राजगढ सीहोर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के खाते में रूपये है,जो राजेश जैन चेक के माध्यम से राशि अर्जित कर सकता है।

फिर तेज सिंह ठाकुर ने उधार लिये गये रूपयों की वापसी के लिये परिवादी को उसके राजगढ सीहोर क्षैत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा आष्टा का एक चैक राशि 6,00,000 रूपये का पूर्ण भरकर या भरवाकर अपने हस्ताक्षर सहित परिवादी राजेश जैन के हित में जारी किया था। जब परिवादी राजेश जैन ने उक्त चेक को अपने बैंक ऑफ इंडिया शाखा आष्टा स्थित खाते में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया ।

तो बैंक द्वारा उक्त चेक इस ज्ञापन के साथ मूलतः वापस लौटा दिया गया कि तेज सिंह ठाकुर के उक्त खाते में अपर्याप्त निधि है। अभियुक्त तेज सिंह ठाकुर ने परिवादी राजेश के साथ छल करने के आशय से उक्त चेक दिया था जो तेज सिंह ठाकुर के खाते में अपर्याप्त निधि होने के कारण बिना भुगतान के अनादृत हो गया तब परिवादी राजेश जैन ने उक्त चेक अनादरण की सूचना व रूपयो की मांग का सूचना पत्र रजिस्टर्ड डाक से अपने अधिवक्ता के माध्यम से उसके निवास के पते पर भेजा जो उसे प्राप्त हो गया।

किंतु नोटिस प्राप्ति के 15 दिन की अवधि व्यतीत होने के उपरांत भी तेज सिंह ठाकुर ने परिवादी राजेश जैन को उधार राशि वापस नहीं की, इसलिए उसने न्यायालय में धारा 138 एन.आई. एक्ट का परिवाद प्रस्तुत किया। माननीय विद्ववान न्यायधीश ने मामले का न्यायिक परीशीलन कर अभियुक्त तेज सिंह ठाकुर को एक वर्ष के सश्र्रम कारावास एवं परिवादी राजेश जैन को चैक की राशि 6,00,000 रूपये पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से 2,88,000/-रूपये ब्याज, 24000 न्याय शुल्क एवं 15,000 रूपये मानसिक कष्ट एवं असुविधा की राशि दिलाते हुए

कुल 9,27,000 रूपये का प्रतिकर दिए जाने के आदेश दिए हैं। माननीय विद्ववान न्यायधीश ने पारित निर्णय में टिप्पणी करते हुए कहा कि चेक अनादरण के बढ़ते हुए मामलो में एवं ली गई ऋण की राशि समयानुसार भुगतान नही करना समाज के अन्य वर्गो व योजनाओं को प्रभावित करने वाला है। परिवादी राजेश जैन की ओर से न्यायालय में पैरवी सुरेन्द्र परमार, वीरेन्द्र परमार, सी.के. जैन, संजय जैन, पल्लव जैन प्रगति, शिवेंदु दसौदी, सुमित कलमोदिया, विशाल सौलंकी, विनोद खिची एडवोकेट ने पैरवी की।

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