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आष्टा। पूरे मप्र में ही नही पूरे देश मे मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को,उनके शासन को,उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल को अगर किसी योजना ने सबसे अधिक पसंद किया है तो वो योजनाएं वे है जो मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने मप्र की बहनों,बेटियों,भंजियो के उत्थान,विकास,सुरक्षा,शिक्षा, आत्मनिर्भर बनाने के लिये बनाई,लागू की,ओर वे सभी योजनाए धरातल पर भी उतरी उसके परिणाम भी मप्र में आज यत्र तत्र सर्वत्र नजर भी आ रहे है। जब मुख्यमंत्री अपनी बहनों, बेटियों भंजियो के लिये इतना कुछ करते है,कर रहे है यहा तक की आज मप्र में कोई सा भी आयोजन हो मुख्यमंत्री जी कन्याओं का पूजन करे बिना कार्यकम का शुभारम्भ नही करते है। जिस प्रदेश का सीएम अपनी बहनों,बेटियों,भंजियो के लिए हर पल,हर दिन चिंता करता हो,क्या उस मध्य प्रदेश के उन्ही के जिले सीहोर का जिसका नेतृत्व स्वयं सीएम प्रदेश देश मे करते हो। उस जिले के सबसे जागरूक,सबसे उन्नति-प्रगतिशील शहर आष्टा में एक परिवार जिसकी गर्भवती बेटी की मौत एक प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन,डॉक्टर,सिस्टर की लापरवाही से हो गई हो,बेटी की ही मौत नही उसके गर्भस्थ शिशु की भी मौत हो गई।

“आष्टा हैडलाइन की अपील मास्क जरूर लगाये”

आज उस परिवार को अपनी बेटी की मौत के जिम्मेदारों को पहले उन पर प्रकरण दर्ज कराने के लिए संघर्ष करना पड़ा ओर अब जब पूरी ताकत लगाने के बाद जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज हो गया तो आज उस बेटी के जिसकी मौत से पूरा शहर सड़को पर उतर आया था,के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर तहसील के सामने पूरा परिवार कल 15 मार्च से तम्बो लगा कर धरने पर बैठा है,रात्रि में परिवार के पुरुष और महिला सदस्य धरना स्थल पर ही सोये है। महिलाओं का धरना स्थल पर रात्रि में सोना चिंतन का विषय है।आज दूसरे दिन शहर की अनेकों महिलाओं ने ज्ञापन सौपा गिरफ्तारी की मांग दोहराई। कहते है कानून के हाथ लम्बे होते है,तो वो हाथ कहा है,ये लम्बे हाथ आरोपियों तक क्यो नही पहुच रहे है। इस पूरे मामले में कुछ गलतियां प्रशासन ओर पुलिस से भी हुई तो है। अगर मजिस्ट्रीयल जांच के पूरी होने के बाद से ही पुलिस प्रशासन जांच रिपोर्ट आने तक उन लोगो पर निगाह रखता जिनको लेकर पीड़ित पक्ष ने गम्भीर आरोप लगाये थे,इसके बाद जब जांच रिपोर्ट आई तब पुलिस ने जिन को आरोपी बनाया उन पर कड़ी निगरानी रखना थी,नही रखी,जिन पर मामला दर्ज हुआ उन्हें मौका मिल गया और वे अपने बचाव के रास्तों की खोज में आष्टा से या तो रवाना हो गये या छुप गये,आखिर ये सब कैसे क्यो हुआ.? ये भी जांच का नया बिंदु सामने है।

रात्रि में भी धरना स्थल पर उपस्तिथ रही महिलाएं..


आज प्रसूता की मौत के आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किये करीब 3 माह के बाद भी पीड़ित के परिवार को न्याय नही मिला, फिर उसे सड़को पर आना पड़ा। ये पूरा मामला आष्टा के स्थानीय अधिकारियों से लेकर भोपाल में बैठे सभी बड़े अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी आखिर क्यों एक बेटी के परिवार की क्यो नही सुनी जा रही है.? क्या इस मामले में पीड़ित न्याय की उम्मीद छोड़ दे.? अब तो इस मामले को बहनों के भाई,बेटियों के पिता तुल्य एवं भंजियो के मामा मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को ही संज्ञान में लेना होगा शायद तभी उस बेटी को न्याय मिलेगा जो लापरवाहों की लापरवाही के कारण आसमय ही काल के मुह में चली गई है।

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