आष्टा। दिव्योदय जैन तीर्थ किला आष्टा पर विराजमान ज्येष्ठ श्रेष्ठ मुनि श्री 108 भूतबलि सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव पूर्ण भक्ति भाव एवं गुरु चरणों के सानिध्य में मनाया गया। आज कर्नाटक, महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश, राजस्थान, बेलगांव,बेंगलोर ,मुम्बई,गाजियाबाद,बीजापुर,इंदौर देवास, भोपाल,कन्नौद
आदि शहरों से पधारे गुरु भक्तों ने अपने गुरु के चरणों मे अर्घ्य समर्पित कर गुरु भक्ति की।
सुमधुर भजनों के माध्यम से समाज के सुमधुर भजन गायक सुभाष जैन, निर्मल जैन, मुकेश जैन, मनोज जैन ने अपने भजनों के माध्यम से गुरु चरणों मे अपनी प्रस्तुति देकर मंत्रमुग्ध किया।
प्रातः काल गुरु पूजन, गुरु आशीष, आहार चर्या का लाभ सभी भक्तों को मिला,पूज्य मुनि सागर जी महाराज ने कहा कि हमारी चातुर्मास स्थापना गोपनीय होती है
हमारी स्थापना आप देख नही पाए। हमने आपकी कलश स्थापना देख ली।
आज के इस पावन प्रसंग पर आपने गुरु भक्ति जो बताई है यह धर्म पथ पर आगे बढ़ने के शुभ संकेत है। आपके यहाँ इतने सारे प्रतिमाधारी नैष्टिक श्रावक गण नियम ले रहे है सब लोग उनका अनुशरण कर प्रेरणा लेकर अपना मार्ग चुने।
यह दूसरा चातुर्मास मिल रहा आष्टा को कोरोना काल मे आपको ग्रीष्म प्रवास के 4 मास मिल गए पुण्य फिर जागा ओर चौमासा भी आपको ही मिल गया। 4 मास का अब चौमासा आया है आपकी गुरु भक्ति बेकरार बनी रहे। हमारे अनियत विहार से गाँव गाँव मे हजारों श्रावक जुड़ रहे है,ओर अपना मोक्ष मार्ग प्रशस्त कर रहे है।
इस मुनि चर्या से जो जुड़ेगा निश्चित ही भव भव का भृमण मिटाएगा ,एक दो भव में उसका कल्याण निश्चित है।
जब जागो तब सवेरा अगर आपकी भक्ति में दम है तो उसे क्रियान्वित करना होगा।
धर्म रूपी भक्तों में मालवा की राजधानी आष्टा है,क्योकि यह जो दिव्योदय तीर्थ है यह एक शांति का स्थान है, जैसे आज स्थापना में सब लोग जुड़े है ऐसे ही सब जुड़े रहे। दोपहर को ठीक 1 बजे से चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य आयोजन प्रारम्भ हुआ
प्रथम कलश स्थापना का लाभ अनिल कुमार सुनील कुमार प्रदीप कुमार प्रगति परिवार को प्राप्त हुआ,द्वितीय,सेठी परिवार खातेगांव,तृतीय निर्मल कुमार बड़जात्या आष्टा,चतुर्थ जितेंद बड़जात्या मीरा रोड मुम्बई,पंचम ,मृदुल बड़जात्या को प्राप्त हु
गुरु चरण प्रक्षालन का लाभ पवन कुमार अलीपुर,अनिल छाबड़ा जालना महाराष्ट्र को।
शास्त्र भेंट में मूलचंद जैन जादुगर परिवार,दिलीप कुमार बसंतीलाल परिवार,निर्मल कुमार प्रेमिलाल जैन परिवार,महेंद्र कुमार धर्मेंद्र कुमार श्रीमोड परिवार को प्राप्त हुआ।