आष्टा। गुरू व्यक्ति ही नही, अपितु परम तत्व, विद्या, महनी परंपरा और मोक्ष प्रदाता सत्ता है। अविद्या अज्ञान के कारण जीवन में आने वाली अनेक विषमताओं, प्रतिकूलताओं और भ्रम-भय के समय दिव्य ज्ञान,
अनंत ऊर्जा और अपरिमित सामर्थ्य बनकर जो हमें अपने शाश्वत अविनाशी स्वरूप बोध के लिए प्रेरित करती है, वह है कल्याणकारी-गुरूसत्ता।
जिनके आशीष अनुग्रह से मानवीय चेतना में समाहित शुभता-पवित्रता, दिव्यता-उत्कृष्टता व परमानंद का जागरण होता है जिनकी असीम और अकारण कृपा से दुर्बोध शुबोध, अलभ्य सुलभ्य व असंभव संभव हो जाता है। जो जीव को ब्रह्म अर्थात्् नर को नारायण बनाने की योग युक्ति प्रदान करते है,
ऐसे करूणानिधान परमेश्वर गुरूवर को हमें कोटिशः नमन करना चाहिए। हम सभी धन्य है कि हमें प्रभुश्री स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज की कृपा इस नगर और इस नगर के आसपास मौजूद गांवों को मिलती रही है।
उक्त आशय के प्रवचन त्याग, तपस्या की मूर्ति ममतामयी दीदी साधना वैष्णवी ने स्थानीय गोकुलधाम पुराना दशहरा मैदान आष्टा पर प्रभुप्रेमी संघ शाखा आष्टा द्वारा आयोजित गुरूपूर्णिमा महोत्सव में व्यक्त किए।
संतश्री का स्वागत प्रभुप्रेमी संघ के अध्यक्ष सुरेश पालीवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर एवं पादुका पूजन कर प्रभुप्रेमी संघ के पदाधिकारियों द्वारा की गई।
प्रभुप्रेमी संघ के संस्थापक सदस्य वरिष्ठ अभिभाषक प्रहलादसिंह वर्मा द्वारा गुरूपूर्णिमा के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए सद्कर्माे में संलग्न रहने का सभी से आग्रह किया।
कार्यक्रम में प्रभुप्रेमी संघ के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय मांगीलाल साहू के पुत्रगण राजकुमार साहू, जितेन्द्र साहू, आरूश साहू एवं परिवारजन द्वारा उपस्थित भक्तों को प्रसादी एवं पात्र भेंट किए गए।
नगर के प्रसिद्ध भजन गायक श्रीराम श्रीवादी, शिव श्रीवादी, सुमित चौरसिया, कमलसिंह चौहान, उत्सव साहू, प्रदीप प्रगति द्वारा गुरूभक्ति की एक से एक बढ़कर प्रस्तुति दी गई। श्रावण के आगाज का संदेश देती भारी बारिश के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भजन मंडली ने
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे लगेंगे भव के किनारे…, मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है…, थोड़े में गुरूजी रीझ जाते है…, जय-जय भोले भंडारी… जैसे भक्तिमय और गुरूभक्ति से ओतप्रोत भजनों की सुंदर प्रस्तुति दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गुरूभक्तगण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन गोविंदशर्मा द्वारा किया गया तथा आभार प्रभुप्रेमी संघ के संयोजक पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने व्यक्त किया।