सीहोर । 07/06/2024 को फरियादिया उम्र 24 वर्ष ने थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट किया कि उसके पिता को एक माह पूर्व करंट लग गया था एवं घर में अन्य समस्या चल रही थी ।
करीब चार दिन पूर्व मंगल मेहरा बाबा पिता हजारीलाल मेहार उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम सोनखेङी जो की पीङिता के पिता की जान पहचान के बाबा पीङिता के पिताजी को देखने के लिये घर आये थे। बाबा ने पिता को देखकर बोला कि मैं बैठक कर दूँगा तो वह अच्छे हो जायेंगे। 06/07/2024 को पीङिता मंगल बाबा के घर ग्राम सोनखेङी पहुची ।
तब वहाँ बाबा ने सामग्री की सूची बनाकर दी । 07/07/2024 को सुबह पीङिता पूजा का सामान खरीदकर अपने छोटे भाई के साथ पूजा कराने के लिये बाबा के घर पर पहुची। बाबा ने उनके घर पूजा की वहाँ कुछ देर बाद बाबा ने कहा कि यहाँ तो पूजा खण्डित हो गई है हम गाँव के बाहर काकङ पर चलते है। फिर पीङिता अपने भाई के साथ अतरालिया रोङ पर स्थित बङी पुलिया के पास काकङ पर पहुँच गई।
जहाँ मंगल बाबा भी आ गया फिर वहाँ काकङ पर पूजा करने के पहले मंगल बाबा ने पीङिता के भाई से कहा कि तुम रोङ पर जाकर खङे हो जाओ कोई आये तो आवाज दे देना । नही तो पूजा खण्डित हो जायेगी ओर तुम दो घण्टे बाद आ जाना।
जिससे पीङिता का छोटा भाई वहाँ से दूर रोङ पर चला गया। उसके बाद बाबा ने वहाँ पूजा की सामग्री बिछाकर पूजा शुरू कर दी ओर पीङिता से कहा कि ओर दो तीन लोग आने वाले है उनकी भी पूजा सामग्री रखी है।
तुम्हारी पूजा करने के दो दिन बाद उनकी पूजा भी करनी है। कुछ देर पूजा करने के बाद बाबा ने पीङिता को भबूत दी ओर थोङा सा जल दिया जिसे खाने के बाद वह बेहोश हो गई। करीब दो घण्टे बाद दोपहर 03.00 बजे वहाँ पीङिता का भाई आया जिसने देखा कि बाबा उसकी बहन के साथ दुष्कर्म कर रहा है ।
तब आरोपी बाबा पीङिता के भाई को देखकर वहाँ से भाग गया तब तक पीङिता बेहोश थी। पीङिता के भाई ने उसे होश में लाया। तब पीङिता व उसके भाई ने थाना में आकर रिपोर्ट की। जिसपर अपराध धारा 64 बीएनएस का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया।
अपराध पंजीयन के पश्चात घटना की गंभीरता को देखते हुऐ सीहोर पुलिस अधीक्षक श्री मयंक अवस्थी के द्वारा आरोपी बाबा की तुरंत ही गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग व एसडीओपी दीपक कपूर के मार्गदर्शन प्राप्त कर थाना प्रभारी भैरूंदा निरीक्षक घनश्याम दाँगी द्वारा आरोपी बाबा की तलाश हेतु टीम गठित की।
आरोपी की तलाश हेतु मुखबिर तत्रं को सक्रिय किया गया व तकनीकी सहायता प्राप्त किया जिसके परिणास्वरुप अपराध पंजीबध्द होने के तीन घण्टे के भीतर आरोपी बाबा को पकङने में सफलता प्राप्त हुई ।
आरोपी बाबा का मेडिकल परीक्षण कराकर उसे न्यायालय भैरूंदा में पेश किया गया जहाँ से आरोपी को जेल भेजा गया । इस मामले में उप निरी. पूजा सिंह राजपूत, प्र आर राजेन्द्र चन्द्रवंशी, आर . दीपक जाटव, आर रविन्द्र जाट का सराहनीय योगदान रहा।