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आष्टा। आज तहसील कार्यालय में ग्रामीण क्षेत्र की एक सेवा सहकारी समिति मे 3 माह पूर्व जो मुद्दे,शिकायत,गम्भीर आरोप लगे थे,उस वक्त प्रशासन,सहकारिता विभाग,आपूर्ति विभाग ने गम्भीरता से नही लेने के कारण आज 3 माह पूर्व की वो चिंगारी शोला बन कर तहसील के गलियारों में गूंजी। सेवा सहकारी समिति पटारिया गोयल में कर्ज माफी में जो कुछ हुआ,समिति में किस तरह खाद्यान सामग्री वितरण में लूट मची,किस तरह 18 का घासलेट 40 तक बिका या बेचा गया,किस तरह सोसायटी के बोर में सेल्समैन ने अपनी जल मोटर डाल कर उस पर कब्जा किया जैसे एक नही कई गम्भीर आरोपो पर अगर प्रशासन समय रहते कार्यवाही करता तो आज तहसील का कार्यालय भ्रष्टाचार के गगनभेदी नारो से नही गूंजता,अधिकारियों को शर्मिंदा नही होना पढ़ता, प्रशासन के साथ साथ शासन की छबि धूमिल नही होती,लेकिन क्या करे आज कल सिस्टम ही ऐसा बन गया है,गर्जना के बाद ही जागने की आदत जो बन गई है। मामला था आज आपूर्ति अधिकारी द्वारा खाद्य वितरण की व्यवस्था को बिना सोचे समझे,उसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे को समझे बिना पटारिया गोयल सोसायटी से खाद्य वितरण बन्द कर लोरस खुर्द कर दिया इसको लेकर आज नाराज 4 ग्रामो के ग्रामीण भाजपा के तीन मंडल अध्यक्षो भगवानसिंह पटेल,अतुल शर्मा,प्रताप जाट के साथ तहसील ज्ञापन सौपने पहुचे,तहसील में कोई जिम्मेदार नही मिला तो नारेबाजी,आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गये।

ये घुंघरू जो बजते नही……!

ये खबर कुछ कांग्रेस के नेताओ को लग गई फिर क्या था,वे भी बिना तापना जलाये हाथ सेकने पहुच गये,ग्रामीणों के साथ वे भी कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे,एक मौका तो ज्ञापन के दौरान विवाद की स्तिथि जैसी बन गई पर मामला शांत रहा। आज भाजपा के मंडल अध्यक्ष अतुल शर्मा ने तो ऐसे ऐसे आरोप स्थानीय प्रशासन पर लगाये जिनको अगर गहराई से समझा जाये माना जाये तो यही कहा जा सकता है की क्या वाकई में आष्टा तहसील भ्रष्टाचार का ऐसा अड्डा बन गया है.?भाजपा नगर अध्यक्ष अतुल शर्मा,मैना मंडल अध्यक्ष भगवानसिंह मेवाड़ा ने आष्टा की उपस्तिथ पूरी प्रेस के सामने राजस्व,खनिज,पुलिस,सहकारिता,आपूर्ति विभाग आदि किसी को नही छोड़ा खुल कर उन्होंने कहा, कहा, क्या, क्या हो रहा है.! बताया। सबसे बड़ी बात आज भाजपा की सरकार में भाजपा के पदाधिकारियों को इतने गम्भीर आरोप लगाना पड़े,जब ये नेता इतने परेशान,पीड़ित,दुखी है तो अंदाजा लगाओ आम नागरिक कितना परेशान होता होगा.!
आज की घटना को जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को गम्भीरता से संज्ञान में लेना होगा,की आखिर क्यों आज इतना गम्भीर धुंआ उठा.?
वैसे आज मामले की गम्भीरता को देखते हुए राशन वितरण की व्यवस्था पूर्व की तरह करने के आदेश जारी होने पर नाराज ग्रामीण शांत हुए। आज जो आरोप प्रत्यारोप लगे उसमे कितनी सच्चाई है,ये तो जिन्हें देखना है वे जरूर देखेंगे,लेकिन आज उठा धुंआ जरूर कही तो कालिख पोतेगा.!

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