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“महाराणा प्रताप चैराहा पर शान से लहराएगा 112 फिट ऊंचा तिरंगा झंडा,विधायक गोपालसिंह इंजीनियर की मौजूदगी में हुआ ध्वज का लोकार्पण”

आष्टा। हम अपने आपको गौरवान्वित मेहसूस कर रहे है कि नगरपालिका के प्रयास से सीहोर जिले में सबसे ऊंचा तिरंगा हमारे नगर में स्थापित हुआ है। हम सौभाग्यशाली है जो यह सुखद एहसास देश की शान तिरंगा ध्वज का आज हमें लोकार्पण करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

यह गौरवशाली क्षण हमेशा अविस्मरणीय बनकर अंचलवासियों के मस्तिष्क पटल पर चस्पा रहेगा। इस आशय के विचार विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने

महाराणा प्रताप चैराहा भोपाल नाका पर नगरपालिका द्वारा स्थापित लगभग 112 फिट ऊंचाई का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि गोपालसिंह इंजीनियर थे, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर रायसिंह मेवाड़ा ने की । मुख्य अतिथि विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कहा कि ध्वज हर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है।

यह हमारे राष्ट्र के गौरव और प्रतिष्ठा को दर्शाता है। आज हम सभी यहां अपने राष्ट्र के गौरव का प्रतीक अपने ‘तिरंगे’ के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए है। जैसा कि हम सभी जानते है राष्ट्रीय ध्वज हर राष्ट्र का सिम्बल होता है। इसके साथ देश की गरिमा जुड़ी होती है।

इसका सम्मान मतलब देश का सम्मान, हर आम आदमी का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि वो अपने देश का और उसके प्रतीकों का सम्मान करें।

नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि सुव्यवस्थित स्ट्रेक्चर बनाया गया है जिसमें महाराणा प्रताप की आकर्षक आकृति निर्मित है, वहीं नगरपालिका का उल्लेख भी है, जिसमें लाईट लगी हुई है, रात्रि के समय ध्वज स्थल और भी आकर्षण का केन्द्र बन जाता है।

स्ट्रेक्चर सहित तिरंगे की ऊंचाई 112 फिट है, वहीं ध्वज की लंबाई 30 फिट तथा चैड़ाई 20 फिट है। श्री मेवाड़ा ने कहा कि यह क्षण हमारे नगर के लिए महत्वपूर्ण व यादगार क्षण है। संपूर्ण सीहोर जिले में सबसे ऊंचा तिरंगा झंडा हमारे नगर के महाराणा प्रताप चैराहा पर स्थापित है।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज, जिसे हम ‘तिरंगे’ के नाम से भी जानते है। इसे तिरंगा इसीलिए कहते हैं क्योंकि यह तीन रंगो से मिलकर बना है। ध्वज के लोकार्पण समारोह के दौरान संस्कृति स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा ढोल नगाड़े बजाए गए, वहीं सेवा निवृत्त सैनिकों की टीम अपनी गणवेश धारण किए पूरे समारोह में आकर्षण का केन्द्र रही।

इस अवसर पर पार्षदगण हिफज्जुर्रहमान भैया मियां, डाॅ. सलीम खान, कमलेश जैन, आरिस अली, मेहमूद अंसारी, सुभाष नामदेव, शेख रशीद, जाहिद गुड्डू, तारा कटारिया, तेजसिंह राठौर, रवि शर्मा, तेजपाल मुकाती, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, नपाउपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां, भाजपा मंडल अध्यक्ष अतुल शर्मा, स्वच्छता एम्बेसेडर रूपेश राठौर, मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजेश सक्सेना,

जिला मीडिया प्रभारी सुशील संचेती, कृपालसिंह पटाड़ा, योगेन्द्रसिंह ठाकुर, धनरूपमल जैन, लखन पाटीदार, मनोहर भोजवानी, कुशलपाल लाला, सुरेश परमार, वीरेन्द्रसिंह भाटी, राकेश मेवाड़ा, संतोष शर्मा सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण, जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। उक्त चौराहे पर विशाल ध्वज स्थापित करने में नगरपालिका की सहायक यंत्री अनिल धुर्वे, पी.के. साहू, विद्युत उपयंत्री आयूषी भावसार, अदित्य तलनीकर, सुभाष सिसौदिया, लखन वर्मा, राकेश, अभिषेक कुशवाह आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

“राजश्री कॉलेज में हर्षोल्लास से मनाया गणतंत्र दिवस,किया ध्वजारोहण”

राजश्री कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज आष्टा में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस। कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि राकेश परमार व महाविद्यालय संचालक बी एस परमार द्वारा भारत माता और सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महाविद्यालय विद्यार्थियों ने अनेक सांस्कृतिक एवं देशभक्ति से भरी प्रस्तुतियां दी।

कार्यक्रम में प्रस्तुतियों के अलावा विद्यार्थियों को महाविद्यालय संचालक और मुख्य अतिथि द्वारा पुस्कृत भी किया गया। भगवान श्री राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर महाविद्यालय में 17 जनवरी से 20 जनवरी तक अनेक गतिविधियां एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इन आयोजनों में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार के साथ शील्ड भेंट की गई। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय संचालक बी एस परमार द्वारा अपने भाषण में कहां की

कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। देश का शासन और सरकार कैसे चलेगी? किस पद की नियुक्ति कैसे होगी और उसके क्या कार्य होंगे? देश के नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य होंगे एवं उनकी रक्षा कैसे होगी? कानून क्या होगा? एक देश को चलाने के लिए यह सभी बातें संविधान में ही निहित होती है। 200 साल की गुलामी के बाद जब भारत अंग्रेजों के चुंगल से आजाद हुवा तब उसके पास अपना संविधान नहीं था। ऐसे में सबसे पहले संविधान बनाने की चुनौती थी।

इसके लिए 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया जवाहरलाल नेहरू डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर सरदार वल्लभभाई पटेल श्यामा प्रसाद मुखर्जी मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे संविधान तैयार करने में 2 साल 11 मा 18 दिन लगे थे यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। 26 नवंबर को संविधान दिवस के साथ-साथ राष्ट्र कानून दिवस भी मनाया जाता है।

संविधान अपनाए जाने के कुछ दिनों बाद आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ इस दिन को देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। महाविद्यालय विद्यार्थियों के साथ संस्था प्रमुख बी एस परमार प्रभारी प्राचार्य अर्जुन परमार मीडिया प्रभारी मनोज कमलोदिया रामवती मेवाड़ा सविता बैरागी ओमप्रकाश मेवाडा राहुल सेन

द्वारका प्रसाद करमोदिया प्रहलाद मेवाड़ा पुष्प मेवाड़ा पूजा मेवाड़ा पूजा परमार दीपिका जाधव मनीष सोलंकी अखिलेश सक्सेना भैया लाल वर्मा रविंद्र प्रजापति ज्योति राजपूत ममता तिवारी कविता भूतिया हिमांशी झवर माया मेवाड़ा बहादुर सिंह रवि मेवाड़ा अरविंद यादव व रीना यादव उपस्थित रहे।

“नवीन कार्यकारिणी का हुआ गठन”

आष्टा मोबाइल एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन की नवीन कार्यकारणी का गठन किया गया जिसमें,अध्यक्ष : अर्जुन सिंह ठाकुर,महामंत्री : श्रेयांश मनोज पोरवाल,कोषाध्यक्ष : भरत देशलहरा,उपाध्यक्ष : सुरेंद्र सिंह ठाकुर ,सचिव : रितिक चौरसिया को बनाया गया सभी पदाधिकारी को बधाई।

“विकासखंड स्तरीय टीएलएम मेले का हुआ आयोजन”

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा (ईसीसीई) में शिक्षण खेल आधारित, खोज आधारित व प्रयोग आधारित किए जाने की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनुशंसा की गई, बच्चों के साथ कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री टीएलएम का उपयोग किया जाना आवश्यक है टीएलएम के प्रयोग से बच्चे रोचक विधि से सीखते हैं और उनमें सृजनात्मकता का विकास होता है ।

इसको बढ़ावा देने के लिए जनपद शिक्षा केन्द्र आष्टा द्वारा एक दिवसीय विकासखंड स्तरीय टीएलएम मेले का आयोजन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आष्टा में किया गया जिसमें के जी कक्षाओं के शिक्षकों द्वारा कम लागत बिना लागत (परिवेशीय सामग्री) टी एल एम अपने स्तर पर तैयार कर प्रदर्शित किए गए जिसमे सामग्री को प्रदर्शित करना और सामग्री का बच्चों के साथ उपयोग कैसे किया जाएगा

यह शिक्षकों द्वारा चयन समिति के समक्ष बताया गया जिसके आधार पर चयन समिति द्वारा भाषा, संज्ञानात्मक तथा रचनात्मक विकास की तीन-तीन प्रविष्टियों को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए, चयन समिति में बीआरसी श्री तरुण कुमार ,डाइट बी ए सी श्री ब्रजराज शरण सिंह बैंस, कन्या स्कूल के प्राचार्य श्री अमर सिंह परमार एवं एम टी श्रीमति करुणा अजमानी रही,

कार्यक्रम में बीएसी श्री मनोहर विश्वकर्मा , मनोज विश्वकर्मा ,फूलचंद सांकले, देव जी मेवाड़ा लेखापाल श्री हरेंद्र सिंह ठाकुर, महेंद्र कुमार एवं जन शिक्षक श्री रजनीकर माहेश्वरी, केदार परमार, धर्मेन्द्र ठाकुर,राकेश सूर्यवंशी, जगदीश मालवीय,अके सिंह ठाकुर एवं एलम परमार ने सहयोग प्रदान किया, मेले में 43 शिक्षकों ने सहभागिता की जिसमे से 9 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया

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