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आष्टा। आज दिन भर से एक बड़ी ही गर्मागर्म खबर राजनीति एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में जोर शोर से चल रही थी,खबर है,चल रही इस गर्मागर्म खबर की आज शाम को हवा ढीली हो गई है।

ये घुंघरू जो बजते नही है,पर सुनाई देते है…..

सीहोर से तो पूरी हवा भरी गई थी,लेकिन ये आष्टा है यहा सीहोर से भरी हवा का गुब्बारा नही चलता है। यहा वो ही गुब्बारा खुले आसमान में उड़ सकता है जिसमे शुध्द हवा आष्टा की ही भरी हो..?

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