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आष्टा। सीहोर जिले के दो शहर आष्टा व सीहोर,इन दोनों शहरों में दिसम्बर 2020 एवं जनवरी 2021 में लगभग घटी एक जैसी घटना,दोनो ही घटनाओं के पीड़ितों के आक्रोश उनकी मांग के बाद हुई जांच,आष्टा में घटी घटना की कलेक्टर सीहोर ने कराई मजिस्ट्रीयल जांच,सीहोर में घटी घटना की डाक्टरो की टीम ने की जांच,दोनों घटनाओं की कलेक्टर सीहोर एवं सीएमएचओ को गठित जांच टीम ने सौपी जांच।

फाइल चित्र,लापरवाही बनी थी प्रतीक्षा की मौत का कारण

आष्टा के पुष्पकल्याण अस्पताल में प्रसूता प्रतीक्षा की मौत में अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर,सिस्टर को दोषी माना, सीहोर के सिटीकेयर अस्पताल में जिस महिला की मौत हुई थी उसमें जांच दल ने अस्पताल प्रबंधन डॉक्टर को माना, कार्यवाही की अनुशंसा की।

फाइल चित्र,जांच टीम जांच हेतु अस्पताल में


आष्टा ओर सीहोर की उक्त दोनों घटनाओं में सीहोर की अपेक्षा आष्टा में जो घटना घटी वो अति गम्भीर थी,इस घटना में प्रसूता के साथ प्रसूता के गर्भस्थ शिशु की भी मौत हुई। उक्त दोनों घटनाओं में आज स्वास्थ विभाग ने जो कार्यवाही सीहोर की घटना को लेकर की जिसमे सीएमएचओ ने सिटीकेयर अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया। जब एक ही जिला सीहोर,सीहोर जिले के सीहोर-आष्टा में एक जैसी घटना घटी,दोनों मामलों की जांच भी हुई,जांच के प्रतिवेदन भी आदेश देने वाले अधिकारियों को सौपे,जांच के बाद आष्टा पुलिस ने दो डॉक्टर,एक सिस्टर पर 8 जनवरी 2021 को मामला दर्ज किया लेकिन ऐसा कौन सा कारण था की लगभग एक जैसी घटना के बाद सीएमएचओ सीहोर ने सीहोर की घटना की जांच रिपोर्ट के बाद सीहोर के प्राइवेट अस्पताल सिटीकेयर का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की।

जिला स्वास्थ विभाग आखिर कब जागेगा या जगाना पड़ेगा.?

जब सीहोर के सिटीकेयर अस्पताल पर सीएमएचओ उसके पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही कर सकते है,तो उन्होंने मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट आने के 2 माह बाद भी आष्टा के पुष्पकल्याण अस्पताल पर आज तक कोई कार्यवाही क्यो नही की जो एक नही कई छोटे बड़े सवालों को खड़े कर रहे है। जबकि आष्टा में प्रसूता प्रतीक्षा की मौत के बाद से ही परिजन अस्पताल को सील करने की मांग के साथ दोषियों पर कार्यवाही,गिरफ्तारी की मांग करते आ रहे है।
स्मरण रहे 10 दिसम्बर को आष्टा के एक प्राइवेट पुष्पकल्याण अस्पताल में डिलेवरी के लिये भर्ती की गई प्रसूता प्रतीक्षा की मौत हो गई थी,इस मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन,डॉक्टर,सिस्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया था,आंदोलन प्रदर्शन हुए थे,उसके बाद कलेक्टर श्री अजय गुप्ता ने 11 दिसम्बर को मामले की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिये थे,जांच हुई,रिपोर्ट भी पेश हो गई।

आष्टा थाना पुलिस ने 3 पर मामला दर्ज किया है

3 पर आष्टा पुलिस ने मामला भी दर्ज किया पर ना जाने क्यो इस मामले में शुरू से लेकर आज तक जिला स्वास्थ विभाग मौन धारण किये रहा.? आज सीहोर के सिटीकेयर अस्पताल पर कार्यवाही के बाद जिला स्वास्थ विभाग पर एक नही अनेकों प्रश्न खड़े होना स्वभाविक है। समय समय पर इस मामले को लेकर आष्टा में पीड़ित परिवार ने उसके समर्थन में लोगो ने सड़को पर उतर कर जो आंदोलन,धरना,प्रदर्शन,किये उससे जिला प्रशासन,शासन की छबि को भी धक्का लगा। अगर मजिस्ट्रीयल जांच के बाद ही जिला स्वास्थ विभाग अस्पताल पपर नियमानुसार कार्यवाही करता तो तीन माह से इस मुद्दे पर जो कुछ हुआ,हो रहा है शायद वो नही होता.!

इस तरह आंदोलन हुए,ज्ञापन दिये, न्याय की रखी मांग


“साहब झल्लाओ मत-प्रश्नों के जवाब दीजिये”
आज इस मामले में जब हमने सीएमएचओ श्री सुधीर डेहरिया से चर्चा कर पूछा की सीहोर जिले के सीहोर ओर आष्टा के दो प्राइवेट अस्पतालों में लगभग एक जैसी घटना घटी आपके द्वारा सीहोर में घटी घटना पर उक्त प्राइवेट अस्पताल सिटीकेयर का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की,पर आष्टा में इससे भी अति गम्भीर घटना ऐसी ही घटी पर आपके द्वारा आज तक आष्टा के उक्त प्राइवेट अस्पताल पर कोई कार्यवाही क्यो नही की गई,प्रश्न सुनने के बाद सीएमएचओ श्री सुधीर डेहरिया ने जो कहा उसे सुन कर बड़ा आश्चर्य हुआ की हमने कलेक्टर द्वारा जो मजिस्ट्रीयल जांच कराई थी,उक्त जांच की रिपोर्ट मंगवाई है.? जबकि उक्त जांच रिपोर्ट पेश हुए 3 माह के करीब हो चुके है। जब हमने पूछा की सीहोर आष्टा की घटना एक जैसी है,सीहोर मामले में आपने अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की,पर उसके पहले घटी आष्टा की घटना पर जिला स्वास्थ विभाग ने अभी तक आष्टा के मामले में कोई कार्यवाही क्यो नही की,स्वास्थ विभाग अभी तक मोन धारण क्यो बैठा रहा,अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट अचानक क्यो मंगवाई जा रही है,पहले उक्त रिपोर्ट क्यो नही मंगवाई जब हमने ये सब सवाल किये तब सीएमएचओ साहब पहले तो मौन रहे,फिर झल्ला गये।

प्रतीक्षा के परिवार को न्याय की दरकार…

माननीय मौन रहने,झल्लाने से काम नही चलेगा,जो प्रश्न खड़े हुए है,उसके जवाब तो देना होंगे की आखिर सीहोर अस्पताल पर घटना के बाद उसका पंजीयन निरस्त होने की जब आप कार्यवाही कर सकते है,तो आष्टा के मामले में आपने अभी तक उक्त अस्पताल पर कोई कार्यवाही क्यो नही की,जिला स्वास्थ विभाग क्यो मौन बैठा रहा,क्यो आज मजिस्ट्रीयल जांच मंगवाना पड़ी,ये रिपोर्ट आपने पहले क्यो नही मांगी ऐसे एक नही अनेकों प्रश्नों के जवाब आपको पीड़ित परिवार सहित सब पक्षो को देना होंगे.!

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