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आष्टा । वर्षों से चली आ रही परंपरा अनुसार इस वर्ष भी आष्टा में होलिका दहन के साथ 5 दिनों की जगह इस वर्ष 6 दिवसीय होली का उत्सव प्रारंभ हो गया ।

प्रथम दिन धुलेंडी पर आष्टा नगर में अनेकों समाजो कि रंगारंग गैर निकली । गैर में शामिल समाज बंधु फाग गाते हुए गमी वाले परिवारों के बीच पहुंचे । तथा रंग गुलाल किया ।

इस वर्ष मोक्षधाम समिति द्वारा घोषित की गई सूची अनुसार आष्टा नगर के सभी 18 वार्डों में करीब 185 परिवार ऐसे थे जिनके घरों में वर्ष 2023-24 में गमी हुई थी ।

उनमें से कई परिवारों ने इस वर्ष बैठक रखी उनके घरों पर समाज बन्धु पहुचे ओर रंग गुलाल किया। आष्टा में आज क्षेत्र के विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर कार्यकर्ताओं के साथ रंग गुलाल के लिए निकले वे भी गमी वाले परिवार में पहुंचे ।

नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राय सिंह मेवाड़ा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश परमार,डॉ मीना सिंगी सहित अन्य जनप्रतिनिधि समाज प्रमुख,गणमान्य नागरिक नगर में कई गमी वाले परिवारों के बीच पहुचे ओर रंग गुलाल किया ।

“प्रातः शुभ मुहूर्त में हुआ होलिका दहन”

होलिका दहन दिवस पर प्रातः शुभ मुहूर्त में नगर में लगभग 100 से अधिक स्थानों पर होली का दहन किया गया । होलिका दहन के बाद उस क्षेत्र में निवास रत नागरिकों ने अपने-अपने क्षेत्र में जलने वाली होली का पूजन किया तथा होली तापी।

चली आ रही परंपरा अनुसार होली में से जलता कांडा अपने-अपने निवास घरों पर ले गए । कई परिवारों ने गेहूं की बाली जलती होली में सेकीतथा श्रीफल बदारकर कंकु चावल से पूजन कर होली के चारों ओर जल से परिक्रमा दी ।

“पुलिस ने सुरक्षा के किए गए खड़े इंतजाम”

6 दिवसीय होली पर्व को देखते हुए पुलिस एवं प्रशासन ने आष्टा नगर में फिक्स पॉइंट पर सुरक्षा बल तैनात कर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए तथा

संवेदनशील पॉइंट पर सशस्त्र सुरक्षा बल भी तैनात किया । वहीं पूरे दिन रंग के दौरान पुलिस और प्रशासन के मोबाइल वाहन नगर में घूमते रहे ।

“शाम को भराई गल चौराहे पर गल की यात्रा”

आष्टा में वर्षो से चली आ रही परंपरा अनुसार नगर के गल चौराहे पर गल की यात्रा भराई। इस वर्ष जत्रा में भीड़भाड़ काफी कम नजर आई । वहीं यात्रा शाम 5:00 बजे शुरू हुई जत्रा रात लगभग 9:00 बजे तक चलती रही ।

बाबा रामदेव मंदिर पर विशेष पूजन पाठ हुआ । वही गल चौराहे पर भराई जत्रा में विभिन्न प्रकार के मिट्टी के,प्लास्टिक के खेल खिलौने एवं कई तरह के खान-पान की दुकान लगी,झूले भी लगे। बड़ी संख्या में पहुंचे नागरिकों ने खानपान की सामग्री खरीदी ।

वही साथ रहे बच्चों ने खिलौने आदि भी खरीदे। झूले झूले। गल की जत्रा में जो मुख्य आकर्षण होता है वो जत्रा में विभिन्न भजन,गायन मंडलियों द्वारा जो जत्रा में फाग का गायन होता है वो रहता है ।

जत्रा में चौराहे पर कई मंडलीय पहुंची जिन्होंने विभिन्न प्रकार के फाग के गीत गए । गये फाग गीतों पर जम कर ठुमके लगे।

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