आष्टा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का भयावह रूप धीरे धीरे नजर आने लगा है,इस संक्रमण की चैन तोड़ने,आम नागरिको को इस संक्रमण से बचाने जन जागरूकता अभियान के तहत मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन की अंतिम कड़ी के रूप में ग्रामो में तैनात चौकीदार दिन रात ग्राम ग्राम,शहर शहर घूम रहे है,नागरिको को जागरूक कर रहे है,कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिये जन जागरूकता अभियान चल रहे है,भोपाल से लेकर ग्राम तक कमिश्नर,प्रभारी सचिव,कलेक्टर,एसपी,जिला पंचायत के सीईओ,डिप्टी कलेक्टर,एसडीएम,एसडीओपी तहसीलदार, टीआई,अतिरिक्त तहसीलदार,नायब तहसीलदार,आर आईं, पटवारी,चौकीदार सहित नपा,नप,आंगनबाड़ी,पंचायत कर्मी,लोकनिर्माण विभाग,शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के बड़े से छोटे अधिकारी कर्मचारी गांव गांव,शहर शहर दौरे, कर नागरिको को जागरूक कर रहे है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को गम्भीरता से ले,गाइडलाइन का पालन करे।
वही कोरोना संक्रमण के साथ इन दिनों कोविड टीकाकरण का कार्य भी तेजी से जारी है,स्वास्थ विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल कार्य कर रहे है। ऐसे में आष्टा के एक विभाग के प्रमुख अधिकारी की इन दोनों अभियान में अपनी निष्क्रिय भूमिका पूरे प्रशासनिक क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है,चर्चा है की इस अधिकारी को बड़े अधिकारियों के साथ सत्ता के बड़े नेताओं का वरदहस्त प्राप्त होने के कारण ये वो सब कुछ नही करते है,जो आज बड़े से छोटे अधिकारी कर्मचारी दिन रात दौरे, भाग दौड़ कर रहे है। इस जिम्मेदार अधिकारी की निष्क्रियता का ही एक हद तक ग्रामीण क्षेत्रो में आज कोरोना संक्रमण की बढ़ी हुई स्तिथि नजर आ रही है उनकी निष्क्रियता इसका बड़ा कारण है। वैसे ये निष्क्रिय अधिकारी उस दिन जरूर सक्रिय नजर आते है जिस दिन कोई भी बड़ा अधिकारी जैसे कमिश्नर,कलेक्टर,जिला पंचायत सीईओ आदि आष्टा क्षेत्र में दौरे पर बैठके लेने आते है उस दिन सक्रिय नजर आ जाते है,उनके दौरे के बाद वे फिर अपने विभाग के कैम्पस में आराम फरमाते है। आज का ही उदाहरण सामने है,आज एसपी,एडिशनल एसपी,एसडीएम,एसडीओपी,टीआई आदि कोरोना संक्रमण से बचने के लिये गाइडलाइन का पालन करने,कोविड का टीका लगवाने को लेकर नागरिको को जागरूक करने ग्राम भंवरा,बागेर,कोठरी पहुचे सभी अधिकारी इन ग्रामो में दौरे के दौरान नजर आये।
लेकिन आष्टा के एक आराम फरमा ये अधिकारी नजर नही आये, इसके दो दिन पूर्व टीकाकरण दिवस पर खबर आई की किसी भ्रांति के कारण ग्राम मुरावर टीकाकरण केंद्र पर ग्रामीण टीका लगवाने नही आ रहे है,सूचना मिलते ही एसडीएम सहित सभी अधिकारी उस ग्राम पहुचे लेकिन आराम फरमा ये अधिकारी अपने निवास से बहार नही निकले, उस ग्राम तक नही पहुचे। गम्भीर संकट के इस समय मे जब पूरा प्रशासन,शासन,पुलिस व अन्य विभाग दिन रात कार्य मे लगे है,ऐसे समय मे ये आराम फरमा अधिकारी आखिर अपने विभाग के परिसर से बहार क्यो नही निकल रहे है.?सीहोर कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ आष्टा के इस आराम फरमा अधिकारी ने जिले में जब से कोरोना कर्फ्यू लगा है तब से आज तक इन महाशय ने कितने ग्रामो का दौरा किया,कहा कहा बैठके की,कोरोना संक्रमण रोकने के लिये क्या क्या आदेश निर्देश दिये, उन का कितना पालन हुआ,की समीक्षा की या नही की.? इसकी जांच करे तो सब उजागर हो जायेगा। देखना है इस आराम फरमा अधिकारी को क्या जिले के कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ सक्रिय कर पाते है या..?