Spread the love
Screenshot_20230818-212703__01-3

सीहोर । सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी नगर एवं ग्रामीण, में भू-जल संवर्धन के लिए जियोलोजिकल फार्मेशन अनूकुल नही होने, कृषि कार्य के लिए अत्याधिक भू-जल दोहन होने व रबी फसल के दौरान मावट नही होने से नलकूपों/हैण्डपम्पों का जल स्तर निरन्तर नीचे गिर रहा है व जल आवक क्षमता कम होती जा रही है।

कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय खण्ड सीहोर के प्रतिवेदन अनुसार आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। कलेक्टर के निर्देशानुसार संबंधित अधिकारी द्वारा स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले के सभी विकासखण्डों /

तहसीलों में वर्तमान जल स्त्रोत में उपलब्ध जल का पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग किये जाने पर प्रतिबंध नही लगाया गया तो ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, श्री बालागुरू के. पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी, नगर एवं ग्रामीण को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करता हूँ

और धारा 4 (1) के अन्तर्गत उक्त क्षेत्र के समस्त जल स्त्रोतों, यथा बांध नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील, जलाश्य, नाला, बंधान, नलकूप कुआ से किसी भी साधन से घरेलू प्रयोजन व निस्तार को छोडकर सिंचाई या औद्योगिक, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिये पूर्व से अनुमति प्राप्त को छोडकर जल उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, श्री बालागुरू के. हैण्डपम्पों, नलकूपों में निरंतर भू-जल गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये धारा 6 (1) के अन्तर्गत सीहोर जिले के सीहोर, श्यामपुर, आष्टा, जावर, इछावर, रेहटी, भैरूंदा एवं बुदनी, नगर एवं ग्रामीण में

अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई खनन करेगी।

राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीने जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर पुलिस एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा।

अधिसूचना का उल्लंघन करने पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 09 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।

“09 अप्रैल तक बढ़ाई गई गेंहू के पंजीयन की तिथी”

शासन के निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथी 09 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पहले पंजीयन की तिथी 31 मार्च निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 09 अप्रैल कर दिया गया है।

You missed

error: Content is protected !!