आष्टा। प्राचीन खेड़ापति कमल तालाब पर तालाब की पाल पर स्थित खोकर माता मंदिर विगत दिनों तालाब के पानी और हवा आंधी के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था जिसका मरम्मत का कार्य पुनः किया गया है।
आज निर्माणाधीन मंदिर के बीम कालम के गड्ढे खोदने के दौरान खुदाई में पुरानी खंडित देवी की एक मूर्ति निकली। उक्त मूर्ति किस देवी की है,कितनी पुरानी उक्त मूर्ति है,खुदाई में जो एक अलग ही तरह की ईंटे निकली है वो किस समय की है,क्या इस स्थल की अगर ओर खुदाई हो तो क्या कोई पुरासम्पदा,या पुराना कोई मन्दिर आदि के अवशेष मिलने की भी संभावना है।
आदि ऐसे कई प्रश्न है जिसके जवाब केवल पुरातत्व विभाग,इतिहासकार ही दे सकते है। प्राचीन खोकर माता मंदिर निर्माण जीर्णोद्धार समिति के प्रमुख जिनकी देख रेख में निर्माण का पूरा कार्य चल रहा है पूर्व पार्षद कालू भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि
उक्त क्षतिग्रस्त मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। आ रही वर्षा ऋतु के कारण मन्दिर का कार्य तेजी से किया जा रहा है पूर्व में कई बार इस माता जी के मंदिर को अराजक तत्वों ने तोड़ने का प्रयास किया है वही बुजुर्ग लोग बताते हैं कि पहले यहां पर तलाब नहीं था पूरा गहरा जंगल था और बंजारों की बस्ती यहां पर हुआ करती थी।
बंजारे ही इस मंदिर की देखभाल करते थे। आज खुदाई के दौरान यहां पर लगभग 1 से डेढ़ फीट लंबी ईट निकल रही है, वही गड्ढा खुदाई के दौरान एक खंडित वर्षो पुरानी एक मूर्ति यहां से निकली है।
ये मूर्ति किसकी है,किस काल की है की जानकारी पुरातत्व विभाग से ही मिल सकती है। इसकी पूरी जानकारी सामने आये इसके लिये हमने स्थानीय प्रशासन से निवेदन किया है।
स्मरण रहे कुछ महीनों पूर्व ही कमल तालाब की पाल किनारे उक्त स्तिथ खोकर माता के मंदिर का अति सुंदर निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था।