आष्टा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने,कोरोना की चेन तोड़ने के लिये मप्र सरकार के द्वारा दिये गये निर्देशो के बाद जिला आपदा प्रबंधन समिति के बाद समय समय पर लिये गये निर्णयों के तहत शासन प्रशासन ने नागरिको,व्यापारियों को जो निर्देश दिये, जो आदेश जारी किये वो संशोधित होते होते आज इस स्तर पर आ गये है,नये आदेश के तहत आवश्यक सेवाओ को छोड़ सभी दुकानें, बाजार बंद है। जब से कोरोना कर्फ्यू लागू हुआ है,जो गाइडलाइन जारी हुई उसका सभी तरह के व्यापार के ईमानदार व्यापारी शासन प्रशासन के आदेश गाइडलाइन का घरो में रहकर पालन करने को सजा मानते हुए,प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित नजर आ रहे है।
कोरोना कर्फ्यू,गाइडलाइन का पालन करते हुए करीब 15/ 20 दिनों घरो में बैठे है। वही जिन दुकानदारों की दुकान में पीछे के दरवाजे है,घर दुकान एक है,दुकानों में चोर दरवाजे है वे सभी आपदा में अवसर का दोनों हाथों से चोर दरवाजे से सुबाह से रात तक जितना हो सकता है,उससे कई गुना अधिक व्यापार कर रहे है। चोर दरवाजे से व्यापार करने वाले ऐसा नही है की वे कोरोना कर्फ्यू का पालन नही कर रहे है,वे भी अन्य व्यापारियों की तरह पूरी तरह से पालन कर रहे है।
दिन रात व्यापार करने वालो ने आज तक अपनी दुकानों के अग्र भाग के ताले,शटर,फाटक कुछ भी नही खोले है,केवल अपनी दुकानों के पीछे के दरवाजे,गोदाम के फाटक, चोर दरवाजे वा अन्य सभी प्रकार के तरीके अपना कर व्यापार किया वो बादस्तूर ये कार्य जारी है,लेकिन क्या ऐसे किसी भी दुकानदार पर आज तक प्रशासन पुलिस ने कोई ठोस कार्यवाही की शायद नही। ईमानदारी से दुकानें बंद कर,कोरोना कर्फ्यू का पालन करने वालो को इस ही बात का दुख,नारजी है, की क्या उनके द्वारा ईमानदारी से आदेशो का पालन करने की हमे सजा ओर जो आदेशो की धज्जियां उड़ा रहे है,पौं फटते ही जब प्रशासन के जिम्मेदार सो कर उठते नही उसके पहले ही वे भरपूर व्यापार व्यवसाय कर चुके होते है। ऐसा नही है ये सब जानकारी प्रशासन पुलिस को भी है,कहा कहा,क्या क्या हो रहा है लेकिन बस सब कुछ हो रहा है,चल रहा है।
अगर ऐसा ही चलने देना है तो फिर ईमानदार व्यापारियों को क्यो ईमानदारी की सजा उन्हें घरो में रहने की दी जा रही है.? अगर वाकई में प्रशासन पुलिस ईमानदारी से कोरोना कर्फ्यू का घरो में कैद रहकर कर रहे व्यापारियों की पीड़ा को उनकी नारजी को सही मानती है तो करे उन सभी प्रकार के व्यापारियों पर ठोस कार्यवाही जो कोरोना कर्फ्यू की आड़ में चोर दरवाजे से,गोदामो से,पिछले दरवाजे से भरपूर व्यापार दिन रात कर रहे है।
ऐसा नही है पुलिस प्रशासन ऐसे व्यापारियों पर कोई कार्यवाही नही कर रही है,वो सक्रिय नही है,सभी अधिकारी दिन रात घूम रहे है,रोको टोको अभियान चला रहे है,डंडा भी ठपकार रहे है,सख्ती से लोगो को रोक रहे है,ऐसा फिर क्या कारण है, कई व्यापारियों पर 188 की कार्यवाही की है,कईयों पर जुर्माना भी किया है,जब ये किया,ये सब हो रहा है तो फिर क्यो,कैसे दिन रात चोर दरवाजे से व्यापार हो रहा है। ये व्यापार कोई एक प्रकार के व्यापार के व्यापारी ही नही सभी प्रकार के व्यापारी धड़ल्ले से कर रहे है। ऐसे व्यापारियों पर ठोस कार्यवाही की शुरुआत की जरूरत है।