आष्टा । वीआईटी की दबंगाई की खबरे तो आप पीने के पानी को बूंद बूंद तरसे विद्यार्थियों के आंदोलन,उसके बाद उनकी परीक्षा स्थगित करने,छुट्टी घोषित कर उनेह घर जाने का कह कर अपने हाल पर छोड़ देना।
घटना की कोई सूचना पहले ओर बाद में प्रशासन, पुलिस को नही देने के रूप में उसके बाद प्रशासन द्वारा जारी नोटिश का जवाब नही देना,एसडीएम द्वारा तहसील में उपस्तिथ होने के निर्देश के बाद भी तहसील नही पहुचना, मांगे गये बिंदुओं का कोई जवाब नही देने के रूप में सामने आ ही चुका है।
अब वीआईटी की एक ओर दबंगाई सामने आई है। वो ये की वीआईटी कोठरी नगर परिषद की सीमा क्षेत्र में स्तिथ है। वीआईटी खुलने,शुरू होने के बाद से अभी तक वीआईटी ने कितनी जमीन खरीदी,कितनी भूमि सरकारी मिली,जो भूमि मिली खरीदी उसका नामांतरण कराया या नही
जिस भूमि पर पूर्व में एवं वर्तमान में जो बड़ी बड़ी बिल्डिंगों होस्टल भवन, व अन्य भवनों का जो निर्माण किया एवं हो रहा है उसकी परमिशन ली या नही,कितना कर किस किस मद का चुकाया या नही,जिस जमीन को खरीदा गया निश्चित वो कृषि भूमि ही खरीदी होगी।
उस कृषि भूमि पर निर्माण के पहले क्या उसका व्यवसायीक रूप में नामांतरण करा लिया गया था,नामांतरण शुल्क आदि कितना,जमा कराया या नही कराया ये सब प्रश्न लम्बे समय से उठ रहे थे। नगर परिषद कोठरी ने इसको संज्ञान में लिया और सबसे पहले 29 फरवरी 2024 को एक नोटिश वीआईटी कोठरी को भेजा गया।
और 3 दिन में वीआईटी से नोटिश में इसी तरह के विषयों का उल्लेख कर वीआईटी से तीन दिन में जवाब मांगा गया। लेकिन दबंग वीआईटी ने कोठरी नगर परिषद के उक्त भेजे गये नोटिश का 3 दिन छोड़ो 3 माह बाद भी कोई जवाब नही दिया गया।
तब नगर परिषद कोठरी ने 22 मई 2024 को पुनः एक नोटिश भेजा उसमे भी उल्लेख किया कि 3 दिन में जवाब दे एवं सभी दस्तावेज एवं जमा कराये शुल्क की जानकारी कार्यालय में जमा करा कर जवाब दे।
22 मई को भेजे दूसरे नोटिश का भी वीआईटी ने कोई ना ही जवाब दिया और ना ही मांगे गये दस्तावेज आदि जमा कराये। समय सीमा खत्म होने पर नगर परिषद ने एक बार फिर तीसरा नोटिश दिनांक 28 मई को वीआईटी को भेजा
लेकिन 3 जून तक वीआईटी ने किसी भी नोटिश का की जवाब नही दिया। इस मामले में कोठरी नगर परिषद के सीएमओ नरेन्द्र जाटव ने जानकारी देते हुए बताया की हमने वीआईटी को 29 फरवरी,22 मई, एवं 28 मई को तीन नोटिश भेजे है जिसकी पावती कार्यालय में मौजूद है।
लेकिन वीआईटी से आज तक भेजे गये तीनो नोटिश का कोई जवाब नही दिया गया,जो दस्तावेज मांगे,जो शुल्क,कर आदि जमा किया उसकी भी कोई जानकारी नही दी गई है। सीएमओ श्री जाटव ने बताया की वीआईटी ने अपने परिसर में एक नही अनेकों बिल्डिंगों का निर्माण पूर्व में किया एवं वर्तमान में भी जारी है ।
उसमे से कई की परमिशन कोठरी नगर परिषद से नही ली गई है हमने भेजे नोटिश में वीआईटी के स्वामित्व की सभी आवासीय,शैक्षणिक,व्यावसायिक भूमि/भवन जिस पर नगर परिषद को कर अधिरोपित एवं जिनका नामांतरण नही कराया गया कि जानकारी मांगी लेकिन आज तक उपलब्ध नही कराई गई।
सीएमओ श्री जाटव ने बताया हमने भेजे नोटिश में जवाब हेतु 3 दिन का समय दिया व समय सीमा में जवाब नही दिये जाने पर नगर परिषद अधिनियम 1961 की धारा 187,147,138,134,व 127 के तहत जो भी वैद्यानिक कार्यवाही होगी वो की जायेगी।
पहले एसडीएम के निर्देशों का पालन नही करना,उनके द्वारा भेजे नोटिश का जवाब नही देना,इसके बाद अब नगर परिषद के एक नही तीन तीन नोटिशो का जवाब नही देना क्या ये वीआईटी की दबंगाई नही है.? क्या जिले में,संभाग में,प्रदेश में ऐसा कोई दबंग अधिकारी है जो वीआईटी की इस दबंगाई को लेकर जवाब सवाल कर सके..?
अब देखब है एसडीएम एवं सीएमओ नोटिशो का कोई जवाब नही देने वाले दबंग वीआईटी पर क्या कार्यवाही की जाती है.?
पूर्व की तरह इस मामले में वीआईटी की ओर से अभी तक अपना कोई पक्ष प्रेस को नही दिया गया।
इनका कहना है..
नगर परिषद की ओर से अभी तक 3 नोटिश वीआईटी को जारी किये लेकिन वीआईटी की ओर से दी गई समय सीमा के बाद भी नोटिश का कोई जवाब नही दिया ना ही मांगे गये दस्तावेज,जानकारियां दी। अब एक ओर अंतिम नोटिश जारी किया जा रहा है
,उसका भी अगर कोई जवाब नही दिया जाता है तो आगे की कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय एवं कलेक्टर सीहोर से मार्गदर्शन मांगा जाएगा एवं नपा अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी-श्री नरेन्द्र जाटव,सीएमओ नगर परिषद कोठरी सीहोर