आष्टा। मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देव बड़ला बीलपान में मोनी अमस्या के पावन पर्व पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण में बने हुए कुंड के पवित्र जल से स्नान कर बिल्केश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की सुख शांति के लिए प्रार्थना की एवं राजस्थान के मिस्त्रीयो द्वारा लाल पत्थर से खेड़ापति सरकार का बन रहा मंदिर,एवं मंदिर की कलाकृति को देखकर श्रद्धालुओं ने प्रशंसा की।
कई दानदाताओं ने सहयोग राशि भी प्रदान की।
मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह भगत व कुँ. विजेंद्र सिंह भाटी ने बताया की विकास कार्य को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है यहां मंदिर क्षेत्र की सबसे बड़ी धरोहर हैं प्राचीन शिव मंदिर जल कुंड ऊंची पहाड़ियां घना जंगल श्रद्धालुओं को लुभाता है।
पुरातत्व विभाग द्वारा बनाए गए अति सुंदर काले पत्थरों के मंदिर ने यहां की शोभा बढ़ा दी है।
इतना सब कुछ होने के बावजूद भी 24 घंटे वाली बिजली, सड़क एवं सुलभ कांप्लेक्स जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी यह स्थल वंचित हैं।