आष्टा । अशासकीय विद्यालय संगठन के अध्यक्ष अनिल नायर के नेतृत्व में आज संगठन के सदस्य भोलूसिंह ठाकुर,विनीत त्रिवेदी,सर्वेश उपाध्याय,शैलेन्द्र ठाकुर,दिव्यांश सोलंकी,रामनरेश यादव,कमलसिंह मकवाणा सहित अन्य स्कूलों के प्रमुखों द्वारा आज आष्टा एसडीएम श्री विजय कुमार मंडली को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें वर्ष 2020-21 की आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए जिन केंद्रों का निर्धारण किया जाने वाला है,उन केंद्रों का निर्धारण किए जाने के पूर्व,कुछ केंद्रों पर पूर्व में घटी मारपीट,फर्जी परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा में शामिल होने एवं नकल की घटनाओं को भी सामने रखा जाकर ही नए परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग की गई है ।
सौपे गये ज्ञापन में अशासकीय विद्यालय संगठन ने बताया कि जिन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर प्रस्ताव भेजे गए हैं उसमें कुछ विद्यालयों ने अपने हिसाब से संबंधित उन ही परीक्षा केंद्र के प्रस्ताव भिजवाए हैं,जो पूर्व में घटी घटनाओं के कारण शासन,प्रशासन,शिक्षा विभाग की बदनामी के कारण बने थे।
इस वर्ष जिन परीक्षा केंद्रों के प्रस्ताव भेजे गए हैं,ज्ञापन में मांग की है कि वर्ष 2019 में जिस एक केंद्र अध्यक्ष एवं उसके सहायक केंद्र अध्यक्ष के साथ मारपीट की घटना घटी उस घटना को भी वा अन्य परीक्षा केंद्रों पर जो कुछ घटा उसे भी सामने रखा जाना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है की खाचरौद के स्कूलों का परीक्षा केंद्र शासकीय स्कूल रोला गांव को परीक्षा केंद्र बनाया जाता है,इस बार भी भेजे प्रस्ताव में वो शामिल है,ऐसी जानकारी है। उक्त रोलागांव का स्कूल जो की खाचरोद से 11 किलोमीटर दूर इंटीरियल में है, जबकि खाचरोद से 2 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मार्ग पर खामखेड़ा जत्रा एवं उससे आगे 6 किलोमीटर की दूरी पर लसुलड़िया विजय सिंह का स्कूल है।
सुविधाजनक उक्त दोनों स्कूलों को परीक्षा केंद्र ना बनाकर रोला गांव को परीक्षा केंद्र बनाया जाना विचारणीय प्रश्न खड़े करता है। वही आष्टा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के परीक्षा केंद्र जिनमे ग्राम धुराणाकला, खजूरिया कासम, छापर, भंवरा, लोरास कला, निपानिया कला,कजलास आदि ऐसे,क्या ऐसे केंद्रों को परीक्षा केंद्र बनाया जाना उचित होगा.?
इसलिये परीक्षा केंद्र बनाए जाने के पहले सभी स्थितियों परिस्थितियों पर प्रशासन एवं शिक्षा विभाग गहन चिंतन और मनन करें,उसके बाद ही परीक्षा केंद्रों की घोषणा करे तो उचित होगा।
संगठन ने कहा, हमारा मानना है कि परीक्षा केंद्रों का सही निर्धारण करेंगे तो परीक्षा के समय अनुविभाग की छवि धूमिल ना होगी और विद्यार्थी भी बिना भय के परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। ज्ञापन देने पहुचे संगठन के सदस्यों ने कई गम्भीर विषयो से भी एसडीएम को अवगत कराता की किस तरह ओर क्यो कुछ स्कूलों के कारण मन माफिक परीक्षा केंद्र बन जाते है.?