मुनिश्री विनंद सागर महाराज एवं ऐलक विनमित सागर महाराज का चातुर्मास हेतु नगर आगमन कल
आगमन की करो तैयारी…आ रहे पिच्छी- कमंडल धारी…।
आस्थावान धर्मप्राण नगरी आष्टा के अरिहंतपुरम अलीपुर में चातुर्मास 2024 हेतु जीवन है पानी की बूंद जैसे भजन के रचयिता
“आचार्य श्री 108 विनम्र सागर जी महाराज” के सुयोग्य शिष्य “मुनि श्री 108 विनंद सागर जी महाराज” व ऐलक श्री 105 विनमित सागर जी महाराज” संघ का भव्य आगमन शुक्रवार 19 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे इंदौर भोपाल हाईवे पर से होने जा रहा है ।
श्री चंद्रप्रभ मंदिर समिति व मुनि सेवा समिति अरिहंतपुरम अलीपुर आष्टा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि चातुर्मास हेतु पधार रहे मुनिश्री विनंद सागर महाराज एवं ऐलक श्री विनित सागर महाराज की आगवानी बाईपास चौपाटी चौराहा इंदौर नाका अरिहंत पुरम से सपरिवार सम्मिलित होकर धर्म प्रभावना करें।
साथ ही अपने -अपने घरों के आगे रंगोली बनाए व स्वागत द्वार लगाएं तथा अपने -अपने घरों पर समाज का पचरंगी ध्वज लगाएं।अपने -अपने घरों के सामने मुनिश्री के पाद प्रक्षालन करवाएं ।
सभी मंडल महिला ,पुरुष अपने -अपने मंडल की निर्धारित वेशभूषा में शामिल हो।जो मंडल में सम्मिलित नही है, वे सभी महिला केसरिया साड़ी व पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र धारण करें ।पुरुष वर्ग, बालक, बालिका हाथों में ध्वज व महिला वर्ग मस्तक पर कलश धारण करें
“मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ससंघ का आज दोपहर में होगा मंगल नगर प्रवेश , समूचे नगर में कदम -कदम पर होगा पादप्रक्षालन”
समाज जनों की विनती पर नवाचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद से समाधिस्थ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी महाराज ससंघ
चार मुनि राजों का चातुर्मास- 2024 धर्म मय नगरी आष्टा में होगा। उक्त मुनि संघ लंबा मंगल विहार करते हुए कल शुक्रवार 19 जुलाई की दोपहर 2 बजे भोपाल नाके से समाज जनों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा अगवानी करके गाजे -बाजे के साथ नगर प्रवेश कराया जाएगा ।
नगर प्रवेश की तैयारी श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति एवं मुनि सेवा समिति द्वारा की गई है। श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति के अध्यक्ष आनंद जैन पोरवाल ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पूज्य मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज, मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज, मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज का ससंघ चातुर्मास का लाभ समाज जनों एवं श्रद्धालुओं के पुण्योदय से मिला है।
मुनि संघ का कल 19 जुलाई की दोपहर 2 बजे भोपाल नाके से नगर प्रवेश होगा। कदम – कदम पर पाद प्रक्षालन किया जाएगा।मुनि संघ को जुलूस के रूप में सिविल अस्पताल के समीप से परदेशीपुरा, बुधवारा,गल चौराहा, मानस भवन रोड़ से सुभाष चौक चार बत्ती चौराहा से गंज मंदिर, सिकंदर बाजार, बड़ा बाजार,भवानी चौक पुरानी सब्जी मंडी से श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर पहुंचेगा। मुनिश्री के आशीष वचन होंगे।
“मोहर्रम समापन जुलूस का नगरपालिका ने किया स्वागत
हमारा आष्टा नगर आपसी भाईचारे का प्रतीक है – गोपालसिंह इंजीनियर”
मुस्लिम समाज का मुहर्रम का 10 दिन तक चलने वाले मातम के प्रतीक त्यौहार का आज समापन जुलूस भव्य रूप से जुम्मापुरा, काजीपुरा कमेटियों द्वारा निकाला गया। मुहर्रम का जुलूस पुराना बसस्टैंड से प्रारंभ हुआ जो पुरानी सब्जी मंडी
बड़ा बाजार, सिकंदर बाजार होता हुआ गंज चौराहा पर पहुंचा जहां नगरपालिका द्वारा मंच बनाकर मोहर्रम कमेटियों के सदरों व अन्य प्रतिनिधियों का विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा सहित पार्षदगणों ने साफा बांधकर स्वागत सम्मान किया।
जुलूस में दुलदुल बाबा, बुर्राक व आकर्षक तोजिये थे, वहीं बड़ी संख्या में मुस्लिम युवाजन डीजे व नगाड़ा बजाते चल रहे थे।
नगरपालिका द्वारा आयोजित स्वागत सम्मान कार्यक्रम के दौरान विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा द्वारा जुम्मापुरा कमेटी के पार्षद जाहिद गुड्डू, नपाउपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां, कमरूद्दीन खां,
अतीक खां, नवाब बैरी, नफीस शाह, चांद खां, आमीर खां, सनव्वर खां, प्यारे खां, बबलू खां, फिरोज खां, अय्यूब खां, अरबाज खां, आजम खां, चांद खां, पप्पू खां आदि का साफा बांधकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कहा कि मुहर्रम के पर्व पर अधिक से अधिक इबादत और नेक कार्य करने पर जोर दिया जाता है।
पर्व के दौरान ताजिए बनाकर निकाले जाने, अखाड़े और अलम निकालने की भी परंपरा है। देश ही नहीं दुनियाभर में मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा मुहर्रम पर्व मनाया जाता है। ईमाम हुसैन की याद में दुनियाभर में बसने वाले मुस्लिमजन मुहर्रम पर्व को मनाते आ रहे हैं। हमारा आष्टा नगर आपसी भाईचारे का प्रतीक है।
नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि हमारा भारत देश सर्वधर्म सम्भाव की भावना रखने वाला देश है, हिन्दू-मुस्लिम, सीख-इसाई सभी धर्म के लोग आपसी भाईचारे व साम्प्रदायिक सौहार्द्र के साथ अपने-अपने त्यौहारों को उत्साह के साथ मनाते है।
हमारे आस्थावान नगर आष्टा की गंगा-जुमना तहजीब रही है, जहां हिन्दुओं के त्यौहार के समय निकलने वाले जुलूस का मुस्लिम धर्मावलंबीजन स्वागत सम्मान करते है, वहीं मुस्लिम धर्मावलंबियों के त्यौहार के दौरान निकलने वाले जुलूस का हिन्दू भाई आपसी भाईचारे की मिसाल देते हुए स्वागत सम्मान करते है।
इस अवसर पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां, पार्षद डॉ. सलीम खान, कमलेश जैन, अरशद अली, सुभाष नामदेव,
जाहिद गुड्डू, तेजसिंह राठौर, रवि शर्मा, यश छाजेड़, विजय मेवाड़ा, महेन्द्रसिंह गवखेड़ी, गबू सोनी, आशीष बैरागी, आकाश चौहान, राहुल विश्वकर्मा, कुलदीप सोनी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
“विपत्ति के समय हमारे द्वारा किए गए पुण्य ही काम आते हैं-कृष्णा माँ
पाप करो या पुण्य करो भविष्य में हजारों गुना लौटकर आते हैं”
श्री ब्रह्मानंद जन सेवा संघ मालीपुरा आष्टा के पावन तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय गुरु पूर्णिमा अमृत महोत्सव के द्वितीय दिवस पर आज देश के कोने-कोने से आये भक्तों ने अपने गुरु की अमृतवाणी का लाभ लिया ।
आज के सत्संग में परम श्रद्धैय कृष्णा माँ ने अपनी ओजस्वी निर्मल वाणी में कहा की पाप करो या पुण्य करो भविष्य में हजारों गुना लौटकर आता है । एक प्रसंग के माध्यम से मां ने बताया कि, एक समय एक संत नदी में नहा रहे थे पानी के तेज बहाव से उनकी लंगोट बह गई ।
उसी समय द्रोपती का वहां से निकलना हुआ उन्होंने इस घटना को देखकर संत की मदद की और अपनी साड़ी का एक पल्लू फाड़ कर संत को दिया जिसे बांधकर संत नदी से बाहर आए । भविष्य में चीर हरण के समय वही साड़ी का एक छोटा सा टुकड़ा साड़ी के रूप में हजारों गुना लौट कर आया था ।
शास्र कहते है कि यदि हमने पुण्य किया है तो उसे भविष्य के लिए छोड़ दें ताकि वह हमें हजारों गुना बढ़कर मिले,और यदि पाप किया है तो उसका तुरंत अपने गुरु और भगवान् के समक्ष प्रायश्चित कर लेना चाहिए ।
यदि ऐसा नहीं किया तो यह पाप भविष्य में हजारों गुना बढ़ जाएगा, जिसका परिणाम भयानक होगा ।विपत्ति के समय हमारे द्वारा किये गए पुण्य कर्म ही काम आते हैं,अच्छे कर्म विपत्ति के समय हमारी सहायता करते हैं ।
इसलिए जब भी हमारे जीवन में मुसीबत आए हमें हमारे गुरु और भगवान को याद करना चाहिए । एक उदाहरण से कृष्णा माँ ने कहा की एक पपीहा पेड़ पर बैठा था, नीचे से शिकारी निशाना लगाए बैठा था, ऊपर बाज की नजर भी पपीहे पर थी । ऐसी स्थिति में पपीहा घबराया और उसने अपने भगवान को पुकारा उसी समय पेड़ की कोटर से एक सर्प निकला जिसने शिकारी को काट लिया और शिकारी का निशाना चूक गया और पपीहे की जगह तीर बाज को लग गया ।
इस तरह पपीहे की जान बच गई । सत्संग में आगे बताया कि व्यक्ति हमेशा कहता है कि अभी तो बहुत समय है,जब समय मिलेगा तब सत्संग, भजन, दान पुण्य आदि करूंगा । किंतु व्यक्ति को वृद्धावस्था तक समय नहीं मिलता है । और वह समय कभी नहीं आता।
इसलिए जो हमारा जीवन बचा है उसे परमात्मा के नाम में, भगवत प्राप्ति में, समाज सेवा, परमार्थ के कार्यो में व्यतीत करें । समय वापस लौटकर नहीं आता ।
कहा भी गया है की
“जो बीत गई सो बीत गई तकदीर का शिकवा कौन करें,और जो तीर कमान से निकल गया उसे तीर का पीछा कौन करें ।