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सीहोर । किसान अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए पशुपालन अपनाकर प्रगति कर सकते हैं। पशुधन बीमा योजना लागू होने से पशुपालन व्यवसाय में पशुधन हानि की भरपाई संभव हो गई है। पशुधन बीमा योजना में दुधारू पशु के साथ सभी श्रेणी के पशुधन का भी बीमा कराया जा सकता है।
एक हितग्राही अधिकतम 5 पशुओं का बीमा करा सकता है। भेड़, बकरी, शूकर आदि में 10 पशुओं की संख्या को एक पशु इकाई माना जाएगा।

“जहां भी जाये-मास्क जरूर लगाये”

इससे यह आशय है कि भेड़, बकरी एवं शूकर पालक एक बार में 50 पशुओं का बीमा करा सकेंगे। बीमा प्रीमियम पर एपीएल श्रेणी को 50 प्रतिशत तथा बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के पशु पालकों को 70 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। शेष राशि हितग्राही द्वारा दी जायेगी। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिए 7.50 प्रतिशत देय होगी। प्रदेश में वर्तमान में 2.45 प्रतिशत तथा 5.95 प्रतिशत दर लागू है।

पशुपालक अपने पशुओं का बीमा एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष तक के लिये करा सकेंगे। बीमित पशुओं के पालकों को पशु की मृत्यु की सूचना 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को देना होगी।
पशुपालन विभाग के चिकित्सक शव का परीक्षण करेंगे और रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का उल्लेख करेंगे। बीमा कंपनी को अधिकारी एक माह के अंदर दावे संबंधी प्रपत्र प्रस्तुत करेंगे।
उसके बाद कंपनी 15 दिन में दावे का निराकरण करेगी। 

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