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“आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज” होगा सागर मेडिकल कॉलेज का नाम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा
मुख्यमंत्री निवास में क्षमावाणी महोत्सव का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सागर मेडिकल कॉलेज का नाम “आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज” होगा। उन्होंने जैन धर्माम्बलम्बियों को बड़ी सौगात देते हुए कहा है कि प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता से जैन मुनियों को उनके विहार के दौरान नगरीय क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र में भवन की आवश्यकता होने पर नि:शुल्क भवन सुविधा उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास में आयोजित क्षमावाणी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म और संस्कृति का गौरवशाली इतिहास है। देश-प्रदेश के साथ उज्जैन भी जैन धर्म को हजारों सालों से मानने वाली नगरी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले महिने नीमच, मंदसौर और सिवनी में मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जैन समाज के प्रति समर्पण के लिए प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का क्षमावाणी महोत्सव में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई भी देश उन्नति, प्रगति करता है और सक्षम बनता है तो अपनी संस्कृति का दूसरों पर भी प्रभाव डालना चाहता है। हमें गर्व है कि हमारा देश हमेशा अपनी शक्ति का सदुपयोग करने की दिशा में बढ़ता है, इसमें हमारा दर्शन छुपा है। भारत शक्ति सम्पन्न बनकर अपने नागरिकों का भला करना तथा विश्व के सर्वश्रेष्ठ देशों में शामिल होना चाहता है। हमें गर्व उस समय और होता है जब इतना शक्ति सम्पन्न होकर भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रूस और यूक्रेन के बीच जाकर शांति का संदेश देता है।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाई है। कानून व्यवस्था, सुशासन की स्थापना करना सरकार का दायित्व है। राज्य सरकार ने सभी संभागों के अंतर्गत आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। गौशालाओं, गाय को पालने के लिए प्रोत्साहन देंगे। दूध बिक्री पर बोनस देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हजारों सालों से हमारे देश के शासकों ने “जियो और जीने दो” की परम्परा का निर्वहन किया। हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। किसी को गुलाम नहीं बनाया। यह हमारी परम्परा रही है। कदम-कदम पर हमारी संस्कृति के उदाहरण मिलते हैं। समर्थ, सक्षम और बड़ा आदमी छोटे के प्रति क्षमा का भाव रखें तो सही है। बड़ा आदमी छोटे के प्रति विन्रमता का भाव रखे तो यह वीरता को दर्शाता है। यह भगवान महावीर का दर्शन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैन धर्म के आचार्यों ने हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया है।

जैन मुनियों के माध्यम से जीवन जीने का आनंद, प्रेरणा संबल और सहारा मिलता है।
सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि क्षमा की भावना रखना बड़ी बात है। क्षमा वही कर सकता है जो क्षमतावान और शक्तिमान है। क्षमावाणी हमारी संस्कृति का बड़ा और पवित्रता का पर्व है। सम्पूर्ण जैन समाज देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी समाजों और वर्गो को साथ लेकर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की भावना के अनुरुप सबका साथ – सबका विकास कर रहे हैं।
सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि क्षमावाणी कार्यक्रम का आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैन दर्शन को बढ़ावा देने का कार्य किया है। हमारी संस्कृति का संदेश का यह महत्वपूर्ण पर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी त्यौहारों और पर्व को महत्व दे रहे हैं। पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बहुत समय के बाद क्षमावाणी कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ है।

कार्यक्रम में विधायक उज्जैन श्री अनिल जैन कालूखेड़ा, निवाड़ी विधायक श्री अनिल जैन, सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन, शिवपुरी विधायक श्री देवेन्द्र जैन, मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन, पूर्व मंत्री श्री ओम प्रकाश सकलेचा, पूर्व मंत्री श्री सुरेंद्र पटवा, पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया, पूर्व मंत्री श्री शरद जैन सहित जनप्रतिनिधि और जैन धर्म के अनुयायी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंगलाचरण नृत्य एवं स्वागत गीत और भजनों की प्रस्तुत हुई। क्षमावाणी पर्व से संबंधित लघु वीडियो फिल्म दिखाई गई।

“शिक्षक श्री गणेश उपाध्याय के सेवानिवृत्त होने पर आयोजित किया स्वागत-सम्मान समारोह को सेवानिवृत होने पर सोशल मीडिया स्टार बेटी-दामाद दिव्या-पंकज समारोह में हुए शामिल”

सेवा काल पूर्ण होने पर शिक्षक श्री गणेश उपाध्याय के सम्मान में स्वागत सम्मान समारोह गीतांजली गार्डन में आयोजित किया गया ।

समारोह का शुभारम्भ विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर,सोशल मीडिया स्टार दिव्या-पंकज, पत्रकार सुशील संचेती नगर पुरोहित डॉ दीपेश पाठक,अमित तिवारी द्वारा मंत्रोच्चार के साथ किया। श्रीमती विजयलक्ष्मी उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोजित समारोह के प्रारम्भ में नाती शिवा मंडलोई पुत्र नीलिमा विकास मंडलोई ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम की शुरुआत की।


जिसमें मुख्य रूप से गोपाल सिंह इंजीनियर,नगर पालिका अध्यक्ष हेमकुवर रायसिंह मेवाडा,नगर भाजपा अध्यक्ष अतुल शर्मा,जनपद अध्यक्ष सोनू दीक्षा गुणवान,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कैलाश परमार, मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष उपेश राठौर,मीडिया प्रभारी सुशील संचेती, पूर्व बीईओ प्राचार्य अजबसिंह राजपूत,नगर पुरोहित दीपेश पाठक, मनीष पाठक,ज्योतिष आचार्य अमित तिवारी,

प्राचार्य,सुदीप उपाध्याय,सीएल पेठारी, नारायण सिंह ठाकुर,ललित नागोरी, गुलाब बाई ठाकुर,सर्वेश उपाध्याय, पार्षद रवि शर्मा, पार्षद अंजलि चौरसिया,रीतू जैन, डॉक्टर कुणाल राय,सपना राय, चैतन्य प्रकाश पंचोली, माखनलाल कुराडिया,डॉ मीना विनीत सिंगी,जीएल नागर,
जितेंद्र जी सरपंच जगमालपुर,अतुल तिवारी,प्रवीण तिवारी,
योगेश दुबे, ओमप्रकाश उपाध्याय, संजय उपाध्याय, ईश्वर उपाध्याय, कृष्ण गोपाल उपाध्याय,राजकुमारी ब्रिजेश उपाध्याय, उषा शर्मा,
नगर के पत्रकार एवं समस्त परिवार जन उपस्तिथ हुए एवं शिक्षक गणेश उपाध्याय को बधाई दी व उनका स्वागत सम्मान किया । कार्यक्रम का संचालन सुदीप उपाध्याय ने एवं अंत मे आभार मयूर उपाध्याय ने व्यक्त किया ।

“दर्पण में अपना चेहरा नहीं कमियां देखें —मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज
जैन कल्याण बोर्ड के गठन की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा पर मुनि संघ ने मुख्यमंत्री की सराहना की”

आप लोगों ने कभी चाहा की हमारी कोख से आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज एवं नवाचार्य समय सागर महाराज जैसे बेटे जन्म ले,आप लोग तो फिल्मी कलाकार जैसे बच्चे चाहते हैं। कोई भी काम की शुरुआत णमोकार महामंत्र के साथ करें। दिगंबर साधु आपके कल्याण हेतु, अपने की और अपनी सोचों। पंचम काल में मुक्ति नहीं। आचार्य विद्यासागर महाराज इतनी ऊंचाई पर पहुंच गए,वह भी जानते थे इस काल में मुक्ति नहीं, लेकिन उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन किया।गुरु बनना तब सार्थक है जब उनकी शक्ति दूसरे के काम आएं। दर्पण में आप अपनी कमियां नहीं देखते,आप सिर्फ चेहरा देखकर सुंदर बनने का प्रयास करते हैं। स्वार्थ के लिए गुरु मत बनाओ, गुरु आपके अवगुणों को दूर करते हैं।उसी प्रकार मां भी अपने बच्चों के अवगुणों को दूर करती है, अगर मां बच्चे के अवगुणों को दूर नहीं करें तो बच्चा डाकू बन जाएगा। साधु गुण नहीं अवगुणों को बताएंगे, तभी आपका कल्याण होगा।जो गुरु आपके अवगुणों को नहीं बताए तो वह गुरु नहीं। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने कहीं। आपने कहा कि गुरु प्रशंसा करने के लिए नहीं। गुरु की वाणी बड़े ही सौभाग्य से मिलती है,तन की प्यास नदी के पानी से बुझती है और मन की बात साधु के वचनों से मिटेगी।

गुरु महाराज के पास बैठ कर अपने कल्याण की बात करी, नहीं। जीवन में प्रतिकूलता आना जरूरी है। कल्याण स्त्रोत पाठ आप लोगों के कल्याण हेतु है।यह पाठ मुनियों के लिए नहीं है। सम्यकदृष्टि बनों, तीन लोक के नाथ की शोभायात्रा बहुत ही शानदार श्रद्धा भक्ति से निकालें। जैन समाज प्रेरणा दायक है।हम लाइन छोटी नहीं बड़ी खींचें। जिनेंद्र भगवान की पालकी निकले तो अच्छा बन-ठन कर ठाठ-बाट से आएं। सामूहिक शांति धारा का विशेष महत्व है। मुनिश्री ने कहा समाज के सामूहिक कार्यक्रम में कभी भी पीछे नहीं रहे, जिनेंद्र भगवान का बहुमान करें। चांदखेड़ी में इंद्र की तरह बनाकर शांति धारा करते हैं श्रावक गण। स्टील की थाली काले झंडे दिखाने के समान है। कभी भी भगवान के अभिषेक स्टील की थाली में नहीं करें और साधु के पाग प्रक्षालन भी स्टील की थाली में नहीं करें। जो भी काम साधु करें वह आपके कल्याण हेतु।

स्वर्ण रथ देखने के लिए 44 घंटे में ध्यान पूर्ण करके नीचे आया था। भगवान की भक्ति और आराधना करते रहो।पाप की क्रियाओं को सजा रहे हैं, पुण्य की नहीं,जो भी यहां आता है वह मंदिरों की प्रशंसा करते हैं। सम्यकदृष्टि जीव जिनेंद्र भगवान की बातों पर अमल करता है। जिनेंद्र भगवान तीन लोक के नाथ है वह किसी एक मंदिर विशेष के नहीं। किस्मत में है-तो धन,दोलत मिल जाएगी। धर्म के कार्यक्रम में सभी को शामिल होना चाहिए। मनुष्य पर्याय प्राप्त करना दुर्लभता है। जैन कुल में जन्म लिया,यह धर्म और कुल कल्याण नहीं हो जब तक जैन कुल मिलता रहें यह कामना करते हैं। कुल को कलंकित मत करना। गलत परम्पराओं को छोड़कर उस पर लगाम लगाएं। भक्ति देव, शास्त्र, गुरु के सामने करें। जैन गुरु का कर्तव्य है कि आपकी रक्षा करें। पुरानी अच्छी परम्पराएं समाप्त हो चुकी है। दूषित परम्पराओं को छोड़ें। स्वतंत्रता हो स्वच्छंद नहीं हो। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज एवं नवाचार्य समय सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज,निष्प्रह सागर महाराज,निष्कंप सागर महाराज एवं निष्काम सागर महाराज ने

भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा आयोजित क्षमावाणी कार्यक्रम में जैन कल्याण बोर्ड का गठन करने एवं सागर में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम आचार्य विद्यासागर महाराज के नाम से करने की घोषणा पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सराहना करते हुए आशिर्वाद दिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उक्त घोषणा के अलावा एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि विहार के दौरान मुनि, आचार्य,साधु -संत जब भी किसी निकाय या पंचायत से गुजरेंगे और उन्हें किसी शासकीय भवन की आवश्यकता होगी तो शासन उन्हें निःशुल्क और सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराएगा। मुनि संघ के साथ ही जैन समाज ने भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का उक्त सभी घोषणाओं के लिए आभार व्यक्त किया है।

“इस वर्ष 4 लाख 50 हजार विद्यार्थियों को मिलेंगी नि:शुल्क साइकिल,छात्रावास में पढ़ने वाली छात्राएँ भी होंगी लाभान्वित”

स्कूल शिक्षा विभाग इस वर्ष 2024-25 में नि:शुल्क साइकिल प्रदाय योजना में 4 लाख 50 हजार शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल प्रदान करेगा। इस संबंध में विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं । योजना में कक्षा-6 एवं 9 में प्रथम प्रवेश पर पात्र विद्यार्थियों को अध्ययन सुविधा के लिये नि:शुल्क साइकिल प्रदान की जाती है। योजना में पिछले वर्ष 4 लाख 7 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल प्रदान की गई थीं। योजना में उन छात्राओं को भी लाभ दिया जायेगा, जिनके छात्रावास और शासकीय स्कूल के बीच की दूरी 2 किलोमीटर या इससे ज्यादा हो। विभागीय अधिकारियों को साइकिल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखे जाने के लिये कहा गया है।

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