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आष्टा। आज प्रातः से ही नगर में हर्षौल्लास का माहौल था पूज्य जगतगुरू शंकराचार्य श्री 1008 शारदानंद जी सरस्वती जी के नगर आगमन पर भव्य शोभा यात्रा निकली

शोभायात्रा में उरई झांसी से पधारी पूज्य श्री रश्मि जी शास्त्री , कृष्णाधाम आश्रम से कृष्णा मां , श्री छविदास जी महाराज ,श्री रामभूषण दास जी महाराज अपने अपने रथ पर शोभायमान रहे।


शोभा यात्रा में नगर एवं आस पास के क्षेत्र से पधारे जनमानस अनेक संख्या में मौजूद थे सभी ने संतो से आशीर्वाद लिया ।

शोभायात्रा मार्ग में अनेक संगठनों समाजजानो ने फूल मालाओं के साथ पूज्य श्री शंकराचार्य जी एवं पधारे संतो का शीतलामाता मंदिर समिति,दिगंबर जैन पंचायत समिति, नगरपालिका आष्टा, एवं अनेक संगठनों के द्वारा स्वागत किया गया।


शोभा यात्रा मानस सम्मेलन स्थल मानस भवन दोपहर 1 बजे पहुंची जहां पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जी एवं अन्य पधारे संतो ने दीप प्रज्वलन कर मानस सम्मेलन का शुभारंभ किया । समिति द्वारा सभी संतो का फूल माला के साथ स्वागत अभिनंदन किया ।


मंच संचालन करता दीपेश पाठक ने किया । इस अवसर पर मां कृष्णाधाम आश्रम से पधारी कृष्णा मां ने बताया कि मनुष्य को सत्संग जरूर सुनना चाहिए, क्योंकि प्रभु की प्राप्ति का सत्संग ही एक मात्र उपाय हे,इसके बिना मनुष्य का कल्याण संभव ही नहीं हे ।


झांसी उरई से पधारी पूज्य दीदी रश्मि जी शास्त्री ने अपने उद्बोधन में उन्होंने कथा का महत्व समझाते हुवे बताया कि जो अनेकों बार सुनने के बाद भी तृप्ति न हो वह भगवान की कथा हे ।

गोस्वामी तुलसी दस जी ने कहा कि जिसे कथा में विश्वास नहीं उसका कोई सम्मान नहीं होता चाहे वो जगत जननी माता ही क्यों न हो, कथा सुनकर भगवान महेश कहलाए।

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