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सीहोर/इछावर। अभी तक समर्थन मूल्य पर कृषि उपज खरीदी का कार्य केवल सोसायटियों को ही दिया जाता था,अब मप्र सरकार ने निर्णय लिया है की जो सोसाइटीया डिफाल्टर हो चुकी है उन सोसायटीओं को समर्थन मूल्य पर गेहूं चने की खरीदी का कार्य नहीं दिया जाएगा ऐसी सोसाइटीओ को जो डिफाल्टर है उन्हें ब्लैक लिस्ट कर इसके बदले गेहूं और चने की समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य हम अपनी बहनों द्वारा संचालित स्व सहायता समूह को देंगे ताकि इनकी आय में वृद्धि हो और यह स्व सहायता समूह आर्थिक रूप से मजबूती के साथ खड़े हो सके।


यह कहना है मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल का जो उन्होंने आज समर्थ महिला महासंघ के चतुर्थ महाअधिवेशन में बड़ी संख्या में उपस्तिथ समूह से जुड़ी बहनों को संबोधित करते हुए कहे।
ग्राम बरखेड़ी में श्री कमल पटेल ने कहा कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए गेहूं और चने का समर्थन मूल्य में चने का समर्थन मूल्य 5100/- प्रति कुंटल एवं गेहूं का समर्थन मूल्य 1975/-रुपये प्रति कुंटल घोषित हुआ है।
जो स्व सहायता समूह खरीदी के प्रस्ताव देंगे हम उन्हें खरीदी का कार्य सोपेंगे।


आपको बताना चाहता हूं कि जो सोसाइटीया समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करते हैं उन्हें इसके बदले 1% का कमीशन दिया जाता है इस तरह अगर आपने 1 लाख कुंटल चने की खरीदी की तो आपके स्व सहायता समूह को कमीशन के रूप में 51 लाख की राशि प्राप्त होगी।
जब इतनी बड़ी राशि आपके समूह को प्राप्त होगी तो यह निश्चित मानिए कि आपका स्व सहायता समूह आर्थिक रूप से मजबूत होगा तथा आप इससे और भी अन्य बड़े-बड़े कार्य कर सकते हैं।


इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री रवि मालवीय सहित समर्थ महिला महासंघ के सभी पदाधिकारी बड़ी संख्या में महिलाएं, अधिकारी उपस्थित थे
बरखेड़ी के बाद कृषि मंत्री किसान मोर्चे द्वारा इछावर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए।


उपस्तिथ किसानों को सम्बोधित करते हुए श्री कमल पटेल ने कहा एक समय था जब किसान की फसल खराब हो जाती थी तो उसकी हालत इतनी खराब हो जाती थी कि किसान को अपनी जमीन तक बेचना पड़ जाती थी,बड़े किसानों से बोनी करने जो बीज लिया जाता था उसके बदले दो से तीन गुना बीज वापस करना पड़ता था,ओर जिंदगी भर का एहसान जी हजूरी अलग करना पड़ती थी,इस तरह की गुलामी से भाजपा सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड ला कर,0% ब्याज पर ऋण दे कर किसानों को गुलामी से मुक्त किया।

धन्य है देश का किसान जिसने लॉक डाउन में भी खेतो पर पहुचा, अपना पसीना बहाया ओर अनाज, दूध,शब्जी का भरपूर उत्पादन कर 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरा है। आप बताये अगर अन्नदाता भी लॉक डाउन में घरो में रहता खेत पर नही जाता तो क्या होता। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विधायक श्री करणसिंह वर्मा, जिला अध्यक्ष श्री रवि मालवीय सहित अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया।

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