सीहोर। समाज में डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है । डॉक्टरों को भगवान का रूप इसलिए माना जाता है क्योंकि वे रोगियों को निराशा के क्षण में आशा की किरण के रूप में नजर आते है और राहत देते हैं । डॉक्टर की सेवा ईश्वर की भक्ति के समान होती है ।
डॉक्टरों का कर्तव्य जीवन को बचाना और स्वास्थ्य को संरक्षित रखना होता है। उक्त विचार डॉक्टरों के सम्मेलन में रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय भागवत भूषण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे ।
इस मौके पर जिला अस्पाताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक बीके चतुर्वेदी, डॉ. आरके वर्मा, डॉ. भरत आर्य, आनंद शर्मा,डॉ हीरा दलोद्रिया,डॉ प्रवीर गुप्ता,डॉ श्रीमति अर्चना सोनी,डॉ गम्भीर पटेल सहित आष्टा,
सीहोर,कन्नौद,शुजालपुर,इछावर, सहित अन्य स्थानों से करीब 150 से अधिक डॉक्टर्स आदि शामिल थे। पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा कि चिकित्सय शिक्षा समाज के उत्थान और रोग को दूर करने के लिए बहुत ही उपयोगी है।
मैं जब आया था तब यहां पर ब्रेन के कार्य करने की प्रणाली से विशेषज्ञ अवगत कर रहे थे, कि एक महिला का हाथ नहीं उठ रहा था,ब्रेन के कंट्रोल और उपचार करने से इस बीमारी का निदान हो गया। रविवार को स्थानीय क्रिसेंट रिसोर्ट,सीहोर में सुबह 9 बजे से सांय 4 बजे तक आयोजित किया गया था।
इस सम्मेलन में 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया । इस अवसर पर 16 सुप्रसिद्ध सुपर स्पेशलिस्ट अपने-अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञता से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने अपने अनुभव आदि एक दूसरे से साझा किये । यह सम्मेलन चिकित्सकों को वर्तमान चिकित्सा ज्ञान के बारे में अध्यन करने का एक शानदार अवसर प्रदान किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक बीके चतुर्वेदी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी और शोध परिणामों को साझा करना है, ताकि चिकित्सक अपने प्रैक्टिस को और अधिक प्रभावी और सटीक बना सकें।