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आष्टा। अभी तक आपने यूं तो कई तरह के फर्जीवाड़े,तरह तरह से चोरियां, चुना लगाने के तरीके पढे ओर सुने होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सुना की कोई डॉक्टर भी किसी फर्जी तरीके से चुना लगा कर डॉक्टरी के पेशे को अपनी हरकतों से बदनाम कर सकता है।

शनिवार को आष्टा के सिविल अस्पताल में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया जिसको सुनकर एक प्रश्न खड़ा हुआ कि क्या एक डॉक्टर भी ऐसा कर सकता है। मन मानने को तैयार नहीं है, लेकिन यह कटु सत्य है की यहा डॉक्टर ने ही ऐसा किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आष्टा नगर के इंदौर भोपाल रोड पर स्थित सानिया हॉस्पिटल में पदस्थ एक डॉक्टर जिसका नाम नीरज धावने बताया गया है जो फर्जी रूप से सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से दबाव बना कर एक विशेष इंजेक्शन अस्पताल के पर्चे पर लिखने का दबाव बनाता।

सफल हो जाता तो ठीक नही होता तो वो खुद कलाकार की तरह अपनी कला का प्रदर्शन कर पर्चा बना कर सिविल अस्पताल के दवा वितरण खिड़की से उक्त पर्चे से लिखा एक विशेष इंजेक्शन जिसका नाम पेंटाजोशीन बताया गया है,जो दर्द निवारक बताया जाता है प्राप्त कर ले जाता था। बताया गया है कि डॉ नीरज धावने शुक्रवार को एक पर्चे से सिविल अस्पताल से 7 उक्त इंजेक्शन ले गया था। फिर शनिवार को डॉ धावने सिविल अस्पताल पहुचा वो ही तरीका अपनाया और फिर दवा वितरण खिडली से 10 इंजेक्शन पेंटाजोशीन ले गया।

फाइल चित्र,सिविल अस्पताल आष्टा

यह सब कुछ जब बीएमओ डॉ प्रवीर गुप्ता को ज्ञात हुआ तब उन्होंने अस्पताल के दवा वितरण के पर्चे,रिकार्ड,स्टॉक आदि की जांच की जिसमे यह स्पष्ट हुआ की उक्त डॉक्टर 10 पेंटाजोशीन इंजेक्शन ले गया है,जो अस्पताल के कैमरों में भी आ ही गया होगा। जब यह मामला सामने आया तब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ प्रवीर गुप्ता ने सानिया हॉस्पिटल के प्रबंधक को सूचना कर उनके यह पदस्थ उक्त डॉक्टर को साथ लेकर तलब किया।

सिविल अस्पताल पहुचे उक्त डॉक्टर की बीएमओ ने पहले तो जम कर फटकार लगाई पूछताछ जानकारी लेने पर सब कुछ बताया। इंजेक्शन को ले जाने का कोई कारण पूछा तो वह पूरी तरह से नहीं बता पाया कि वह सिविल अस्पताल से प्राइवेट सानिया हॉस्पिटल में यह इंजेक्शन क्यों ले जाता था। डॉ गुप्ता ने बताया की उन्होंने इस संबंध में एसडीएम विजय कुमार को अवगत करा दिया है। वही डॉ प्रवीण गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस गंभीर मामले से अवगत कराते हुए मार्गदर्शन मांगा है।

डॉ प्रवीर गुप्ता इस मामले को लेकर अति गम्भीर

इस मामले में बीएमओ डॉ प्रवीर गुप्ता ने बताया कि सानिया हॉस्पिटल मैं पदस्थ उक्त डॉक्टर नीरज धावने जो की नवजात शिशु एवं बाल्य रोग विशेषज्ञ है आष्टा सिविल अस्पताल से फर्जी रूप से पर्चे तैयार कर पेंटाजोशीन इंजेक्शन ले जाता था जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तब उन्होंने अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे,दवा वितरण का रिकार्ड,पर्चे,स्टॉक आदि की जांच की जिसमे यह स्पष्ट हुआ है कि उक्त डॉक्टर सिविल अस्पताल से उक्त इंजेक्शन ले जाता रहा है। इसे तलब कर फटकार लगाई गई है, तथा इस मामले में अग्रिम कार्यवाही हेतु वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है।

वहीं सिविल अस्पताल आष्टा जिस वक्त उक्त डॉक्टर के पर्चे पर यह इंजेक्शन ले गया उस वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एवं दवा वितरण कक्ष पर तैनात नर्स को भी नोटिस जारी किए तथा उनसे भी पूरा जवाब मांगा गया है। अब देखने वाली बात एवं जांच का विषय यह है की आखिर यह मामला कब से चल रहा है, उक्त डॉक्टर नीरज धावने पेंटाजोशीन इंजेक्शन सिविल अस्पताल से क्यों ले जाता था, एक साथ कभी 7,कभी 10 इतने इंजेक्शन ले जाने के पीछे क्या कारण थे

फाइल चित्र,इस खिड़की से ही लिये थे डॉ ने इंजेक्शन

क्या उक्त इंजेक्शन सिविल अस्पताल से फ्री में ले जा कर सानिया हॉस्पिटल में मरीजो को लगा कर पैसे बसूले जाते थे,या इस इंजेक्शन का उपयोग कही किसी अन्य रूप में किया जाता था। इन सब प्रश्नों के जवाब आने का इंतजार है। लेकिन यह तो सत्य है कि एक डॉक्टर की इस हरकत ने डॉक्टर नाम का सिर झुका दिया है। क्या एक डॉक्टर इस तरह की हरकतें भी कर सकता है। ऐसा किसी ने सोचा ना होगा लेकिन यह कटु सत्य है कि ऐसा एक डॉक्टर ने किया है।

इस मामले में सानिया हॉस्पिटल की भी जांच होना चाहिए कि आखिर यह डॉक्टर जो की सानिया हॉस्पिटल में पदस्थ है सिविल अस्पताल से इतने इंजेक्शन सानिया हॉस्पिटल क्यों ले जाता था। यहा उक्त इंजेक्शन का क्या वहां पर किसी मरीजों को उपयोग कर उसकी राशि वसूल करते थे या इस इंजेक्शन का उपयोग कहीं और किसी दूसरे काम में करते थे.?
इस मामले में अभी तक सानिया हॉस्पिटल से उनका कोई अधिकृत बयान प्राप्त नही हुआ है उनके पक्ष का भी इंतजार है।

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